जगदलपुर: दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के सचिव रमन्ना की मौत के बाद अब नक्सली संगठन ने बस्तर में नए लीडर की तलाश शुरू कर दी है. रमन्ना की मौत के बाद बस्तर में अपने संगठन को कमजोर पड़ता देख नक्सली संगठन ऐसे नक्सली को बस्तर की कमान सौंपने की तैयारी में हैं, जो इलाके में सलाना अच्छी उगाही के साथ-साथ बस्तर के लोकल नक्सलियों पर अपना दबाव बनाकर काम करवा सके.
हमेशा की तरह नक्सली ऐसे लीडर को बस्तर का दायित्व सौंपना चाहते हैं, जो बस्तर का लोकल नहीं होकर तेंलागाना या आंध्रप्रदेश का हो और तेलुगु भाषा का ज्ञानी हो. बताया जा रहा है कि बस्तर में नक्सली संगठन के गठन के की शुरूआत से ही नक्सली आंध्रप्रदेश के लीडर्स को बस्तर का दायित्व सौंपते आए हैं. ऐसा करने के पीछे स्थानीय नक्सलियों से अपने इशारे पर काम कराना और बस्तर के कॉन्ट्रेक्टर और तेंदुपत्ता के ठेकेदारों से उगाही को बड़ी वजह माना जाता रहा है.
गणेश उईके का विकल्प खोज रहा संगठन
लंबे समय से नक्सलियों के संगठन से जुड़े लोकल लीडर और सीसी मेंबर गणेश उईके के नाम पर सहमति तो बनी लेकिन पिछले कई महीनों से उसकी तबीयत खराब होने की वजह से अब नए नक्सली लीडर की तलाश नक्सली संगठन कर रहा है. संगठन आंध्रप्रदेश औj तेंलगाना के ही नेता को दायिवत्व सौंपने की तैयारी में है.
नक्सलियों गतिविधियों पर ध्यान रख रही पुलिस
सूत्रों के मुताबिक नक्सल संगठन के तीसरे नंबर के लीडर रामकृष्ण आरके, गणेश उईके, हरिभूषण राव और गुड्सा उसेंडी के नाम पर नक्सली संगठन में चर्चा चल रही है, फिलहाल बस्तर मे पिछले 7 दिंसबर से रमन्ना के मौत के बाद दण्डकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का पद खाली पड़ा है. नक्सली नए लीडर के चयन में लगे हुए हैं. फिलहाल बस्तर पुलिस नक्सलियों के इस पूरे गतिविधियों पर जानकारी जुटा रही है.