जगदलपुर: कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते जहां एक ओर शासन-प्रशासन इसकी रोकथाम के लिए जुटी हुई है, तो वहीं दूसरी तरफ इस कठिन परिस्थिति में नक्सलियों के दो अलग-अलग चेहरे सामने आए हैं. नक्सलियों ने सुकमा जिले के दोरनापाल के पास एक छोटे पुल को ब्लास्ट कर उड़ा दिया.
साथ ही जगदलपुर शहर से महज कुछ ही किमी की दूरी पर स्थित माचकोट तिरिया इलाके में जगह-जगह पोस्टर लगाकर कुछ लोगों को जान से मारने की धमकी भी दी है. वहीं ओडिशा और आंध्रप्रदेश के नक्सलियों ने कोरोना वायरस के चलते सुरक्षाबलों और मुखबिरों पर हमले नहीं करने की बात करते हुए ऑडियो टेप और पोस्टर जारी किया है.
पुलिस ने नक्सलियों से की थी गांव में नहीं घुसने की अपील
दरअसल आंध्रप्रदेश और ओडिशा की पुलिस ने पोस्टर के माध्यम से नक्सलियों को कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते ग्रामीणों की बैठक और नए लोगों को गांव में नहीं घुसने देने की अपील की थी, जिसके बाद नक्सली नेताओं और एओबी कमेटी के सचिव कैलाश ने ऑडियो टेप जारी करते हुए कोरोना वायरस के चलते सुरक्षाबलों और उनके मुखबिरों पर हमला नहीं करने की बात कही है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नक्सलियों का यह फैसला बड़े स्तर के नेताओं ने लिया है.
इस संकट की घड़ी में प्रशासन लोगों को मदद पंहुचाने में लगा हुआ है. पूरे देशभर में कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए 21 दिनों का लॉकडाउन लगाया गया है. ऐेसे में पुलिस-प्रशासन सभी लोगों को घर में रहने की सख्त हिदायत दे रहा है. इस महामारी के बीच सरकार भी नक्सलियों से उम्मीद जता रही थी कि इस संकट की घड़ी में नक्सली सुरक्षाबलों पर हमला नहीं करके मानवता का परिचय दें.
नक्सलियों ने पुलिस को दिया सीजफायर का प्रस्ताव
लॉकडाउन के बाद से छत्तीसगढ़ में सक्रिय नक्सली आए दिन छोटी-मोटी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे आंध्रप्रदेश और ओडिशा के नक्सलियों ने ऑडियो टेप जारी करते हुए सीजफायर किया है और सरकार से भी सीजफायर का पालन करने का प्रस्ताव दिया है.
20 लोगों को जान से मारने की दी धमकी
इधर सोमवार की रात नक्सलियों ने सुकमा जिले के दोरनापाल के पोलमपल्ली और गोरगुंडा जाने वाले मार्ग में स्थित एक छोटे पुल को ब्लास्ट कर क्षतिग्रस्त कर दिया. वहीं दूसरा मामला शहर से कुछ ही दूरी पर स्थित माचकोट के कावापाल गांव का है, जहां नक्सलियों ने पोस्टर चस्पा कर 20 लोगों को जान से मारने की धमकी दी है. ऐसे मे नक्सलियों की यह करतूत उनके दोहरे चेहरे को उजागर करता है.
बस्तर आईजी ने कही ये बात
वहीं बस्तर आईजी ने ओडिशा और आंध्रप्रदेश मे नक्सलियों द्वारा जारी सीजफायर के पर्चे और ऑडियो को बस्तर के लिए सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यहां लगातार नक्सली सक्रिय हैं और अंदरूनी इलाकों में नक्सलियों की मौजूदगी को देखते हुए पुलिस भी ऑपरेशन चला रही है. फिलहाल बस्तर या छत्तीसगढ़ में कहीं भी नक्सलियों द्वारा युध्दविराम या कोरोना से इस जंग के दौरान वारदात को अंजाम देने की बात नहीं कही है.