जगदलपुरः छत्तीसगढ़ की पर्वतारोही और बस्तर की बेटी नैना सिंह धाकड़ ने एक बार फिर बस्तर के साथ-साथ छत्तीसगढ़ का नाम रौशन किया है. नैना ने हाजरी दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट बेस कैंप पर तिरंगा लहराकर प्रदेश का नाम ऊंचा किया है. महिला दिवस पर नैना ने 5364 मीटर की चढ़ाई पर तिरंगा लहराकर 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' का संदेश दिया.
अपने देश का तिरंगा नेपाल के माउंट एवरेस्ट बेस कैंप पर अकेले लहराकर 9 दिनों के बाद भारत वापस लौटी नैना ने खुशी जताई है. उसने अपना सपना पूरा किया है. कुछ दिन पूर्व ही नैना सिंह ने सोशल मीडिया में मिशन सोलो एवरेस्ट बेस कैम्प ट्रैकिंग में जाने की जानकारी दी थी. जिसके बाद नैना ने अकेले ही 5364 मीटर में अकेले चढ़ाई कर बस्तर का नाम रौशन किया है.
न मां की मौत से हारीं, न अभाव ने तोड़ा, डॉक्टर बनेंगी बस्तर की ये बेटियां
बस्तर की द माउंटेन गर्ल ने रचा इतिहास
बस्तर की नैना सिंह धाकड़ द माउंटेन गर्ल के नाम से पूरे छत्तीसगढ़ में अपना नाम और पहचान बना चुकी है. लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में नैना सिंह धाकड़ ने जगह बनाई है. राज्य की एकमात्र पर्वतारोही नैना इससे पहले 2512 मीटर ऊंचे भागीरथी-2 को फतह कर तिरंगा और पुलिस ध्वज लहराया था. इस उपलब्धि के बाद बस्तर पुलिस ने उन्हें 2017 में अपना एंबेस्डर बनाया. इसके पहले नेपाल, भूटान और हिमाचल प्रदेश में भी वे पर्वतारोहण कर चुकी हैं. अब वे दुनिया के सबसे ऊंचे शिखर माउंट एवरेस्ट को फतह करना चाहती है.
बेटियां किसी से कम नहीं
कुछ दिन पहले ही नैना नेपाल के माउंट एवरेस्ट बेस कैंप पर जाने की इच्छा जाहिर की थी और आखिरकार उसने नेपाल के माउंट एवरेस्ट बेस कैंप पर अकेले ही सफर तय किया. करीब 5364 मीटर ऊंची माउंट पर पहुंचकर 8 मार्च महिला दिवस के मौके पर बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा बुलंद किया.