जगदलपुरः मिनी नियाग्रा के नाम से मशहूर चित्रकोट जलप्रपात की खबरों को मीडिया में लगातार चलाए जाने के बाद प्रशासन ने इंद्रावती नदी में बने कोसारटेडा बांध के गेट को खोल दिया है. इससे जलप्रपात की रौनक फिर से लौट आई है.
बस्तर की प्राणदायिनी कही जाने वाली इंद्रावती नदी में जल संकट आने के बाद यह पहला मौका है, जब चित्रकोट जलप्रपात के अस्तित्व को बचाने के लिए कोसारटेडा जलाशय से पानी छोड़ा गया है. कोसारटेडा बांध से पानी पहुंचने के बाद चित्रकोट जलप्रपात फिर से अपने अस्तित्व में आ गया है.
दो दिन पूर्व तक जलप्रपात पूरी तरह से सूख गया था, जिसके कारण जलप्रपात की खूबसूरती को निहारने पहुंचने वाले पर्यटकों में निराशा देखने को मिल रही थी.
नारायणपाल एनीकट का खोला गया गेट
दरअसल, कोसारटेडा जलाशय से एक दिन पूर्व पानी छोड़ा गया था, जिसे चित्रकोट जलप्रपात तक पहुंचने में करीब 30 घंटे का समय लगा. हालांकि इससे पहले ही शनिवार दोपहर को नारायणपाल एनीकट का गेट खोल दिया गया था. कोसारटेडा जलाशय के पानी को 70 किलोमीटर तक मारकंडी और नारंगी नदी से गुजरना पड़ा.
खतरा अब भी बरकरार
पानी आने से चित्रकोट जलप्रपात की खूबसूरती वापस लौट आई है, लेकिन यह खूबसूरती महज एक माह की है क्योंकि कोसारटेडा बांध में एक माह से ज्यादा का पानी नहीं है. ऐसे में यह कहना लाजमी होगा कि अभी भी चित्रकोट जलप्रपात के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है. स्थायी समाधान के लिए जिला प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है.