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जगदलपुरः मिनी नियाग्रा की लौटी खूबसूरती, लेकिन प्रशासन ने नहीं उठाया है ठोस कदम

प्रशासन ने इंद्रावती नदी में बने कोसारटेडा बांध के गेट को खोल दिया है. इससे जलप्रपात की रौनक फिर से लौट आई है.

मिनी नियाग्रा की लौटी खूबसूरती
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Published : Apr 21, 2019, 9:21 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST

जगदलपुरः मिनी नियाग्रा के नाम से मशहूर चित्रकोट जलप्रपात की खबरों को मीडिया में लगातार चलाए जाने के बाद प्रशासन ने इंद्रावती नदी में बने कोसारटेडा बांध के गेट को खोल दिया है. इससे जलप्रपात की रौनक फिर से लौट आई है.

मिनी नियाग्रा की लौटी खूबसूरती

बस्तर की प्राणदायिनी कही जाने वाली इंद्रावती नदी में जल संकट आने के बाद यह पहला मौका है, जब चित्रकोट जलप्रपात के अस्तित्व को बचाने के लिए कोसारटेडा जलाशय से पानी छोड़ा गया है. कोसारटेडा बांध से पानी पहुंचने के बाद चित्रकोट जलप्रपात फिर से अपने अस्तित्व में आ गया है.
दो दिन पूर्व तक जलप्रपात पूरी तरह से सूख गया था, जिसके कारण जलप्रपात की खूबसूरती को निहारने पहुंचने वाले पर्यटकों में निराशा देखने को मिल रही थी.

नारायणपाल एनीकट का खोला गया गेट
दरअसल, कोसारटेडा जलाशय से एक दिन पूर्व पानी छोड़ा गया था, जिसे चित्रकोट जलप्रपात तक पहुंचने में करीब 30 घंटे का समय लगा. हालांकि इससे पहले ही शनिवार दोपहर को नारायणपाल एनीकट का गेट खोल दिया गया था. कोसारटेडा जलाशय के पानी को 70 किलोमीटर तक मारकंडी और नारंगी नदी से गुजरना पड़ा.

खतरा अब भी बरकरार
पानी आने से चित्रकोट जलप्रपात की खूबसूरती वापस लौट आई है, लेकिन यह खूबसूरती महज एक माह की है क्योंकि कोसारटेडा बांध में एक माह से ज्यादा का पानी नहीं है. ऐसे में यह कहना लाजमी होगा कि अभी भी चित्रकोट जलप्रपात के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है. स्थायी समाधान के लिए जिला प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है.

जगदलपुरः मिनी नियाग्रा के नाम से मशहूर चित्रकोट जलप्रपात की खबरों को मीडिया में लगातार चलाए जाने के बाद प्रशासन ने इंद्रावती नदी में बने कोसारटेडा बांध के गेट को खोल दिया है. इससे जलप्रपात की रौनक फिर से लौट आई है.

मिनी नियाग्रा की लौटी खूबसूरती

बस्तर की प्राणदायिनी कही जाने वाली इंद्रावती नदी में जल संकट आने के बाद यह पहला मौका है, जब चित्रकोट जलप्रपात के अस्तित्व को बचाने के लिए कोसारटेडा जलाशय से पानी छोड़ा गया है. कोसारटेडा बांध से पानी पहुंचने के बाद चित्रकोट जलप्रपात फिर से अपने अस्तित्व में आ गया है.
दो दिन पूर्व तक जलप्रपात पूरी तरह से सूख गया था, जिसके कारण जलप्रपात की खूबसूरती को निहारने पहुंचने वाले पर्यटकों में निराशा देखने को मिल रही थी.

नारायणपाल एनीकट का खोला गया गेट
दरअसल, कोसारटेडा जलाशय से एक दिन पूर्व पानी छोड़ा गया था, जिसे चित्रकोट जलप्रपात तक पहुंचने में करीब 30 घंटे का समय लगा. हालांकि इससे पहले ही शनिवार दोपहर को नारायणपाल एनीकट का गेट खोल दिया गया था. कोसारटेडा जलाशय के पानी को 70 किलोमीटर तक मारकंडी और नारंगी नदी से गुजरना पड़ा.

खतरा अब भी बरकरार
पानी आने से चित्रकोट जलप्रपात की खूबसूरती वापस लौट आई है, लेकिन यह खूबसूरती महज एक माह की है क्योंकि कोसारटेडा बांध में एक माह से ज्यादा का पानी नहीं है. ऐसे में यह कहना लाजमी होगा कि अभी भी चित्रकोट जलप्रपात के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है. स्थायी समाधान के लिए जिला प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है.

Intro:जगदलपुर । देश में मिनी नियाग्रा के नाम से मशहूर चित्रकोट जलप्रपात के जलधारा में कुछ सुधार आया है। लगातार मीडिया द्वारा खबर चलाए जाने के बाद प्रशासन ने इंद्रावती नदी में बने कोसारटेडा बांध के गेट को खोल दिया हैं। बस्तर की प्राणदायिनी इंद्रावती नदी में जल संकट के बाद यह पहला मौका है जब भारत का मिनी नियाग्रा कहे जाने वाला चित्रकोट जलप्रपात के अस्तित्व को बचाने कोसारटेडा जलाशय से पानी छोड़ा गया है। कोसारटेडा बांध से पानी पहुंचने के बाद चित्रकोट जलप्रपात फिर से अपने अस्तित्व में आ गया है । और पहले की तरह जलप्रपात की रौनक लौट आई है। दो दिन पूर्व तक जलप्रपात पूरी तरह से सूख गया था जिसके कारण जलप्रपात की खूबसूरती को निहारने पहुंचने वाले पर्यटकों में निराशा झलक रही थी। क्योंकि चित्रकोट जलप्रपात की जलधारा काफी मनोरम नजर आती है और उसके कारण ही चित्रकोट जलप्रपात देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी विख्यात है। दरअसल चित्रकोट जलप्रपात के अस्तित्व में खतरा मंडराने के बाद कोसारटेडा जलाशय से 1 दिन पूर्व पानी छोड़ा गया था और चित्रकोट जलप्रपात तक पहुंचने में करीब 30 घंटे का समय लगा। हालांकि इसके पहले ही शनिवार दोपहर नारायणपाल एनीकट का गेट खोल दिया गया था। कोसारटेडा जलाशय के पानी को 70 किलोमीटर तक मारकंडी व नारंगी नदी से गुजरना पड़ा। इन नदियों में कई छोटे-बड़े स्टॉप डेम को पार करना पड़ा जिसके कारण काफी समय लग गया । हालांकि अब चित्रकोट जलप्रपात की खूबसूरती वापस लौट आई है लेकिन यह खूबसूरती महज 1 महीने की है। क्योंकि कोसारटेडा बांध में 1 महीने से ज्यादा का पानी नहीं है ऐसे में यह कहना लाजमी होगा कि अभी भी चित्रकोट जलप्रपात के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। और स्थायी समाधान के लिए जिला प्रशासन द्वारा अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है । लिहाजा इंद्रावती नदी में पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं होने से चित्रकोट जलप्रपात के साथ ही बस्तर वासियों में जल संकट का खतरा बना हुआ है।


Body:सर खबर एंकर विसुअल चलाये सन्डे होने के वजह से अधिकारी की बाईट नही हो पाई है।


Conclusion:
Last Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST
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