जगदलपुर: बढ़ती महंगाई और डीजल-पेट्रोल के दामों में आए दिन हो रही बढ़ोतरी के विरोध में बस्तर महिला कांग्रेस ने सोमवार को शहर के मुख्य बाजार में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
महिला कांग्रेस कमेटी के सदस्यों ने कहा कि बढ़ती महंगाई ने आम जनता की कमर तोड़ कर रख दी है. डीजल-पेट्रोल और रसोई गैस के दामों में लगातार हो रही बढ़ोतरी की वजह से यह सभी चीजें लोगों की पहुंच से दूर होती जा रही है. बढ़ती महंगाई को कम करने की मांग को लेकर महिला कांग्रेस ने राज्यपाल के नाम तहसीलदार को ज्ञापन भी सौंपा.
बढ़ते दामों पर केंद्र सरकार का नियंत्रण नहीं
महंगाई के विरोध में धरने पर बैठीं महिला कांग्रेस के सदस्यों ने कहा कि केंद्र सरकार लगातार पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस के दामों में बढ़ोतरी कर आम जनता की कमर तोड़ कर रख दी है. आलम यह है कि लोग एक बार फिर से जंगल से लकड़ियां जलाकर खाना पकाने को मजबूर हो रहे हैं. पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी की वजह से ऑटो चालको को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं सवारी वाहनों का किराया भी बढ़ा दिया गया है, जिससे सीधे-सीधे आम जनता की जेब में डाका डाला जा रहा है.
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केंद्र सरकार के दावे हो रहे खोखले साबित
बस्तर जैसे सुदूर अंचल में इस महंगाई की मार ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है. महिला कांग्रेस के सदस्यों ने आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने जितने बड़े-बड़े दावे किए थे वो सभी दावे खोखले साबित हो रहे हैं. गैस, डीजल-पेट्रोल के दामों में बढ़ोतरी के साथ-साथ, खाने-पीने की वस्तुओं में भी लगातार महंगाई बढ़ रही है. इसमें नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है.
बस्तर के लोग लकड़ी जलाकर खाना पकाने को मजबूर
महिला कांग्रेस के सदस्यों ने कहा कि इस बढ़ती महंगाई को लेकर भी बीजेपी के बड़े नेता पूरी तरह से चुप्पी साध रखे हैं. केंद्र सरकार आवश्यक वस्तुओं में लगातार वृद्धि करते जा रही है. अगर यही हाल रहा तो वह दिन दूर नहीं जब बस्तर के सभी लोग लकड़ियों से खाना पकाकर खाने के साथ बैलगाड़ी में घूमने के लिए मजबूर होंगे. रसोई गैस के दाम बढ़ाने की वजह से उज्जवला योजना के गैस सिलेंडर घर में धूल खा रहे हैं. दूसरी तरफ बढ़ते पेट्रोल-डीजल के दाम की वजह से ग्रामीण मीलों पैदल चलने के लिए मजबूर हो रहे हैं. ऐसे में केंद्र सरकार बस्तरवासियों के विकास के नाम पर केवल छलावा कर रही है.