जगदलपुर: बस्तर संभाग में जहां संसाधनों और सुविधाओं की कमी है, ऐसे ग्रामीण अंचलों में 102 महतारी एक्सप्रेस वाहन गर्भवती महिलाओं के लिए संजीवनी साबित हो रही है. शहर से लेकर गांव तक महतारी और संजीवनी वाहन गर्भवतियों के घर पहुंच कर सेवाएं दे रही हैं.
102 महतारी एक्सप्रेस के इंचार्ज संतोष ने बताया कि 2013 में महतारी एक्सप्रेस योजना की शुरुआत की गई थी, जिसके बाद से बस्तर संभाग के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों और पहुंच विहीन मार्गों में भी महतारी एक्सप्रेस की ओर से गर्भवती महिलाओं को सफलतापूर्वक अस्पताल पहुंचाया जाता है. कई बार गंभीर मामलों में टीम की ओर से वहीं ऑपरेशन का इंतजाम किया जाता है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि 2013 से लेकर अब तक 5 लाख 90 हजार से अधिक गर्भवती महिलाओं को इस सेवा का लाभ मिल चुका है.
मोबाइल नेटवर्क बनता है बाधा
हालांकि कमजोर मोबाइल नेटवर्क की वजह से घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रो में महतारी एक्सप्रेस समय पर नहीं पहुंच पाती है, लेकिन उन हालातो में भी टीम की कोशिश यही रहती है कि ज्यादा से ज्यादा गर्भवती महिलाओं को इसका लाभ मिल पाए.
गर्भवती महिलाओं के लिए वरदान साबित हुई महतारी एक्सप्रेस
इंचार्ज ने यह भी बताया कि बस्तर संभाग में कुल 74 महतारी एक्सप्रेस वाहन सेवा दे रहे हैं. खास कर बीजापुर, दंतेवाड़ा, सुकमा और नारायणपुर जैसे अति नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में महतारी एक्सप्रेस गर्भवती महिलाओं के लिए वरदान साबित हुई है.
प्रसव कराने की सफलतापूर्वक कोशिश की जाती है
इसके अलावा महतारी एक्सप्रेस के कर्मचारियों ने बताया कि कई बार ऐसे हालात भी देखने को मिलते हैं, जब गर्भवती महिलाओं को अस्पताल तक पहुंचाने की हालत नहीं होती, तो ऐसे समय में ग्रामीणों की मदद से उसी स्थान पर सफलतापूर्वक प्रसव कराने की कोशिश की जाती है और कई बार महिलाओं का सामान्य प्रसव भी कराया गया है.
ठंड और बारिश के मौसम में भी मिले महतारी एक्सप्रेस का लाभ
कर्मचारियों ने कहा कि कई बार नाजुक हालातों पर उनकी पहली प्राथमिकता मां और फिर उसके बच्चे दोनों को बचाना होता है. ठंड और बारिश के मौसम में भी टीम का प्रयास यही रहता है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक समय पर पहुंचा जा सके और इस योजना का लाभ बस्तर के ग्रामीण और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले महिलाओं को मिल सके.