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959 मरीजों का मोतियाबिंद ऑपरेशन कर महारानी अस्पताल बना प्रदेश में अव्वल - महारानी अस्पताल

जगदलपुर के शासकीय महारानी अस्पताल (maharani hospital jagdalpur) में अब तक 959 लोगों का मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया है. ऑपरेशन के मामले में महारानी अस्पताल सरगुजा और राजनांदगांव जैसे मेडिकल कॉलेज को पछाड़कर प्रदेश में नंबर वन बन गया है.

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मोतियाबिंद ऑपरेशन
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Published : Jul 19, 2021, 12:43 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

जगदलपुर: शासकीय महारानी अस्पताल (maharani hospital jagdalpur) के कायाकल्प के बाद अब बेहतर स्वास्थ सुविधा लोगों को मिल पा रही है. अस्पताल में संसाधन और उपकरणों की पूर्ति और सर्जरी के साथ ही मोतियाबिंद का सफल ऑपरेशन भी किया जा रहा है. बेहतर चिकित्सक और उपकरण होने की वजह से महारानी अस्पताल के डॉक्टरों ने अब तक 959 लोगों का मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया है. सभी ऑपरेशन सफल हुए.

महारानी अस्पताल बना प्रदेश में अव्वल.

मोतियाबिंद के चलते मरीजों की आंखों की रोशनी कम हो गई थी. कुछ मरीजों को तो बिल्कुल भी नजर नहीं आ रहा था. लेकिन ऑपरेशन के बाद अब सभी मरीज अच्छे से देख पा रहे हैं. खास बात ये है कि सभी ऑपरेशन नि:शुल्क हुए. मरीजों को सरकार की तरफ से सारी सुविधाएं उपलब्ध करवाई गईं हैं.

बता दें कि महारानी अस्पताल में ही प्रदेश में सबसे ज्यादा मोतियाबिंद के ऑपरेशन हुए. ऑपरेशन के मामले में महारानी अस्पताल सरगुजा और राजनांदगांव जैसे मेडिकल कॉलेज को पछाड़कर प्रदेश में नंबर वन बन गया है.

महारानी अस्पताल में ट्रामा सेंटर की मिलेगी सुविधा, बचेगी जिंदगी

प्रदेश में दूसरे नंबर पर सरगुजा का मेडिकल कॉलेज है तो तीसरे नंबर पर धमतरी जिला अस्पताल है. इसी तरह चौथे नंबर पर कोरिया, पांचवें नंबर पर सूरजपुर है. इधर महारानी अस्पताल में मोतियाबिंद का ऑपरेशन फ्री किया जाता है. वहीं इसका ऑपरेशन निजी अस्पताल में 15 से 30 हजार रुपए मरीजों को खर्च करने पड़ते हैं.

नेत्र विशेषज्ञ डॉ. अक्षय पाराशर ने बताया कि अलग-अलग निजी हॉस्पिटल अलग लैंस का उपयोग करते हैं. ऐसे में मरीजों से इस ऑपरेशन में लैंस के हिसाब से 15 से 30 हजार की रकम लेते हैं, लेकिन अस्पताल में मोतियाबिंद का ऑपरेशन पूरी तरह से निःशुल्क किया जा रहा है. पिछले 3 सालों से महारानी अस्पताल मोतियाबिंद के ऑपरेशन के मामले लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहा है.

महारानी अस्पताल के नवीनीकरण पर उठे सवाल, पहली बरसात में रिसाव

गौरतलब है कि कोरोना संक्रमणकाल की दूसरी लहर में जब लॉकडाउन लगा हुआ था. तब लोग घरों में बैठे थे और बाहर निकलने से भी कतरा रहे थे. इसी दौरान प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में लोगों की आंखों की रोशनी लौटाने का काम तेजी से चल रहा था.

मोतियाबिंद ऑपरेशन के मामले में प्रदेश का जगदलपुर महारानी अस्पताल नंबर एक पर है. महारानी जिला अस्पताल में साल 2020-21 में 959 ऑपरेशन हुए, जबकि सरगुजा मेडिकल कॉलेज में 644 और राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज में 357 ऑपरेशन हुए. महारानी अस्पताल में हुए सभी सफल ऑपरेशन के लिए अस्पताल के सिविल सर्जन के साथ ही नेत्र विभाग के सभी स्टाफ और चिकित्सकों ने बेहतर प्रदर्शन किया. 959 लोगों का मोतियाबिंद का सफल ऑपरेशन किया गया.

जगदलपुर: शासकीय महारानी अस्पताल (maharani hospital jagdalpur) के कायाकल्प के बाद अब बेहतर स्वास्थ सुविधा लोगों को मिल पा रही है. अस्पताल में संसाधन और उपकरणों की पूर्ति और सर्जरी के साथ ही मोतियाबिंद का सफल ऑपरेशन भी किया जा रहा है. बेहतर चिकित्सक और उपकरण होने की वजह से महारानी अस्पताल के डॉक्टरों ने अब तक 959 लोगों का मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया है. सभी ऑपरेशन सफल हुए.

महारानी अस्पताल बना प्रदेश में अव्वल.

मोतियाबिंद के चलते मरीजों की आंखों की रोशनी कम हो गई थी. कुछ मरीजों को तो बिल्कुल भी नजर नहीं आ रहा था. लेकिन ऑपरेशन के बाद अब सभी मरीज अच्छे से देख पा रहे हैं. खास बात ये है कि सभी ऑपरेशन नि:शुल्क हुए. मरीजों को सरकार की तरफ से सारी सुविधाएं उपलब्ध करवाई गईं हैं.

बता दें कि महारानी अस्पताल में ही प्रदेश में सबसे ज्यादा मोतियाबिंद के ऑपरेशन हुए. ऑपरेशन के मामले में महारानी अस्पताल सरगुजा और राजनांदगांव जैसे मेडिकल कॉलेज को पछाड़कर प्रदेश में नंबर वन बन गया है.

महारानी अस्पताल में ट्रामा सेंटर की मिलेगी सुविधा, बचेगी जिंदगी

प्रदेश में दूसरे नंबर पर सरगुजा का मेडिकल कॉलेज है तो तीसरे नंबर पर धमतरी जिला अस्पताल है. इसी तरह चौथे नंबर पर कोरिया, पांचवें नंबर पर सूरजपुर है. इधर महारानी अस्पताल में मोतियाबिंद का ऑपरेशन फ्री किया जाता है. वहीं इसका ऑपरेशन निजी अस्पताल में 15 से 30 हजार रुपए मरीजों को खर्च करने पड़ते हैं.

नेत्र विशेषज्ञ डॉ. अक्षय पाराशर ने बताया कि अलग-अलग निजी हॉस्पिटल अलग लैंस का उपयोग करते हैं. ऐसे में मरीजों से इस ऑपरेशन में लैंस के हिसाब से 15 से 30 हजार की रकम लेते हैं, लेकिन अस्पताल में मोतियाबिंद का ऑपरेशन पूरी तरह से निःशुल्क किया जा रहा है. पिछले 3 सालों से महारानी अस्पताल मोतियाबिंद के ऑपरेशन के मामले लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहा है.

महारानी अस्पताल के नवीनीकरण पर उठे सवाल, पहली बरसात में रिसाव

गौरतलब है कि कोरोना संक्रमणकाल की दूसरी लहर में जब लॉकडाउन लगा हुआ था. तब लोग घरों में बैठे थे और बाहर निकलने से भी कतरा रहे थे. इसी दौरान प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में लोगों की आंखों की रोशनी लौटाने का काम तेजी से चल रहा था.

मोतियाबिंद ऑपरेशन के मामले में प्रदेश का जगदलपुर महारानी अस्पताल नंबर एक पर है. महारानी जिला अस्पताल में साल 2020-21 में 959 ऑपरेशन हुए, जबकि सरगुजा मेडिकल कॉलेज में 644 और राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज में 357 ऑपरेशन हुए. महारानी अस्पताल में हुए सभी सफल ऑपरेशन के लिए अस्पताल के सिविल सर्जन के साथ ही नेत्र विभाग के सभी स्टाफ और चिकित्सकों ने बेहतर प्रदर्शन किया. 959 लोगों का मोतियाबिंद का सफल ऑपरेशन किया गया.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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