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VIDEO : बलि प्रथा पर लखमा का बड़ा बयान, धरमलाल का पलटवार - जात्रा के दौरान बलिप्रथा

आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने बलि प्रथा को लेकर बड़ा बयान दिया है, जिसके बाद से लखमा विपक्ष के घेरे में आ गए हैं.

बलि प्रथा पर भिड़े लखमा-धरमलाल
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Published : Oct 20, 2019, 11:11 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST

जगदलपुर: चित्रकोट विधानसभा उपचुनाव प्रचार के दौरान सभी दलों के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. अपने बयानों से विवादों में रहने वाले मंत्री कवासी लखमा ने फिर एक बार बड़ा बयान दिया है. इस बयान के बाद से वे विपक्ष के निशाने पर हैं.

बलि प्रथा पर भिड़े लखमा-धरमलाल

आबकारी मंत्री लखमा ने अपने गृहग्राम में जात्रा पूजा के दौरान कहा कि 'पिछले 12 सालों से उनके विधानसभा क्षेत्र के नागारास में जात्रा के दौरान भैंस की बलि की प्रथा बीजेपी सरकार के चलते बंद हो गई थी. इसे अब दोबारा शुरू किया जाएगा. आज भी मैं उस बात पर कायम हूं. हिंदुस्तान के कई जगह जैसे असम और नेपाल में बलि दी जाती है, इसे कौन रोकेगा. ये आस्था का त्योहार है. क्योंकि बस्तर में आदिवासियों के त्योहार और जात्रा के दौरान बलिप्रथा प्रचलित है, जिसमें मुर्गा और बकरों की बलि दी जाती है. ये आदिवासियों के संस्कृति का एक हिस्सा है.'

धरमलाल का पलटवार

मंत्री लखमा के इस बयान पर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने पलटवार करते हुए कहा कि 'महात्मा गांधी की 150वीं जंयती चल रही हैं और महात्मा गांधी अंहिसा के पुजारी हैं. अपने आप को उनके अनुयायी बताने वाले कांग्रेसी गांधीजी के विचारधारा पर चल रहे हैं कि उनका पलीता लगा रहे हैं, यह हम नहीं बोल रहे ये उनके मंत्री खुद सिध्द कर रहे हैं.

जगदलपुर: चित्रकोट विधानसभा उपचुनाव प्रचार के दौरान सभी दलों के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. अपने बयानों से विवादों में रहने वाले मंत्री कवासी लखमा ने फिर एक बार बड़ा बयान दिया है. इस बयान के बाद से वे विपक्ष के निशाने पर हैं.

बलि प्रथा पर भिड़े लखमा-धरमलाल

आबकारी मंत्री लखमा ने अपने गृहग्राम में जात्रा पूजा के दौरान कहा कि 'पिछले 12 सालों से उनके विधानसभा क्षेत्र के नागारास में जात्रा के दौरान भैंस की बलि की प्रथा बीजेपी सरकार के चलते बंद हो गई थी. इसे अब दोबारा शुरू किया जाएगा. आज भी मैं उस बात पर कायम हूं. हिंदुस्तान के कई जगह जैसे असम और नेपाल में बलि दी जाती है, इसे कौन रोकेगा. ये आस्था का त्योहार है. क्योंकि बस्तर में आदिवासियों के त्योहार और जात्रा के दौरान बलिप्रथा प्रचलित है, जिसमें मुर्गा और बकरों की बलि दी जाती है. ये आदिवासियों के संस्कृति का एक हिस्सा है.'

धरमलाल का पलटवार

मंत्री लखमा के इस बयान पर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने पलटवार करते हुए कहा कि 'महात्मा गांधी की 150वीं जंयती चल रही हैं और महात्मा गांधी अंहिसा के पुजारी हैं. अपने आप को उनके अनुयायी बताने वाले कांग्रेसी गांधीजी के विचारधारा पर चल रहे हैं कि उनका पलीता लगा रहे हैं, यह हम नहीं बोल रहे ये उनके मंत्री खुद सिध्द कर रहे हैं.

Intro:जगदलपुर। चित्रकोट विधानसभा उपचुनाव मे जंहा एक ओर चुनावी प्रचार प्रसार के दौरान तीनो ही मुख्य दलो के बडे नेताओ मे आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है, वही दूसरी तरफ हमेशा से ही अपने बयानबाजी से विवादो मे रहने वाले मंत्री कवासी लखमा चुनाव से हटकर अपने एक बयान से विपक्ष के निशाने मे आ गये है। 


Body:दरअसल कवासी लखमा ने अपने गृहग्राम मे एक जात्रा पूजा के दौरान एक बडा बयान  दिया था जिसमे मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि पिछले 12 सालों से उनके विधानसभा क्षेत्र के नागारास मे जात्रा के दौरान भैंस की बलि प्रथा भाजपा सरकार के चलते बंद हो गई है, और इसे अब दोबारा शुरू किया जायेगा,मंत्री  कवासी लखमा ने कहा कि आज भी मैं उस बात मे कायम हुं। लखमा ने कहा कि हिंदुस्तान के कई जगहो मे जैसे आसाम और नेपाल मे बलि दी जा ती है इसे कौन रोकेगा। यह आस्था का त्यौहार है। क्योकि बस्तर मे आदिवासियो के त्यौहार और जात्रा के दौरान बलिप्रथा प्रचलित है। जिसमे मुर्गा ,बकरों की बलि दी जाती है, और यह आदिवासियो के संस्कृति का एक हिस्सा है।


Conclusion:वही इस बयान पर नेताप्रतिपत्र ने पलटवार करते हुए कहा कि महात्मा गांधी की 150 जंयती चल रही है और महात्मा गांधी अंहिसा के पुजारी है, अपने आप को उनके अनुयायी बताने वाले कांग्रेसी गांधी जी के विचारधारो पे चल रहे है कि उनका पलिता लगा रहे है यह हम नही बोल रहे ये उनके मंत्री खुद सिध्द कर रहे है।
बाईट1- कवासी लखमा,उद्योग मंत्री

बाईट2- धरमलाल कौशिक , नेता प्रतिपक्ष भाजपा
Last Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST
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