जगदलपुर: बस्तर के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है. चुनाव परिणाम ने कांग्रेस विधायकों को चिंता में डाल दिया है. कांग्रेस के नेता बस्तर में मिली इस हार का ठीकरा कार्यकर्ताओं पर फोड़ने में लगे हुए है. साथ ही पार्टी के नेताओं में अंर्तकलह को भी हार की वजह बता रहे हैं.
बस्तर में विधानसभा, लोकसभा, दो उप चुनाव और नगरीय निकाय में बेहतर प्रदर्शन करने वाली कांग्रेस पार्टी को पंचायत चुनाव में करारी हार मिली है. जिला पंचायत सदस्य के 15 सीटों में से 11 सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों ने विजय हासिल की है. भाजपा ने जिला पंचायत में अपना अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का रास्ता बना लिया हैं. बस्तर में कांग्रेस को मिली इस हार के पीछे का कारण नेताओं में आपसी गुटबाजी को बताया जा रहा है. हालांकि बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष और बस्तर विधानसभा के विधायक लखेश्वर बघेल इस हार के लिए कांग्रेस समर्थित एक से अधिक प्रत्याशी चुनाव में खडे़ होने की वजह बता रहे हैं.
गुटों में बटे कार्यकर्ता और मतदाता
विधायक का कहना है कि 'एक से अधिक कांग्रेस समर्थित प्रत्याशियों के चुनाव में खडे़ होने की वजह कार्यकर्ता आपस में बंट गये और मतदाताओं में संशय की स्थिति उत्पन्न होने से कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा. इसके अलावा वे खुद मान रहे है कि 'आपसी कलह की वजह से भी बस्तर जिले में कांग्रेस को जिला पंचायत में करारी हार मिली'. हालाकि विधायक ने बताया कि 'बस्तर संभाग के अधिकतर जिलों में कांग्रेस के पंच संरपच और जनपद सदस्यों ने बाजी मारी है. कई ग्रामों में कांग्रेस की सरकार बनी है'.
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गौरतलब है कि इस चुनाव में दोनों ही बडे़ कांग्रेस नेता जया ध्रुव और रूकमणी कर्मा को अपने उम्मीदवार से करारी हार मिली.