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जगदलपुर: स्कूल में शिक्षक एक बच्चे अनेक, कैसे संवरेगा नौनिहालों का भविष्य

बस्तर के कंगोली प्राथमिक शाला में एक शिक्षक के भरोसे 59 बच्चों को छोड़ दिया गया है. ये शिक्षक बारी-बारी से एक से लेकर पांचवीं तक की कक्षाओं में बच्चों को पढ़ाता है.

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Published : Jul 10, 2019, 6:24 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST

स्कूल में शिक्षक एक, बच्चे अनेक, कैसे संवरेगा नौनिहालों को भविष्य

जगदलपुर: बस्तर से लगे कंगोली में प्राथमिक शाला भी शिक्षकों के कमी से जूझ रहा है. शिक्षकों के अभाव में जहां शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है. वहीं स्कूल के अन्य कार्यों के संचालन पर असर देखने को मिल रहा है.

स्कूल में शिक्षक एक, बच्चे अनेक, कैसे संवरेगा नौनिहालों को भविष्य

दरअसल, इस स्कूल में पहली से पांचवीं तक कक्षाएं संचालित की जाती हैं, जिनमें कुल 59 बच्चे पढ़ते हैं, लेकिन इन 59 बच्चों को पढ़ाने के लिए सिर्फ एक शिक्षक है. स्कूल के हेड मास्टर का कहना है कि, 'वे बारी-बारी से सभी कक्षाओं का संचालन करते हैं. ऐसे में उन्हें काफी समस्याएं आती हैं'.

पढ़ें- SPECIAL: किताबों की टेंशन को जाइए भूल, यहां स्टडी होती है VERY COOL

बच्चों को संभालना मुश्किल- शिक्षिक

उन्होंने बताया कि, 'एक कक्षा के संचालन के दौरान बाकि कक्षाएं खाली रहती हैं. बच्चों को संभालना मुश्किल हो जाता है. बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होने के साथ-साथ स्कूल के काम भी पूरे नहीं हो पाते हैं. कई बार जिले के शिक्षा अधिकारी को लिखित में आवेदन देकर शिक्षक की मांग करने के बावजूद अब तक किसी शिक्षक की नियुक्ती नहीं की गई है'.

बाकी विषयों पर ध्यान नहीं दे पाते हैं हेड

इधर शिक्षकों की कमी पर बच्चों ने कहा कि, 'उनकी पढ़ाई आधी-अधूरी होती है. हेड मास्टर भी एक क्लास लेते हैं. और बाकि विषयों की पढ़ाई नहीं हो पाती है'.
शिक्षा विभाग के नियम के अनुसार 30 विद्यार्थियों में एक शिक्षक और 60 विद्यार्थियों में 2 शिक्षक होने जरूरी हैं, लेकिन जिले में ऐसी दर्जनों प्राथमिक शालाएं हैं, जहां एक शिक्षक के भरोसे स्कूल संचालित हो रहे हैं.

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मामले में वार्ड पार्षद का कहना है कि, 'स्कूल में शिक्षकों की कमी के साथ जर्जर भवन और परिसर मे बाउंड्रीवाल का भी अभाव है. ऐसे में वे जल्द जिला प्रशासन के अधिकारियों को इस समस्या से अवगत कराकर समस्या के निराकरण की मांग करेंगे. वहीं इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी बाहर होने का हवाला देते हुए कुछ भी कहने से बच रहे हैं.

जगदलपुर: बस्तर से लगे कंगोली में प्राथमिक शाला भी शिक्षकों के कमी से जूझ रहा है. शिक्षकों के अभाव में जहां शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है. वहीं स्कूल के अन्य कार्यों के संचालन पर असर देखने को मिल रहा है.

स्कूल में शिक्षक एक, बच्चे अनेक, कैसे संवरेगा नौनिहालों को भविष्य

दरअसल, इस स्कूल में पहली से पांचवीं तक कक्षाएं संचालित की जाती हैं, जिनमें कुल 59 बच्चे पढ़ते हैं, लेकिन इन 59 बच्चों को पढ़ाने के लिए सिर्फ एक शिक्षक है. स्कूल के हेड मास्टर का कहना है कि, 'वे बारी-बारी से सभी कक्षाओं का संचालन करते हैं. ऐसे में उन्हें काफी समस्याएं आती हैं'.

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बच्चों को संभालना मुश्किल- शिक्षिक

उन्होंने बताया कि, 'एक कक्षा के संचालन के दौरान बाकि कक्षाएं खाली रहती हैं. बच्चों को संभालना मुश्किल हो जाता है. बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होने के साथ-साथ स्कूल के काम भी पूरे नहीं हो पाते हैं. कई बार जिले के शिक्षा अधिकारी को लिखित में आवेदन देकर शिक्षक की मांग करने के बावजूद अब तक किसी शिक्षक की नियुक्ती नहीं की गई है'.

बाकी विषयों पर ध्यान नहीं दे पाते हैं हेड

इधर शिक्षकों की कमी पर बच्चों ने कहा कि, 'उनकी पढ़ाई आधी-अधूरी होती है. हेड मास्टर भी एक क्लास लेते हैं. और बाकि विषयों की पढ़ाई नहीं हो पाती है'.
शिक्षा विभाग के नियम के अनुसार 30 विद्यार्थियों में एक शिक्षक और 60 विद्यार्थियों में 2 शिक्षक होने जरूरी हैं, लेकिन जिले में ऐसी दर्जनों प्राथमिक शालाएं हैं, जहां एक शिक्षक के भरोसे स्कूल संचालित हो रहे हैं.

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मामले में वार्ड पार्षद का कहना है कि, 'स्कूल में शिक्षकों की कमी के साथ जर्जर भवन और परिसर मे बाउंड्रीवाल का भी अभाव है. ऐसे में वे जल्द जिला प्रशासन के अधिकारियों को इस समस्या से अवगत कराकर समस्या के निराकरण की मांग करेंगे. वहीं इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी बाहर होने का हवाला देते हुए कुछ भी कहने से बच रहे हैं.

Intro:जगदलपुर। बस्तर मे इस शिक्षा सत्र मे भी शिक्षको की कमी छात्रो के बेहतर शिक्षा के लिए मुख्य समस्या बनी हुई है। ग्रामीण अंचलो के साथ साथ शहर मे स्थित कंगोली  प्राथमिक शाला भी शिक्षकों के कमी से जूझ रहा है। बच्चों की संख्या औसत से अधिक होने के बावजूद यहां शिक्षकों की पर्याप्त व्यवस्था नहीं हो सकी है। शिक्षकों के अभाव में जहां शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। वहीं स्कूल के अन्य कार्यों के संचालन पर भी गुणवत्ता का अभाव देखने को मिल रहा है।


 



Body:शहर के कंगोली मे स्थित प्राथमिक शाला की स्थिति दयनीय है। जर्जर हो चुका स्कूल  भवन और दर्ज बच्चो की संख्या के आधार पर शिक्षको की कमी बच्चो की भविष्य पर रोढा बनी हुई है। दरअसल इस स्कूल मे पहली से पांचवी तक कक्षाएं लगती है, औऱ कुल बच्चो की संख्या 59 है। स्कूल के हेड मास्टर का कहना है कि वे बारी-बारी से सभी कक्षा का संचालन करते हैं। ऐसे में स्पष्ट समस्या देखने को मिलती है कि एक कक्षा के संचालन के दौरान बाकि कक्षाएं खाली रहते हैं। बच्चों को सम्हालना मुश्किल होता है और बच्चे इधर-उधर भागने लगते हैं। बच्चो की पढाई प्रभावित होने के साथ साथ बाकि स्कूल के काम भी पूरे नही हो पाते है, कई बार जिले के शिक्षा अधिकारी को लिखीत मे आवेदन देकर शिक्षक की मांग करने के बावजुद अब तक  किसी शिक्षक की नियुक्ती नही हो पाई है।


Conclusion:इधर शिक्षको की कमी से बच्चो ने भी बताया कि उनकी पढाई आधी अधूरी होती है, हेड मास्टर द्वारा एक क्लास लिया जाता है और बाकि विषयो पर पढाई नही हो पाती है। शिक्षा विभाग के नियम के अनुसार 30 विद्यार्थियों में एक शिक्षक और 60 विद्यार्थियों में 2 शिक्षक हो सकते हैं। और दोनों ही शिक्षकों को पांचों कक्षाओं को देखना पड़ता है। लेकिन जिले के एसे दर्जनो प्राथमिक शालाएं है जंहा एक शिक्षक के भरोसे स्कूल संचालित की जा रही है और बच्चो की पढाई प्रभावित हो रही है। कंगोली क्षेत्र के वार्ड पार्षद का कहना है कि स्कूल मे शिक्षको की कमी के साथ जर्जर भवन और परिसर मे बॉउंड्रीवॉल का भी अभाव है,ऐसे मे वे जल्द जिला प्रशासन के बडे अधिकारी को इस समस्या से अवगत कराकर समस्या के निराकरण की मांग करेंगे। इधर इस मामले मे जिले के शिक्षा अधिकारी बाहर होने का हवाला देते हुए कुछ भी कहने से बच रहे है।

बाईट1- एम गोविंद राव, हेड मास्टर
बाईट2- शैलेष , छात्र
बाईट3- संतोषी कश्यप, छात्रा
बाईट4- संग्राम सिंह राणा, वार्ड पार्षद  
Last Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST
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