जगदलपुरः ब्लैक फंगस (black fungus in chhattisgarh) से निपटने के लिए जगदलपुर मेडिकल कॉलेज (Jagdalpur Medical College) में अलग वार्ड तैयार कर लिया गया है. जहां डॉक्टरों की तैनाती भी कर दी गई है, लेकिन इसके इलाज के लिए अहम दवा और इंजेक्शन ही नहीं है. वहीं ब्लैक फंगस की जांच के लिए जो एमआरआई (MRI) और अन्य मशीनों की जरूरत होती है वह भी मेडिकल कॉलेज के पास मौजूद नहीं है.
मेडिकल कॉलेज प्रबंधन से मिली जानकारी के मुताबिक हॉस्पिटल प्रबंधक के पास सरकार की तरफ से कोई दवा या मशीन नहीं दी गई है, जिससे कि इलाज किया जा सके. वहीं स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव की तरफ से जारी निर्देश के अनुसार व्यवस्था कर दी गई है. जिसमें बेड और अन्य संसाधन शामिल हैं. विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कोविड काल के पहले की दवा एंटी फंगल इंजेक्शन उनके पास मौजूद है, जिससे इलाज किया जा सकता है.
एंटी फंगल इंजेक्शन महत्वपूर्ण
कोविड प्रभारी डॉक्टर नवीन दुल्हानी का कहना है कि मरीज के लिए सबसे अहम एंटी फंगल इंजेक्शन होता है. जो मरीज के बॉडी वेट के अनुसार हर कुछ घंटे में उसे दिया जाता है. ऐसे में कई बार एक मरीज को 50 से अधिक इंजेक्शन भी लग सकता है. इसलिए यह अधिक संख्या में उपलब्ध होना आवश्यक है, जिससे कि मरीज का बेहतर इलाज हो सके.
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कलेक्टर ने कहा दवाइयां उपलब्ध हैं
बस्तर कलेक्टर रजत बंसल का कहना है कि ब्लैक फंगस की कुछ दवाइयां उपलब्ध हो गई हैं. छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विस कॉर्पोरेशन (CGMSC) से मेडिकल कॉलेज के डीन लगातार संपर्क में हैं. यहां पर दवाइयों की कमी नहीं होगी. समय-समय पर दवाइयों की पूर्ति की जाएगी.
जिला प्रशासन ब्लैक फंगस के लिए दवाई की कमी नहीं होने की बात कह रहा है. वहीं कुछ ही दिन पहले ब्लैक फंगस से एक व्यक्ति की जान भी चली गई थी. बावजूद इसके प्रशासन अभी भी दवाइयों की पूर्ति नहीं कर पाया है. ना ही ब्लैक फंगस को लेकर गंभीर दिखाई दे रहा है.