जगदलपुर: कोरोना संकट की वजह से पूरे देश में किए गए लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर दूसरे राज्यों में मजदूरी करने के लिए गए लोगों पर पड़ा है. लॉकडाउन की वजह से फंसे इन मजदूरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जगदलपुर में भी नगरनार में निर्माणाधीन NMDC स्टील प्लांट में मजदूरी करने आए झारखंड के लगभग 15 मजदूरों को ठेकेदार ने काम बंद होने की वजह से निकाल दिया है. जिसकी वजह से अब इन मजदूरों के सामने जीवनयापन की परेशानी खड़ी हो गई है.
ये मजदूर झारखंड के रहने वाले हैं, जो सोमवार को जगदलपुर से अपने घरों की ओर जाने के लिए 1000 किमी पैदल ही निकल पड़े. लगभग 25 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद पुलिस की पेट्रोलिंग पार्टी ने इन्हें रोका और पूछताछ के बाद इन्हें अपने साथ कोतवाली थाने ले आई. फिलहाल कोतवाली पुलिस ने इन मजदूरों को भोजन देने के साथ ही राहत शिविर में इनके ठहरने का इंतजाम किया है.
NMDC प्रबंधन ने नहीं ली सुध
नगरनार से अपने गृह ग्राम झारखंड के लिए पैदल निकले 11 मजदूरों में से एक रविंद्र यादव ने बताया कि पिछले 19 मार्च से नगरनार एनएमडीसी स्टील प्लांट में काम बंद कर दिया गया है. उसके बाद से वे वहां पर बड़ी मजबूरी में रह रहे थे. 19 मार्च को उनके ठेकेदार ने थोड़े बहुत पैसे दिए, जिससे उन्होंने सप्ताह भर अपना भेट भरा, लेकिन उसके बाद ठेकेदार के साथ ही NMDC प्रबंधन ने भी इन मजदूरों की तरफ से अपने हाथ खींच लिए.
उसके बाद इन मजदूरों ने नगरनार थाने में मदद की गुहार लगाई. इन्हें वहां कुछ दिनों का चावल और दाल मिला. उसके बाद वहां से भी उन्हें मदद मिलनी बंद हो गई. जिसके बाद रविवार देर रात 2 बजे नगरनार प्लांट से निकले इन मजदूरों ने एक हजार किलोमीटर की दूरी पैदल तय कर अपने गृह ग्राम झारखंड जाने का मन बना लिया और 11 मजदूर अपने सामानों के साथ नेशनल हाईवे पर निकल पड़े.
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राहत शिविर में रखने की जा रही व्यवस्था
पेट्रोलिंग पार्टी की नजर पड़ने के बाद इन्हें फिलहाल कोतवाली थाने लाया गया और वहां से इन्हें बस की मदद से राहत शिविर भेजने की तैयारी की जा रही है. प्रशासन के लाख समझाने के बाद भी ठेकेदार ने इन मजदूरों को रखने और इनके खाने-पीने की व्यवस्था से अपना हाथ खींच लिया है, लिहाजा इन मजदूरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. फिलहाल जिला प्रशासन इन्हें राहत शिविर में ठहराने की व्यवस्था कर रहा है.
गौरतलब है कि स्टील प्लांट में 20 अप्रैल से दोबारा काम शुरू किया गया है, लेकिन जिस कंपनी में यह मजदूर काम करते हैं उसका काम दोबारा शुरू नहीं हो सका, इस वजह से इनके सामने घर जाने की नौबत आई.