जगदलपुर : दरभा ब्लॉक के ग्रामीण मजदूरों ने गुरुवार को वन विभाग के कांगेरघाटी राष्ट्रीय उद्यान कार्यालय का घेराव किया. सैकड़ों की संख्या में कार्यालय का घेराव करने पहुंचे ग्रामीणों ने विभाग के अधिकारियों पर पिछले डेढ़ साल से उनकी मजदूरी का भुगतान नहीं करने का आरोप लगाया है.
कार्यालय का घेराव करने पहुंचे ग्रामीण मजदूरों ने बताया कि, 'वन विभाग के अधिकारियों ने दरभा ब्लॉक के मावली पदर ग्राम, कोलेंग ग्राम और कोटम्बसर ग्रामीण क्षेत्र में लाइन कटाई, फायर वाचर, वॉच टावर, चेक डैम का निर्माण जैसे कार्यों में लगभग 300 से अधिक स्थानीय ग्रामीण मजदूरों को लगाया था और हर ग्रामीण मजदूर को 271 रुपए दिहाड़ी देने की बात कही थी'.
डेढ़ साल से नहीं मिली मजदूरी
ग्रामीणों का आरोप है कि, 'काम खत्म होने पर जब उन्होंने मजदूरी मांगी तो अधिकारी उन्हें घुमाते रहे और पिछले डेढ़ साल से वो अपनी मजदूरी के लिए अधिकारियों और कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं'.
अधिकारी लगवा रहे चक्कर
ग्रामीणों ने कहा कि, 'जब भी वो अधिकारियों से मिलने आते हैं तो उन्हें साहब नहीं है कहकर वापस लौटा दिया जाता है या फिर पैसा कल मिलेगा इस तरह के बहानेबाजी की जाती है. घेराव करने वाले मजदूरों में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हैं, जिनका कहना है कि, 'पैसा नहीं मिलने की वजह से उन्हें आर्थिक तंगी से जूझना पड़ रहा है'.
25-30 लाख का भुगतान बाकी
बताया जा रहा है कि, विभाग के अधिकारियों द्वारा 300 से ज्यादा मजदूरों से काम करवाया गया है, जिनकी मजदूरी 25 से 30 लाख रुपए होती है, जिसका भुगतान बाकी है, लेकिन अधिकारी पिछले डेढ़ साल से मजूदरों से चक्कर लगवा रहे हैं. जिसके विरोध में ग्रामीण कार्यालय का घेराव करने पहुंचे थे.
नदारद थे अधिकारी
मजदूरों द्वारा कार्यालय घेराव की सूचना मिलते ही अधिकारी कार्यालय से रफूचक्कर हो गए. जब एक ग्रामीण मजदूर ने विभाग के रेंजर व जिम्मेदार अधिकारी अशोक सोनवानी को फोन लगाकर कार्यालय बुलाना चाहा तो अधिकारी ने कल मिलने की बात कहते हुए फोन काट दिया.
अधिकारियों पर खड़े हो रहे सवाल
हर साल विभाग द्वारा विभिन्न विकास कार्यों के लिए बजट जारी किया जाता है और मार्च महीने तक सभी के रुके हुए भुगतान कर दिए जाने के आदेश दिए जाते हैं. ऐसे में पिछले डेढ़ साल से विभाग के इन जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा इन ग्रामीण मजदूरों को भुगतान नहीं करना कई सवालों को खड़े करता है.