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जगदलपुर : डेढ़ साल से नहीं मिली मजदूरी, मजदूरों के सामने खड़ा हुआ रोजी-रोटी का संकट - मजदूरों को नहीं मिली मजदूरी

मजदूरों ने गुरुवार को वन विभाग के कांगेरघाटी राष्ट्रीय उद्यान कार्यालय का घेराव किया. कार्यालय का घेराव करने पहुंचे ग्रामीण मजदूरों ने बताया कि डैम का निर्माण जैसे कार्यों में लगभग 300 से अधिक स्थानीय ग्रामीण मजदूरों को लगाया था और हर ग्रामीण मजदूर को 271 रुपए दिहाड़ी देने की बात कही थी.

मजदूर
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Published : Jun 6, 2019, 8:32 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST

जगदलपुर : दरभा ब्लॉक के ग्रामीण मजदूरों ने गुरुवार को वन विभाग के कांगेरघाटी राष्ट्रीय उद्यान कार्यालय का घेराव किया. सैकड़ों की संख्या में कार्यालय का घेराव करने पहुंचे ग्रामीणों ने विभाग के अधिकारियों पर पिछले डेढ़ साल से उनकी मजदूरी का भुगतान नहीं करने का आरोप लगाया है.

मजदूरों के सामने खड़ा हुआ रोजी-रोटी का संकट

कार्यालय का घेराव करने पहुंचे ग्रामीण मजदूरों ने बताया कि, 'वन विभाग के अधिकारियों ने दरभा ब्लॉक के मावली पदर ग्राम, कोलेंग ग्राम और कोटम्बसर ग्रामीण क्षेत्र में लाइन कटाई, फायर वाचर, वॉच टावर, चेक डैम का निर्माण जैसे कार्यों में लगभग 300 से अधिक स्थानीय ग्रामीण मजदूरों को लगाया था और हर ग्रामीण मजदूर को 271 रुपए दिहाड़ी देने की बात कही थी'.

डेढ़ साल से नहीं मिली मजदूरी
ग्रामीणों का आरोप है कि, 'काम खत्म होने पर जब उन्होंने मजदूरी मांगी तो अधिकारी उन्हें घुमाते रहे और पिछले डेढ़ साल से वो अपनी मजदूरी के लिए अधिकारियों और कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं'.

अधिकारी लगवा रहे चक्कर
ग्रामीणों ने कहा कि, 'जब भी वो अधिकारियों से मिलने आते हैं तो उन्हें साहब नहीं है कहकर वापस लौटा दिया जाता है या फिर पैसा कल मिलेगा इस तरह के बहानेबाजी की जाती है. घेराव करने वाले मजदूरों में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हैं, जिनका कहना है कि, 'पैसा नहीं मिलने की वजह से उन्हें आर्थिक तंगी से जूझना पड़ रहा है'.

25-30 लाख का भुगतान बाकी
बताया जा रहा है कि, विभाग के अधिकारियों द्वारा 300 से ज्यादा मजदूरों से काम करवाया गया है, जिनकी मजदूरी 25 से 30 लाख रुपए होती है, जिसका भुगतान बाकी है, लेकिन अधिकारी पिछले डेढ़ साल से मजूदरों से चक्कर लगवा रहे हैं. जिसके विरोध में ग्रामीण कार्यालय का घेराव करने पहुंचे थे.

नदारद थे अधिकारी
मजदूरों द्वारा कार्यालय घेराव की सूचना मिलते ही अधिकारी कार्यालय से रफूचक्कर हो गए. जब एक ग्रामीण मजदूर ने विभाग के रेंजर व जिम्मेदार अधिकारी अशोक सोनवानी को फोन लगाकर कार्यालय बुलाना चाहा तो अधिकारी ने कल मिलने की बात कहते हुए फोन काट दिया.

अधिकारियों पर खड़े हो रहे सवाल
हर साल विभाग द्वारा विभिन्न विकास कार्यों के लिए बजट जारी किया जाता है और मार्च महीने तक सभी के रुके हुए भुगतान कर दिए जाने के आदेश दिए जाते हैं. ऐसे में पिछले डेढ़ साल से विभाग के इन जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा इन ग्रामीण मजदूरों को भुगतान नहीं करना कई सवालों को खड़े करता है.

जगदलपुर : दरभा ब्लॉक के ग्रामीण मजदूरों ने गुरुवार को वन विभाग के कांगेरघाटी राष्ट्रीय उद्यान कार्यालय का घेराव किया. सैकड़ों की संख्या में कार्यालय का घेराव करने पहुंचे ग्रामीणों ने विभाग के अधिकारियों पर पिछले डेढ़ साल से उनकी मजदूरी का भुगतान नहीं करने का आरोप लगाया है.

मजदूरों के सामने खड़ा हुआ रोजी-रोटी का संकट

कार्यालय का घेराव करने पहुंचे ग्रामीण मजदूरों ने बताया कि, 'वन विभाग के अधिकारियों ने दरभा ब्लॉक के मावली पदर ग्राम, कोलेंग ग्राम और कोटम्बसर ग्रामीण क्षेत्र में लाइन कटाई, फायर वाचर, वॉच टावर, चेक डैम का निर्माण जैसे कार्यों में लगभग 300 से अधिक स्थानीय ग्रामीण मजदूरों को लगाया था और हर ग्रामीण मजदूर को 271 रुपए दिहाड़ी देने की बात कही थी'.

डेढ़ साल से नहीं मिली मजदूरी
ग्रामीणों का आरोप है कि, 'काम खत्म होने पर जब उन्होंने मजदूरी मांगी तो अधिकारी उन्हें घुमाते रहे और पिछले डेढ़ साल से वो अपनी मजदूरी के लिए अधिकारियों और कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं'.

अधिकारी लगवा रहे चक्कर
ग्रामीणों ने कहा कि, 'जब भी वो अधिकारियों से मिलने आते हैं तो उन्हें साहब नहीं है कहकर वापस लौटा दिया जाता है या फिर पैसा कल मिलेगा इस तरह के बहानेबाजी की जाती है. घेराव करने वाले मजदूरों में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हैं, जिनका कहना है कि, 'पैसा नहीं मिलने की वजह से उन्हें आर्थिक तंगी से जूझना पड़ रहा है'.

25-30 लाख का भुगतान बाकी
बताया जा रहा है कि, विभाग के अधिकारियों द्वारा 300 से ज्यादा मजदूरों से काम करवाया गया है, जिनकी मजदूरी 25 से 30 लाख रुपए होती है, जिसका भुगतान बाकी है, लेकिन अधिकारी पिछले डेढ़ साल से मजूदरों से चक्कर लगवा रहे हैं. जिसके विरोध में ग्रामीण कार्यालय का घेराव करने पहुंचे थे.

नदारद थे अधिकारी
मजदूरों द्वारा कार्यालय घेराव की सूचना मिलते ही अधिकारी कार्यालय से रफूचक्कर हो गए. जब एक ग्रामीण मजदूर ने विभाग के रेंजर व जिम्मेदार अधिकारी अशोक सोनवानी को फोन लगाकर कार्यालय बुलाना चाहा तो अधिकारी ने कल मिलने की बात कहते हुए फोन काट दिया.

अधिकारियों पर खड़े हो रहे सवाल
हर साल विभाग द्वारा विभिन्न विकास कार्यों के लिए बजट जारी किया जाता है और मार्च महीने तक सभी के रुके हुए भुगतान कर दिए जाने के आदेश दिए जाते हैं. ऐसे में पिछले डेढ़ साल से विभाग के इन जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा इन ग्रामीण मजदूरों को भुगतान नहीं करना कई सवालों को खड़े करता है.

Intro:जगदलपुर। दरभा ब्लॉक के ग्रामीण मजदूर आज वन विभाग के कांगेरघाटी राष्ट्रीय उद्यान कार्यालय का घेराव करने पहुंचे। लगभग सैकड़ों की संख्या में कार्यालय का घेराव करने पहुंचे ग्रामीणों ने विभाग के अधिकारियों पर पिछले डेढ़ साल से उनके मजदूरी का भुगतान नहीं करने का आरोप लगाया है। दरअसल विभाग द्वारा दरभा ब्लॉक के कुछ ग्रामीण इलाकों में फायर वाचर, से लेकर चेक डैम, वॉच टॉवर निर्माण, लाइन कटाई जलाई जैसे विभिन्न कार्यो में 200 से अधिक ग्रामीण मजदूरों को लगाया गया था। मजदूरों ने अपना काम तो समय पर कर लिया लेकिन जब भुगतान की बारी आई तो अधिकारी आनाकानी करने लगे। आलम यह है कि पिछले डेढ़ सालों से मजदूर अपने मजदूरी के लिए जिम्मेदार अधिकारी और जगदलपुर में स्थित वन विभाग के कार्यालय के चक्कर लगाने को मजबूर हैं । और अधिकारी इन भोले-भाले ग्रामीण मजदूरों को बेवकूफ बनाते बाज नहीं आ रहे हैं।


Body:वो1- कार्यालय का घेराव करने पहुंचे ग्रामीण मजदूरों ने बताया कि वन विभाग के अधिकारी दरभा ब्लॉक के मावली पदर ग्राम, कोलेंग ग्राम और कोटम्बसर ग्रामीण क्षेत्र में लाइन कटाई ,फायर वाचर ,वॉच टावर , चेक डैम का निर्माण जैसे कार्यों में लगभग 300 से अधिक स्थानीय ग्रामीण मजदूरों को लगाया था। और हर ग्रामीण मजदूर को 271 रुपए दिहाड़ी रोजी देने की बात कही गयी थी। मजदूरी मांगने पर काम खत्म होने पर भुगतान करने की बात अधिकारियों ने कही लेकिन जब काम पूरा करा लिया गया उसके बाद अधिकारी उन्हें भुगतान के लिए घुमाते रहे और पिछले डेढ़ साल से अपने मजदूरी के लिए ग्रामीण अधिकारी और कार्यालय के चक्कर लगाने को मजबूर हैं। ग्रामीणों ने कहा कि जब भी वे अधिकारी से मिलने आते तो उन्हें साहब नहीं है कहकर वापस लौटा दिया जाता है या फिर पैसा कल मिलेगा इस तरह के बहाने बाजी किया जाता है। मजदूरों में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल है महिला मजदूरों का कहना है कि पैसा नहीं मिलने की वजह से उन्हें आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ रहा है। विभाग के अधिकारियों द्वारा मजदूरों से कराए गए विभिन्न कार्यों में 300 से अधिक की संख्या में मजदूरों को 25 से 30 लाख रुपए का भुगतान किया जाना है। लेकिन अधिकारी पिछले डेढ़ साल से उन्हें घुमा रहे हैं और यही वजह है कि वह आज अपने कार्य का भुगतान लेने कार्यालय का घेराव करने पहुंचे।

बाईट1- लखमुराम , ग्रामीण मजदूर

बाईट2- चिंगड़ू, ग्रामीण मजदूर " सर पे गमछा बांधे हुए"

बाईट3- जमुना, महिला मजदूर



Conclusion:वो फाइनल- इधर ग्रामीण मजदूरों द्वारा कार्यालय का घेराव करने पहुंचने की सूचना मिलने पर पहले ही अधिकारी कार्यालय से रफूचक्कर हो गए। जब एक ग्रामीण मजदूर ने विभाग के रेंजर व जिम्मेदार अधिकारी अशोक सोनवानी को फोन लगा कर कार्यालय बुलाना चाहा तो अधिकारी ने कल मिलने की बात कहते हुए फोन काट दिया। गौरतलब है कि हर साल विभाग द्वारा विभिन्न विकास कार्यों के लिए बजट जारी किया जाता है और मार्च महीने के आते तक सभी के रुके हुए भुगतान कर दिए जाने के आदेश दिए जाते हैं। ऐसे में पिछले डेढ़ साल से इन जिम्मेदार विभाग के अधिकारियों द्वारा इन ग्रामीण मजदूरों को भुगतान नहीं करना कई सवालो को खड़े करता है।
Last Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST
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