ETV Bharat / state

Health Officers And Employees Protest: बस्तर में स्वास्थ्य अधिकारी और कर्मचारियों को बहाल करने की मांग - स्वास्थ्य कर्मचारी के हड़ताल

Health Officers And Employees Protest पिछले दिनों छत्तीसगढ़ में धरना प्रदर्शन कर रहे स्वास्थ्य कर्मचारियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई हुई थी. छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन ने इसे तानाशाही रवैया बताया है और निलंबित कर्मचारियों को बहाल करने की मांग की है. कर्मचारी फेडरेशन ने इस संबंध में बस्तर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. Jagdalpur News

Health Officers And Employees Protest
छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेश का प्रदर्शन
author img

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Sep 5, 2023, 10:29 PM IST

बस्तर: छत्तीसगढ़ में एस्मा लगने के बाद धरना प्रदर्शन कर रहे स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई थी. जिसके तहत स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ निलंबन और बर्खास्तगी की कार्रवाई हुई थी.अब छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन ने इसे तानाशाही रवैया बताते हुए निलंबित कर्मचारियों को बहाल करने की मांग की है.

निलंबित कर्मचारियों को बहाल करने की मांग: छत्तीसगढ़ में धरना प्रदर्शन कर रहे स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के खिलाफ निलंबन, बर्खास्तगी की कार्रवाई और FIR दर्ज किया गया था. जिसके विरोध में आज छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन ने रैली निकाली है. कर्मचारी फेडरेशन ने इसे तानाशाही रवैया बताया है. इसे लोकतंत्र की हत्या बताते हुए निलंबित कर्मचारियों को राहत देने की मांग की है. प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री के नाम बस्तर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है.

"स्वास्थ्य कर्मी बीते 21 अगस्त से अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. कर्मचारियों की मांगों को सुनने और पूरा करने की बजाय छत्तीसगढ़ सरकार स्वास्थ्य कर्मचारियों के ऊपर निलंबन, एफआईआर और बर्खास्तगी की कार्रवाई कर तानाशाही रवैया अपना रही है. जिसके विरोध में आज अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन ने ज्ञापन सौंपा है." - गजेंद्र श्रीवास्तव, संभाग अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन

Irregular Employees Protest In Bastar: बस्तर में अनियमित कर्मचारियों का आंदोलन, नियमितिकरण के लिए बघेल सरकार को दिया अल्टीमेटम
Demand To Shift Liquor Shop In Jagdalpur: 'थोड़ा व्हिस्की, बहुत रिस्की' जानिए क्यों ऐसी तख्तियों लेकर सड़कों पर निकलीं हजारों महिलाएं
BJP No Confidence Motion Fails: फ्लोर टेस्ट से पहले ही जगदलपुर महापौर के खिलाफ भाजपा का अविश्वास प्रस्ताव फेल, कलेक्टर ने किया खारिज

बर्खास्तगी को बताया तानाशाही रवैया: कर्मचारी फेडरेशन का कहना है, जब कोरोना काल का कहर पूरे छत्तीसगढ़ में छाया हुआ था. उस दौरान यही स्वास्थ्य कर्मचारी और अधिकारी खराब परिस्थितियों में प्रदेश के अंतिम व्यक्ति तक पहुंच कर अपनी सेवाएं दे रहे थे. साथ ही कोरोना का टीका लगाकर प्रदेश के लोगों को सुरक्षा दी थी. जिसके लिए स्वास्थ्य कर्मचारियों को कोरोना योद्धा का सम्मान भी मिला था. अब कोरोना का कहर हटते ही दमन वाली कार्रवाई की जा रही है. फेडरेशन की मांग है कि इन कोरोना वॉरियर्स को बहाल किया जाए और उनकी मांगों पर चर्चा कर सहानुभूति पूर्वक फैसला लिया जाये.

296 अधिकारी कर्मचारी को किया बर्खास्त: दरअसल, स्वास्थ्य कर्मचारी के हड़ताल पर चले जाने से बस्तर में स्वास्थ्य सेवाओं पर काफी प्रभाव पड़ रहा था. जिसे देखते हुए बस्तर कलेक्टर ने बीते दिनों बस्तर जिले में 296 स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी को बर्खास्त किया था. जिसको लेकर लगातार बस्तर में विरोध के स्वर गूंज रहे हैं.

बस्तर: छत्तीसगढ़ में एस्मा लगने के बाद धरना प्रदर्शन कर रहे स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई थी. जिसके तहत स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ निलंबन और बर्खास्तगी की कार्रवाई हुई थी.अब छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन ने इसे तानाशाही रवैया बताते हुए निलंबित कर्मचारियों को बहाल करने की मांग की है.

निलंबित कर्मचारियों को बहाल करने की मांग: छत्तीसगढ़ में धरना प्रदर्शन कर रहे स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के खिलाफ निलंबन, बर्खास्तगी की कार्रवाई और FIR दर्ज किया गया था. जिसके विरोध में आज छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन ने रैली निकाली है. कर्मचारी फेडरेशन ने इसे तानाशाही रवैया बताया है. इसे लोकतंत्र की हत्या बताते हुए निलंबित कर्मचारियों को राहत देने की मांग की है. प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री के नाम बस्तर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है.

"स्वास्थ्य कर्मी बीते 21 अगस्त से अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. कर्मचारियों की मांगों को सुनने और पूरा करने की बजाय छत्तीसगढ़ सरकार स्वास्थ्य कर्मचारियों के ऊपर निलंबन, एफआईआर और बर्खास्तगी की कार्रवाई कर तानाशाही रवैया अपना रही है. जिसके विरोध में आज अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन ने ज्ञापन सौंपा है." - गजेंद्र श्रीवास्तव, संभाग अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन

Irregular Employees Protest In Bastar: बस्तर में अनियमित कर्मचारियों का आंदोलन, नियमितिकरण के लिए बघेल सरकार को दिया अल्टीमेटम
Demand To Shift Liquor Shop In Jagdalpur: 'थोड़ा व्हिस्की, बहुत रिस्की' जानिए क्यों ऐसी तख्तियों लेकर सड़कों पर निकलीं हजारों महिलाएं
BJP No Confidence Motion Fails: फ्लोर टेस्ट से पहले ही जगदलपुर महापौर के खिलाफ भाजपा का अविश्वास प्रस्ताव फेल, कलेक्टर ने किया खारिज

बर्खास्तगी को बताया तानाशाही रवैया: कर्मचारी फेडरेशन का कहना है, जब कोरोना काल का कहर पूरे छत्तीसगढ़ में छाया हुआ था. उस दौरान यही स्वास्थ्य कर्मचारी और अधिकारी खराब परिस्थितियों में प्रदेश के अंतिम व्यक्ति तक पहुंच कर अपनी सेवाएं दे रहे थे. साथ ही कोरोना का टीका लगाकर प्रदेश के लोगों को सुरक्षा दी थी. जिसके लिए स्वास्थ्य कर्मचारियों को कोरोना योद्धा का सम्मान भी मिला था. अब कोरोना का कहर हटते ही दमन वाली कार्रवाई की जा रही है. फेडरेशन की मांग है कि इन कोरोना वॉरियर्स को बहाल किया जाए और उनकी मांगों पर चर्चा कर सहानुभूति पूर्वक फैसला लिया जाये.

296 अधिकारी कर्मचारी को किया बर्खास्त: दरअसल, स्वास्थ्य कर्मचारी के हड़ताल पर चले जाने से बस्तर में स्वास्थ्य सेवाओं पर काफी प्रभाव पड़ रहा था. जिसे देखते हुए बस्तर कलेक्टर ने बीते दिनों बस्तर जिले में 296 स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी को बर्खास्त किया था. जिसको लेकर लगातार बस्तर में विरोध के स्वर गूंज रहे हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.