बस्तर : बड़े आरापुर पंचायत में बंजर खाली पड़ी भूमि पर लीफ संस्था की मदद से 50 हजार पौधे लगाए गए. इस दौरान गांव के सभी महिला, पुरुष, युवक,युवती समेत बुजुर्गों ने भी हिस्सा लिया. इस पौधारोपण की खास बात ये रही कि स्थानीय वाद्य यंत्र मोहरी बाजा के धुन पर आदिवासी ग्रामीणों ने नृत्य करते हुए उत्सव के जैसे पौधों को रोपा.
ग्राम पंचायत करेगा पौधों का सरंक्षण : लीफ संस्था के अध्यक्ष अर्जुन नाग के मुताबिक तोकापाल विकासखंड के बड़े आरापुर पंचायत में ग्रामीणों ने ग्रामसभा में प्रस्ताव पारित किया है.जिसमें पंचायत में लगने वाले सभी पौधों के संरक्षण की जिम्मेदारी गांव की होगी. इसके बाद ग्रामीणों ने लीफ संस्था की मदद से 50 हजार पौधरोपण मिलकर किया है.
''पिछले साल भी छत्तीसगढ़ ओडिशा सीमा पर कुरंदी नदी के पास 1 लाख पौधारोपण किया गया था. ग्रामीणों की देखरेख और वर्तमान स्थिति में 70-80 हजार पौधे जीवित हैं. फिलहाल बड़े आरापुर में 35 देशी प्रजाति के पौधों का पौधरोपण किया गया है. जिससे आगामी दिनों में वनोपज भी निकलेगा और इससे ग्रामीणों को काफी लाभ भी होगा.'' अर्जुन नाग,अध्यक्ष,लीफ संस्था
दूसरे गांव के भी लोग हो रहे हैं जागरुक : आरापुर के ग्रामीण खेमेश्वर सिंह के मुताबिक पौधारोपण को महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है.इस दौरान स्थानीय वाद्ययंत्र मोहरी बाजा भी बजाया जा रहा है.बस्तर का लेजा परब गाते और नाचते थिरकते हुए ग्रामीण हर्षोल्लास के साथ पौधरोपण कर रहे हैं. बड़े आरापुर गांव को देखकर आसपास के अन्य गांव के लोग भी अपने गांव में पौधरोपण का कार्य करने के लिए आगे आ रहे हैं.
जंगल बचाना ग्रामीणों का लक्ष्य : 300 एकड़ जमीन को जंगल में तब्दील करने वाले संधकरमरी के निवासी दामोदर कश्यप पौधारोपण के दौरान बड़े आरापुर आए थे. दामोदर कश्यप ने बताया कि आज आरापुर में किये गए पौधरोपण को देखते हुए उन्हें खुशी हो रही है.आपको बता दें कि पौधारोपण गांव के बीच में हुआ है. जिसकी देखभाल की जिम्मेदारी अच्छी तरह से होगी.जंगल बचाने के लिए ग्रामीणों की ये पहल काफी सराहनीय है.