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Bastar Dussehra Chariot Work Stopped :बस्तर दशहरा रथ पर मंडराए संकट के बादल, जानिए क्या है कारण ? - Bastar Dussehra Rasham

Bastar Dussehra Chariot Work Stopped बस्तर दशहरा देश समेत विदेश में मशहूर है.लेकिन इस बार दशहरा का रथ बनाने वाले कारीगर बेहद नाराज है.कारीगरों ने अपनी नाराजगी के कारण रथ निर्माण का काम रोक दिया है.आखिर क्यों कारीगरों ने ऐसा किया आईए जानते हैं. Jagdalpur News

Bastar Dussehra Chariot Work Stopped
बस्तर दशहरा रथ पर मंडराए संकट के बादल
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Oct 12, 2023, 8:15 PM IST

बस्तर दशहरा रथ पर मंडराए संकट के बादल

जगदलपुर : बस्तर दशहरा के लिए बनने वाले रथ पर संकट के बाद मंडरा रहे हैं.इसी विशालकाय रथ पर जोगी बिठाई रस्म के बाद बस्तर की आराध्य देवी दंतेश्वरी को विराजमान करके रथ को चलाने की परंपरा है. विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा 75 दिनों तक चलता है.जिसकी शुरुआत हो चुकी है.लेकिन देवी के लिए जो कारीगर रथ बना रहे हैं,वो प्रशासन की बेरुखी के कारण नाराज है. विशालकाय रथ निर्माण का काम झाड़उमरगांव और बेड़ा उमरगांव के ग्रामीण कारीगर करते हैं. लेकिन बीते डेढ़ दिनों से ग्रामीण कारीगरों ने रथ निर्माण का काम बंद कर दिया है.

क्यों किया ग्रामीणों ने काम बंद ? : रथ बनाने वाले कारीगर बलदेव बघेल ने बताया कि करीब ढाई साल पहले बकावंड वन परिक्षेत्र के झाड़उमरगांव क्षेत्र के 2 स्थानों में नरुआ, गरुआ, घुरवा, बाड़ी के तहत कई ग्रामीणों ने काम किया था. आवर्ती चराई में गाय गौठान बनाने का काम हुआ था. जिसका करीब 7 लाख रुपये का भुगतान बचा हुआ है. ढाई साल से ग्रामीण वन विभाग का चक्कर लगा रहे हैं लेकिन भुगतान नहीं किया जा रहा.

''बीते साल के दशहरा पर्व में भी रथ निर्माण के दौरान काम के भुगतान की मांग की गई थी. लेकिन विभाग ने भुगतान नहीं किया. यही कारण है कि बीते डेढ़ दिनों से रथ निर्माण का काम बंद कर दिया है.वन विभाग ने गुरुवार की शाम भुगतान करने की बात कही. यदि भुगतान नहीं होगा तो शुक्रवार से दुबारा काम बंद कर दिया जाएगा.'' बलदेव जघेल, कारीगर


कलेक्टर और वनविभाग को सौंपा ज्ञापन :बलदेव जघेल ने बताया कि वन विभाग ने 3 तालाब निर्माण करवाया. गोबर के 6 गड्ढे, 6 गाय कोट्ठा , चौकीदार कुटिया, पैरा मचान, सीपीटी नाली, लकड़ी बांस-बल्ली का काम, सामने का गेट, झाड़ी सफाई का काम करवाया था. इस काम में कुल 120 से 130 ग्रामीण काम किए थे. बस्तर दशहरा के शुरुआती दिन में भी रथ कारीगरों ने अपने काम के भुगतान के लिए बस्तर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा था. इस बारे में वन विभाग के डीएफओ को भी ज्ञापन सौंपा गया था. इसके बावजूद भी भुगतान नहीं किया गया.

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वनविभाग ने भुगतान का दिया आश्वासन : वहीं वन विभाग के जगदलपुर एसडीओ देवलाल दुग्गा ने ग्रामीणों को भुगतान करने की बात कही है.जगदलपुर एसडीओ ने इस बारे में जानकारी होने पर भुगतान करने का आश्वासन दिया है. जिसके बाद से काम शुरू कर दिया गया है. वहीं ग्रामीणों की माने तो यदि भुगतान नहीं होगा तो दोबारा से कम बंद किया जाएगा. डेढ़ दिन काम बंद करने से निर्माण कार्य पीछे हो गया है. यदि भुगतान किया जाएगा तो दिन रात मेहनत करके इसे पूरा किया जाएगा.

बस्तर दशहरा रथ पर मंडराए संकट के बादल

जगदलपुर : बस्तर दशहरा के लिए बनने वाले रथ पर संकट के बाद मंडरा रहे हैं.इसी विशालकाय रथ पर जोगी बिठाई रस्म के बाद बस्तर की आराध्य देवी दंतेश्वरी को विराजमान करके रथ को चलाने की परंपरा है. विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा 75 दिनों तक चलता है.जिसकी शुरुआत हो चुकी है.लेकिन देवी के लिए जो कारीगर रथ बना रहे हैं,वो प्रशासन की बेरुखी के कारण नाराज है. विशालकाय रथ निर्माण का काम झाड़उमरगांव और बेड़ा उमरगांव के ग्रामीण कारीगर करते हैं. लेकिन बीते डेढ़ दिनों से ग्रामीण कारीगरों ने रथ निर्माण का काम बंद कर दिया है.

क्यों किया ग्रामीणों ने काम बंद ? : रथ बनाने वाले कारीगर बलदेव बघेल ने बताया कि करीब ढाई साल पहले बकावंड वन परिक्षेत्र के झाड़उमरगांव क्षेत्र के 2 स्थानों में नरुआ, गरुआ, घुरवा, बाड़ी के तहत कई ग्रामीणों ने काम किया था. आवर्ती चराई में गाय गौठान बनाने का काम हुआ था. जिसका करीब 7 लाख रुपये का भुगतान बचा हुआ है. ढाई साल से ग्रामीण वन विभाग का चक्कर लगा रहे हैं लेकिन भुगतान नहीं किया जा रहा.

''बीते साल के दशहरा पर्व में भी रथ निर्माण के दौरान काम के भुगतान की मांग की गई थी. लेकिन विभाग ने भुगतान नहीं किया. यही कारण है कि बीते डेढ़ दिनों से रथ निर्माण का काम बंद कर दिया है.वन विभाग ने गुरुवार की शाम भुगतान करने की बात कही. यदि भुगतान नहीं होगा तो शुक्रवार से दुबारा काम बंद कर दिया जाएगा.'' बलदेव जघेल, कारीगर


कलेक्टर और वनविभाग को सौंपा ज्ञापन :बलदेव जघेल ने बताया कि वन विभाग ने 3 तालाब निर्माण करवाया. गोबर के 6 गड्ढे, 6 गाय कोट्ठा , चौकीदार कुटिया, पैरा मचान, सीपीटी नाली, लकड़ी बांस-बल्ली का काम, सामने का गेट, झाड़ी सफाई का काम करवाया था. इस काम में कुल 120 से 130 ग्रामीण काम किए थे. बस्तर दशहरा के शुरुआती दिन में भी रथ कारीगरों ने अपने काम के भुगतान के लिए बस्तर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा था. इस बारे में वन विभाग के डीएफओ को भी ज्ञापन सौंपा गया था. इसके बावजूद भी भुगतान नहीं किया गया.

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