जगदलपुर: बस्तर में जिम्मेदार अधिकारियों के दावे खोखले नजर आ रहे हैं. बस्तर में बीते 4 दिनों से लगातार रुक-रुक कर बारिश हो रही है. मूसलाधार बारिश से धान खरीदी केंद्रों पर किसानों का धान पूरी तरह से भीग कर खराब हो चुका है. ईटीवी भारत की टीम रियलिटी चेक के लिए धान खरीदी केंद्र पहुंची. इस दौरान देखा गया कि धान खरीदी केंद्रों पर बारिश से बचाने के लिए पर्याप्त सुविधा उपलब्ध नहीं है.
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धान खरीद केंद्रों पर व्यवस्था नहीं, जिम्मेदार लापरवाह
बस्तर में बीते 4 दिनों से रुक-रुक कर मूसलाधार बारिश हो रही है. जिससे कड़ाके की ठंड भी बस्तर में पड़ रही है. बस्तर में 1 दिसंबर से धान खरीदी की जा रीह है. धान को बचाने के लिए लगातार जिला प्रशासन धान खरीदी केंद्रों में पर्याप्त मात्रा में त्रिपाल की व्यवस्था करने की बात कर रही थी. साथ ही बस्तर दौरे में रहे मंत्री कवासी लखमा ने भी बेमौसम बारिश से धान को बचाने के लिए निर्देश जारी करते हुए धान खरीदी केंद्रों में पर्याप्त संसाधन पहुंचाने की बात कही थी.
चिंगपाल खरीदी केंद्र की हालात ठीक नहीं
ईटीवी भारत की टीम बस्तर जिले के दरभा के चिंगपाल खरीदी केंद्र पर पहुंचे तो देखा कि धान भीगा नजर आया है. जिससे यह स्पष्ट होता है कि इस बेमौसम बारिश से खरीदी केंद्रों में सैकड़ों क्विंटल धान भीग कर खराब हो चुका है. धान खरीदी केंद्र प्रभारी का कहना है कि सही समय में खरीदी केंद्रों से धान का उठाव नहीं हुआ, जिसके कारण धान बारिश में भीग गया.
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अधिकारियों के दावे हुए खोखले साबित
बस्तर के विपणन अधिकारी आरबी सिंह का कहना है कि बस्तर में अभी तक किसी भी धान खरीदी केंद्रों से धान भीगने की सूचना नहीं मिली है. धान खरीदी केंद्रों में खरीदी किया गया सभी धान सुरक्षित है, क्योंकि प्रशासन ने बारिश से बचाने के लिए खरीदी केंद्रों में सारी व्यवस्थाएं कर रखी है. लेकिन धान खरीदी केंद्रों की कहानी कुछ और बयां कर रही है.