जगदलपुर : छत्तीसगढ़ में एक दिसंबर से धान खरीदी शुरू होने वाली है. शुक्रवार से टोकन बंटना शुरू हो गया है. ETV भारत आपको प्रदेश के धान खरीदी केंद्रों की स्थिति के बारे में बता रहा है. बस्तर में भी धान खरीदी की तैयारी पूरी हो गई हैं. जगदलपुर मुख्यालय केंद्रीय सहकारी के तहत बस्तर संभाग के 7 जिलों में धान खरीदी होनी है. देखिए वहां खरीदी केंद्र कितना तैयार है.
पंजीयन की तारीख खत्म होने तक इस साल संभाग के सातों जिलों से लगभग 20 हजार नए किसानों ने पंजीयन कराया है. ये किसान अब अपने-अपने धान को उपार्जन केंद्रों में बेच सकेंगे. इस बार बारदानों का इंतजाम करना शासन और प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है.
कोविड नियमों का पालन करने की अपील
धान खरीदी के दौरान किसान के साथ एक सहयोगी को ही इस बार केंद्रों में अंदर आने की अनुमति दी गई है, वहीं इस दौरान हाथ धुलाई की व्यवस्था के साथ ही सैनिटाइजर और मास्क भी नियमित रूप से पहने रहने की अपील भी किसानों से गांव-गांव में की गई है. कोविड 19 महामारी की गाइडलाइंस का ध्यान रखा गया है.
पढ़ें: रायपुर: धान खरीदी के लिए टोकन वितरण शुरू, टोकन सेंटर में किसानों की भीड़
बस्तर संभाग के आंकड़े-
- पंजीयन के अंतिम तिथि तक बस्तर संभाग के सातों जिलों से कुल 1 लाख 90 हजार किसानों ने पंजीयन कराया है.
- पिछले वर्ष कुल 1 लाख 70 हजार 494 किसानों ने पंजीयन कराया था. वही इस साल 20 हजार किसानों के नए पंजीयन किए गए है.
- पूरे संभाग की कुल 293 समितियों के द्वारा धान का उपार्जन किया जाएगा, जिसमें सबसे ज्यादा समिति कांकेर और बस्तर जिले में शामिल हैं.
- पिछले वर्ष कुल 178 समितियों द्वारा धान खरीदी की गई थी लेकिन इस वर्ष 80 समितियों, जिन्हें उपार्जन केंद्रों में मर्ज कर दिया गया है उनके द्वारा धान खरीदी की जाएगी.
- 293 समितियों द्वारा इस बार धान खरीदी की जाएगी.
बस्तर में भी बारदाने की कमी
विपणन अधिकारी आर.बी सिंह ने बताया कि पुराने बारदाने जो समितियों से प्राप्त हैं और पीडीएस के बारदाने हैं उनकी संख्या 13 लाख 66 हजार 748 है. वहीं 2 लाख 91 हजार 23 प्राप्त होनी है. वहीं इस वर्ष लगभग 16 से 17 लाख बारदानों की जरूरत बस्तर में धान खरीदी के दौरान पड़ सकती है. अधिकारी ने बताया कि 1 दिसंबर से शुरू होने वाले धान खरीदी को लेकर संभाग के सभी उपार्जन केंद्रों में लैंप्स प्रबंधकों को व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए कहा गया है. सभी उपार्जन केंद्रों में किसानों के लिए पेयजल, शेड और मौसम को देखते हुए पर्याप्त त्रिपाल के लिए भी आदेशित किया गया है. अधिकारी ने बताया कि पूरे बस्तर संभाग में 162 चबूतरा निर्माणाधीन हैं और जिन्हें भी 30 नवंबर से पहले ही पूरा करने का लक्ष्य है.
बस्तर में कितना लक्ष्य ?
अधिकारी ने बताया कि इस बार बस्तर संभाग के 7 जिलों से साढ़े 5 लाख क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है. विपणन अधिकारी से मिले आंकड़ों के मुताबिक बस्तर के 33, 492 किसान, बीजापुर के 13,299, दंतेवाड़ा के 7405, कांकेर के 81806, कोंडागांव के 36600, नारायणपुर के 5346 और सुकमा जिले के 12476 किसान इस बार अपने धान उपार्जन केंद्रों में बेच सकेंगे. वहीं इस बार 7282 किसानों के पंजीयन निरस्त किए गए हैं. नए पंजीयन से कुल 42 किसानों के पंजीयन निरस्त किए गए हैं.उन्होंने बताया कि जिन किसानों के पंजीयन निरस्त किए गए हैं, उनमें से बहुत सारे किसानों ने दो-दो पंजीयन कर रखा था, कई किसानों की मृत्यु हो चुकी है ऐसे में उनका नाम काटा गया है.
पढ़ें: CORONA LIVE UPDATE: गुरुवार को छत्तीसगढ़ में मिले 1753 नए मरीज, न करें लापरवाही
शौचालय नहीं, कई केंद्रों में चबूतरे बनने का इंतजार
ETV भारत की टीम ने जब खरीदी केंद्रों की पड़ताल की तो पाया कि कई केंद्रों में शौचालयों का निर्माण नहीं किया गया है. एक-दो जगह पर शेड जरूर बने हैं जहां किसानों की बैठने की व्यवस्था होने की बात कही जा रही है. इसके अलावा कोरोना महामारी को देखते हुए केंद्रों में खास सतर्कता बरतने के आदेश मिलने की बात केंद्रों के प्रभारी बता रहे हैं. उन्होंने बताया कि धान खरीदी के दौरान किसान के साथ एक सहयोगी को ही इस बार केंद्रों में अंदर आने की अनुमति दी गई है. इस दौरान हाथ धुलाई की व्यवस्था के साथ ही सैनिटाइजर और मास्क भी नियमित रूप से पहने रहने की अपील भी किसानों से गांव-गांव में की गई है.
इसके अलावा उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रिसिटी से लेकर लिंक में आने वाली तकलीफों को लेकर पहले भी शिकायत की गई थी जिसके बाद व्यवस्था इस बार दुरुस्त किया गया है. केंद्रों के प्रभारियों ने बताया कि बारदाने की कमी तो लगातार बनी हुई है और अभी बेहद कम संख्या में बारदाने मुहैया कराया गया है ऐसे में अगर पहले पहले और दूसरे सप्ताह में किसानों की संख्या बढ़ती है तो ऐसे में बारदाने को लेकर दिक्कतें हो सकती हैं.