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World Nature Conservation Day 2022: बस्तर में छत्तीसगढ़ की राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना की संख्या में हो रही बढ़ोतरी

World Nature Conservation Day 2022: छत्तीसगढ़ की राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही (state bird of Chhattisgarh Pahari Myna) है. एक साल पहले से शुरू हुए बस्तर हिल मैना संरक्षण के बाद फिर कांगेर वैली नेशनल पार्क में पहाड़ी मैना की संख्या बढ़ रही है.

Pahari Myna
पहाड़ी मैना
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Published : Jul 28, 2022, 1:16 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

बस्तर: इंसानों की बोली की हूबहू नकल करने वाली और छत्तीसगढ़ की राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना (state bird of Chhattisgarh Pahari Myna) के संरक्षण और संवर्धन की पहल रंग लाती दिख रही है. बस्तर हिल मैना संरक्षण परियोजना के शुरू होने के एक साल बाद एक बार फिर से कांगेर वैली नेशनल पार्क के घने जंगलों में हिल मैना देखी जा रही है.

Pahari Myna state bird of Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ के राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना

फिर हिल मैना की चहचहाहट सुनाई देने लगी: कांगेर वैली नेशनल पार्क के अंदर लगभग 20 से 25 स्थानीय आदिवासी युवाओं को रोजगार दिया गया है. पहाड़ी मैना को ट्रैक कर उनके घोंसले की रक्षा करने के लिए युवाओं की टीम को शामिल किया गया है. युवाओं को पक्षियों की निगरानी के लिए दूरबीन और ट्रैप कैमरे दिए गए हैं. जिसकी मदद से पहाड़ी मैना को ट्रेस करने में काफी मदद मिल रही है. इसी के साथ ही विलुप्त होती हिल मैना की चहचहाहट एक बार फिर से पार्क में सुनाई देने लगी है.

Pahari Myna state bird of Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ के राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना

साल 2002 में मिला छत्तीसगढ़ की राजकीय पक्षी का दर्जा: दरअसल, छत्तीसगढ़ के कांगेर वैली नेशनल पार्क को हिल मैना का प्राकृतिक आवास माना जाता है. छत्तीसगढ़ शासन ने साल 2002 में इस हिल मैना को राजकीय पक्षी का दर्जा दिया था. लेकिन पिछले कुछ सालों से इसकी संख्या घटती जा रही थी. यह राज्य सरकार के साथ-साथ वन विभाग के लिए भी चिंता का विषय था.

Pahari Myna state bird of Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ के राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना

यह भी पढ़ें: विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस 2022: इसलिए मनाया जाता है वर्ल्ड नेचर कंजर्वेशन डे

तेजी से बढ़ रही हिल मैना की संख्या: कांगेर राष्ट्रीय उद्यान के संचालक गणवीर धम्मशील ने बताया, "छत्तीसगढ़ की राजकीय पक्षी हिल मैना कांगेर वैली पार्क में काफी है. लेकिन इनके संरक्षण और संवर्धन के लिए प्रयास नहीं किए जाने के कारण इंसानों की बोली की हूबहू नकल करने वाली ये सुंदर पक्षी विलुप्त होते जा रही थी. शिकारियों के द्वारा इसका शिकार किया जा रहा था. 2 साल की परियोजना के पहले घोंसले के शिकार स्थलों का सर्वेक्षण शुरू किया गया था. अब तक 40 से अधिक घोसलों की गिनती की गई है.''

कांगेर राष्ट्रीय उद्यान संचालक गणवीर धम्मशील के मुताबिक ''विभाग और आदिवासी युवा जिन्हें मैना मित्र कहा जाता है, उनके द्वारा लगातार घोंसलों की तलाश की जा रही हैं. इस कार्यक्रम के तहत स्थानीय आदिवासी युवा मैना मित्रों को घोसले की सुरक्षा और 12 महीने तक नियमित रूप से घोसलों की निगरानी के लिए लगाया गया है. नतीजन काफी अच्छे परिणाम मिले हैं. यह भी संकेत मिले हैं कि हिल मैना की संख्या अब इस पार्क में तेजी से बढ़ रही है."

बस्तर: इंसानों की बोली की हूबहू नकल करने वाली और छत्तीसगढ़ की राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना (state bird of Chhattisgarh Pahari Myna) के संरक्षण और संवर्धन की पहल रंग लाती दिख रही है. बस्तर हिल मैना संरक्षण परियोजना के शुरू होने के एक साल बाद एक बार फिर से कांगेर वैली नेशनल पार्क के घने जंगलों में हिल मैना देखी जा रही है.

Pahari Myna state bird of Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ के राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना

फिर हिल मैना की चहचहाहट सुनाई देने लगी: कांगेर वैली नेशनल पार्क के अंदर लगभग 20 से 25 स्थानीय आदिवासी युवाओं को रोजगार दिया गया है. पहाड़ी मैना को ट्रैक कर उनके घोंसले की रक्षा करने के लिए युवाओं की टीम को शामिल किया गया है. युवाओं को पक्षियों की निगरानी के लिए दूरबीन और ट्रैप कैमरे दिए गए हैं. जिसकी मदद से पहाड़ी मैना को ट्रेस करने में काफी मदद मिल रही है. इसी के साथ ही विलुप्त होती हिल मैना की चहचहाहट एक बार फिर से पार्क में सुनाई देने लगी है.

Pahari Myna state bird of Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ के राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना

साल 2002 में मिला छत्तीसगढ़ की राजकीय पक्षी का दर्जा: दरअसल, छत्तीसगढ़ के कांगेर वैली नेशनल पार्क को हिल मैना का प्राकृतिक आवास माना जाता है. छत्तीसगढ़ शासन ने साल 2002 में इस हिल मैना को राजकीय पक्षी का दर्जा दिया था. लेकिन पिछले कुछ सालों से इसकी संख्या घटती जा रही थी. यह राज्य सरकार के साथ-साथ वन विभाग के लिए भी चिंता का विषय था.

Pahari Myna state bird of Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ के राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना

यह भी पढ़ें: विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस 2022: इसलिए मनाया जाता है वर्ल्ड नेचर कंजर्वेशन डे

तेजी से बढ़ रही हिल मैना की संख्या: कांगेर राष्ट्रीय उद्यान के संचालक गणवीर धम्मशील ने बताया, "छत्तीसगढ़ की राजकीय पक्षी हिल मैना कांगेर वैली पार्क में काफी है. लेकिन इनके संरक्षण और संवर्धन के लिए प्रयास नहीं किए जाने के कारण इंसानों की बोली की हूबहू नकल करने वाली ये सुंदर पक्षी विलुप्त होते जा रही थी. शिकारियों के द्वारा इसका शिकार किया जा रहा था. 2 साल की परियोजना के पहले घोंसले के शिकार स्थलों का सर्वेक्षण शुरू किया गया था. अब तक 40 से अधिक घोसलों की गिनती की गई है.''

कांगेर राष्ट्रीय उद्यान संचालक गणवीर धम्मशील के मुताबिक ''विभाग और आदिवासी युवा जिन्हें मैना मित्र कहा जाता है, उनके द्वारा लगातार घोंसलों की तलाश की जा रही हैं. इस कार्यक्रम के तहत स्थानीय आदिवासी युवा मैना मित्रों को घोसले की सुरक्षा और 12 महीने तक नियमित रूप से घोसलों की निगरानी के लिए लगाया गया है. नतीजन काफी अच्छे परिणाम मिले हैं. यह भी संकेत मिले हैं कि हिल मैना की संख्या अब इस पार्क में तेजी से बढ़ रही है."

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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