जगदलपुर: बस्तर में आदिवासियों और गरीबों की मेहनत की कमाई पर डाका डालने वाली चिटफंड कंपनियों पर अब राज्य शासन ने नकेल कसने का फैसला लिया है. इस फैसले के तहत स्थानीय स्तर पर बस्तर में सक्रिय सभी चिटफंड कंपनियों की सूची तैयार की जा रही है. साथ ही साथ पीड़ित लोगों से कंपनियों की जानकारी भी ली जा रही है. सरकार के इस फैसले के बाद अब बस्तर के गरीब और आदिवासियों को उम्मीद की किरण नजर आने लगी है.
बीते कुछ समय से लगातार बस्तर में चिटफंड कंपनियों द्वारा यहां के लोगों से पैसे लेकर फरार होने की शिकायतें मिल रही थीं. बस्तर के कई स्थानीय लोगों ने बताया कि उन्होंने पाई-पाई इकट्ठा कर चिटफंड कंपनियों में पैसा जमा किया था. लेकिन जब रकम लौटाने का वक्त आया तो वे कंपनियां अपने दफ्तर बंद कर फरार हो गई. कंपनियों के एजेंट भी अब दिखाई नहीं पड़ते हैं. पीड़ितों ने इन मामलों की कई दफे शिकायत दर्ज कराई. लेकिन अब जाकर पुलिस विभाग हरकत में आयी है.
बस्तर कलेक्टर अयाज तम्बोली बताते हैं कि राज्य शासन के इस फैसले के बाद केवल बस्तर जिले से ही अब तक अलग-अलग चिटफंड कंपनियों के खिलाफ तकरीबन 352 शिकायतें मिल चुकी हैं. इसके आधार पर 6 कंपनियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. इन शिकायतों में सबसे ज्यादा पीएसीएल कंपनी की शिकायतें हैं. इन कंपनियों की सभी प्रॉपर्टी को कुर्क किया जाएगा और उससे मिलने वाली राशि से प्रभावितों को उनका पैसा लौटाया जायेगा.