जगदलपुर: घने जंगलों के नाम से मशहूर बस्तर में इन दिनों जंगल के चारों दिशाओं में आग ही आग नजर आ रही है. यहां जंगलों की रखवाली करने के लिए एक भी सुरक्षाकर्मी जंगल में मौजूद नहीं है. एक तरफ वनकर्मी हड़ताल पर चले गए हैं. वहीं दूसरी तरफ सुरक्षाबल के जवान भी सर्चिंग के लिए जंगलों को आग के हवाले कर रहे हैं. दरअसल 15 फरवरी से 15 जून तक जंगलों को आग से बचाने के लिए वन विभाग तरह-तरह की कवायद शुरू करती है. ताकि जंगलों को आग से बचाया जा सके और जंगल का नुकसान न हो. लेकिन इन दिनों बस्तर संभाग के जंगलों में आग का कहर कम होने का नाम नहीं ले रहा है.
गर्मी के समय में ही जंगलों को आग से बचाया जाता है. ऐसे समय में जब जंगल को सबसे ज्यादा वन कर्मियों की जरूरत पड़ती है. उस समय वनकर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. जिसकी वजह से जंगल में लगातार आग बढ़ता जा रहा है. इस मामले में बस्तर के सीसीएफ मोहम्मद शाहिद ने बताया कि कई दफा ऐसा होता है कि, बस्तर संभाग के सुकमा, बीजापुर और दंतेवाड़ा इलाके में सुरक्षा बल के जवान सर्चिंग पर निकलते हैं तो उस दौरान जवान जंगल में आग लगाते हैं ताकि उन्हें आगे का मूवमेंट करने में आसानी हो और रास्ता साफ दिखें. इसके अलावा यह भी बताया कि आग से बचाने के लिए समितियों को भी जागरूक किया जाता है.
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साथ ही जंगल को आग से बचाने के लिए 1 बीट में एक चौकीदार नियुक्त करने की बात भी CCF ने कही है. लेकिन सड़क से लगे जंगल में ही आग लग जाती है और उन्हें बुझाने के लिए कोई भी कर्मचारी मौजूद नहीं रहता है. इससे यह स्पष्ट होता है कि बस्तर में जंगलों को आग से बचाने के दावे खोखले साबित होते नज़र आ रहे हैं. लिहाजा अब जो बस्तर घने जंगलों के नाम से देशभर में मशहूर था, ऐसे ही अगर जंगल जलते रहेंगे तो आने वाले दिनों में बस्तर से घने जंगल गायब हो जाएंगे.