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12 साल की उम्र से नक्सलियों से जुड़ी थी दसमी, प्रताड़ना से तंग आकर किया सरेंडर - छत्तीसगढ़ न्यूज

जगदलपुर में बस्तर पुलिस के सामने 5 लाख की इनामी महिला नक्सली ने सरेंडर किया है. महिला नक्सली का नाम दसमी है, जिले 12 साल की उम्र से ही नक्सलियों ने अपने संगठन में शामिल कर लिया था. दसमी CNM से जुड़े रहने के साथ ही दरभा एरिया कमेटी की सदस्य भी रह चुकी है.

female naxalite surrendered
महिला नक्सली ने किया सरेंडर
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Published : Jul 22, 2020, 7:23 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

जगदलपुर : बुधवार को 5 लाख की इनामी महिला नक्सली ने बस्तर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है. समर्पण करने वाली महिला नक्सली का नाम दसमी है, जो 2010 से नक्सलियों के संगठन में सक्रिय थी. 12 साल की उम्र से ही उसे नक्सलियों ने अपने संगठन में शामिल कर लिया था. दसमी CNM की सदस्य रहने के साथ ही दरभा एरिया कमेटी की सदस्य भी रह चुकी है, जिसपर पुलिस ने 5 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था.

5 लाख की इनामी महिला नक्सली ने किया सरेंडर

महिला नक्सली दसमी ने सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित और नक्सलियों की प्रताड़ना से तंग आकर बस्तर आईजी के सामने आत्मसमर्पण किया है. वहीं IG ने 10 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि देने के साथ ही सरेंडर नक्सली को पुनर्वास नीति के तहत मिलने वाली सभी योजनाओं का लाभ देने की बात कही है.

बस्तर IG सुंदरराज पी ने बताया कि मुख्यधारा से जुड़ने वाली महिला नक्सली दसमी 12 से ज्यादा नक्सली वारदातों में शामिल रह चुकी है और 12 साल की उम्र से ही उसे नक्सलियों ने अपने संगठन में शामिल कर लिया था. जिसके बाद करीब 7 सालों तक दसमी नक्सलियों के नाट्य चेतना मंडली (CNM) की सदस्य रही. इस दौरान उसने नक्सलियों के लिए 35 से ज्यादा गाने बनाए और गांव-गांव जाकर नक्सलियों का प्रचार करती रही. जिसके बाद 2017 में दसमी को दरभा एरिया कमेटी का सचिव बनाया गया.

नक्सलियों के प्रताड़ना से तंग आकर लिया फैसला

नक्सलियों के प्रताड़ना से तंग आने के साथ ही साथियों की ओर से संगठन छोड़ने के बाद दसमी ने समाज की मुख्यधारा से जुड़ने का फैसला लिया. दसमी ने बताया कि उसे सरकार पुनर्वास नीति ने भी प्रभावित किया जिसके बाद उसने आत्मसमर्पण का निर्णय लिया है.

पढ़ें-बैलाडीला में देखा गया नक्सली लीडर गणेश उइके, हाई अलर्ट पर बस्तर पुलिस

आम जिंदगी जीना चाहती है दसमी

आईजी ने बताया कि फिलहाल दसमी को प्रोत्साहन राशि के रुप में 10 हजार रुपये दिए गया हैं और जल्द ही उसपर रखे गए 5 लाख रुपये के इनाम भी उसे दी जाएगी. इसके साथ ही उसे पुनर्वास नीति के तहत समर्पण नक्सलियों को मिलने वाली सुविधाएं भी दी जाएंगी. दसमी ने बताया कि वह हिंसा का रास्ता छोड़ सरकार के मुख्य धारा से जुड़ना चाहती थी, उनके कई साथियों ने नक्सली संगठन को छोड़कर आत्मसमर्पण किया है और वह भी अब आम जिंदगी जीना चाहती है.

पढ़ें-दंतेवाड़ा: नक्सलियों को मुख्यधारा से जोड़ने की पहल, जिला प्रशासन ने सरेंडर नक्सलियों को दिया मुफ्त ट्रैक्टर

भाई से भी की हिंसा का रास्ता छोड़ने की अपील

दसमी ने बताया कि वह 2018 में बचेली में हुई बड़ी नक्सली वारदात में शामिल होने के साथ-साथ लगभग 12 से ज्यादा नक्सली वारदातों में वह शामिल थी. साथ ही नाट्य चेतना मंडली के सदस्य रहने के दौरान वह गांव-गांव जाकर नक्सलियों का प्रचार किया करती थी और खुद ही उसने 35 गाने बनाए. दसमी ने अपने भाई लक्ष्मण जो कि नक्सलियों का LOS कमांडर है और अन्य नक्सली साथियों से भी सरेंडर करने की अपील की है.

जगदलपुर : बुधवार को 5 लाख की इनामी महिला नक्सली ने बस्तर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है. समर्पण करने वाली महिला नक्सली का नाम दसमी है, जो 2010 से नक्सलियों के संगठन में सक्रिय थी. 12 साल की उम्र से ही उसे नक्सलियों ने अपने संगठन में शामिल कर लिया था. दसमी CNM की सदस्य रहने के साथ ही दरभा एरिया कमेटी की सदस्य भी रह चुकी है, जिसपर पुलिस ने 5 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था.

5 लाख की इनामी महिला नक्सली ने किया सरेंडर

महिला नक्सली दसमी ने सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित और नक्सलियों की प्रताड़ना से तंग आकर बस्तर आईजी के सामने आत्मसमर्पण किया है. वहीं IG ने 10 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि देने के साथ ही सरेंडर नक्सली को पुनर्वास नीति के तहत मिलने वाली सभी योजनाओं का लाभ देने की बात कही है.

बस्तर IG सुंदरराज पी ने बताया कि मुख्यधारा से जुड़ने वाली महिला नक्सली दसमी 12 से ज्यादा नक्सली वारदातों में शामिल रह चुकी है और 12 साल की उम्र से ही उसे नक्सलियों ने अपने संगठन में शामिल कर लिया था. जिसके बाद करीब 7 सालों तक दसमी नक्सलियों के नाट्य चेतना मंडली (CNM) की सदस्य रही. इस दौरान उसने नक्सलियों के लिए 35 से ज्यादा गाने बनाए और गांव-गांव जाकर नक्सलियों का प्रचार करती रही. जिसके बाद 2017 में दसमी को दरभा एरिया कमेटी का सचिव बनाया गया.

नक्सलियों के प्रताड़ना से तंग आकर लिया फैसला

नक्सलियों के प्रताड़ना से तंग आने के साथ ही साथियों की ओर से संगठन छोड़ने के बाद दसमी ने समाज की मुख्यधारा से जुड़ने का फैसला लिया. दसमी ने बताया कि उसे सरकार पुनर्वास नीति ने भी प्रभावित किया जिसके बाद उसने आत्मसमर्पण का निर्णय लिया है.

पढ़ें-बैलाडीला में देखा गया नक्सली लीडर गणेश उइके, हाई अलर्ट पर बस्तर पुलिस

आम जिंदगी जीना चाहती है दसमी

आईजी ने बताया कि फिलहाल दसमी को प्रोत्साहन राशि के रुप में 10 हजार रुपये दिए गया हैं और जल्द ही उसपर रखे गए 5 लाख रुपये के इनाम भी उसे दी जाएगी. इसके साथ ही उसे पुनर्वास नीति के तहत समर्पण नक्सलियों को मिलने वाली सुविधाएं भी दी जाएंगी. दसमी ने बताया कि वह हिंसा का रास्ता छोड़ सरकार के मुख्य धारा से जुड़ना चाहती थी, उनके कई साथियों ने नक्सली संगठन को छोड़कर आत्मसमर्पण किया है और वह भी अब आम जिंदगी जीना चाहती है.

पढ़ें-दंतेवाड़ा: नक्सलियों को मुख्यधारा से जोड़ने की पहल, जिला प्रशासन ने सरेंडर नक्सलियों को दिया मुफ्त ट्रैक्टर

भाई से भी की हिंसा का रास्ता छोड़ने की अपील

दसमी ने बताया कि वह 2018 में बचेली में हुई बड़ी नक्सली वारदात में शामिल होने के साथ-साथ लगभग 12 से ज्यादा नक्सली वारदातों में वह शामिल थी. साथ ही नाट्य चेतना मंडली के सदस्य रहने के दौरान वह गांव-गांव जाकर नक्सलियों का प्रचार किया करती थी और खुद ही उसने 35 गाने बनाए. दसमी ने अपने भाई लक्ष्मण जो कि नक्सलियों का LOS कमांडर है और अन्य नक्सली साथियों से भी सरेंडर करने की अपील की है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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