जगदलपुर: बस्तर जिले में लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. आए दिन मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. शहरी क्षेत्र के अलावा ग्रामीण क्षेत्र के लोग भी लगातार कोरोना संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं. जिसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने शहर के अलग-अलग जगहों पर कोविड जांच की व्यवस्था की है.
बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट में नियमित रूप से स्वास्थ्य विभाग की टीम को कोविड जांच के लिए बिठाया गया है. हालांकि रायपुर और दुर्ग जिले की तुलना में बस्तर जिले में अभी संक्रमित मरीजों की संख्या काफी कम है. जिला प्रशासन ने मेडिकल कॉलेज सह डिमरापाल अस्पताल में अलग से कोविड-19 अस्पताल बनाया है. जहां कोरोना संक्रमित मरीजों के साथ कोरोना के लक्षण वाले मरीजों को भर्ती किया जा रहा है. जिले में चार कॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया है.
डिमरापाल अस्पताल में कोरोना संक्रमितों के लिए 550 बेड
बीते एक सप्ताह की बात की जाए तो जांच के दौरान लगातार संक्रमित मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है. हालांकि बस्तर कलेक्टर के मुताबिक यहां हालात अभी काबू में है. डिमरापाल कोविड-19 अस्पताल में कुल 550 बेड की सुविधा है. इसमें अभी लगभग 200 मरीजों का इलाज चल रहा है. सभी मरीजों को डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है. कलेक्टर ने बताया कि कोरोना के सिम्टम्स मिलने वाले मरीजों को ही अस्पताल में भर्ती किया जा रहा है. दिनभर में 8 से 10 लोग ही गंभीर रूप से संक्रमित मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं. जो मरीज गंभीर नहीं हैं, उन्हें होम आइसोलेशन में या क्वॉरेंटाइन में रखा जा रहा है.
जिले में 22 वेंटीलेटर की सुविधा
कलेक्टर ने बताया कि जिले में कुल 22 वेंटीलेटर की सुविधा है. इसके अलावा पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन सिलेंडर भी है. व्यवस्था को और दुरुस्त करने के लिए भी स्वास्थ्य विभाग के साथ समय-समय पर बैठक की जा रही है. कलेक्टर ने बताया कि बस्तर जिले में अभी कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत के आंकड़ों में कमी है और कोशिश की जा रही है कि पॉजिटिव मरीजों को बेहतर इलाज मिल सके. क्वॉरेंटाइन सेंटर से लेकर कोविड-19 अस्पताल में 24 घंटे डॉक्टर स्टाफ की ड्यूटी लगाई गई है. किसी तरह की लापरवाही बरतने पर सख्त कार्रवाई के आदेश भी जारी किये गए हैं.
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एक सप्ताह में 8 मरीजों की मौत
कलेक्टर ने जानकारी देते हुए बताया कि सप्ताह भर के भीतर अबतक कोरोना संक्रमित 8 मरीजों की मौत हुई है. पॉजिटिव मरीजों को श्मशान घाट पहुंचाने के लिए भी जिला प्रशासन के पास पर्याप्त शव वाहन उपलब्ध है. शव वाहन के माध्यम से अस्पताल से उन्हें श्मशान घाट ले जाया जाता है. इस दौरान 4 सदस्यों की टीम भी पूरी पीपीई कीट पहनकर मौजूद रहती है. श्मशान घाट, मुक्तिधाम में भी निगम के कर्मचारियों को पीपीई किट के साथ तैनात किया गया है. लकड़ियों के लिए भी संबंधित मिलर्स के नंबर जारी किए गए हैं. इसके अलावा निगम द्वारा बनाए जा रहे गोबर के कंडे गोबर की लकड़ी भी मुक्तिधाम में पहुंचाई जाती है, ताकि किसी तरह की कोई दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़े.