जगदलपुर : कूप कटाई करने पहुंचे वन विभाग के कर्मचारियों और ग्रामीणों के बीच विवाद हुआ है. विवाद के बाद वन अमला वापस जगदलपुर मुख्यालय पहुंचा है. इस घटना की जानकारी वन विभाग के उच्च अधिकारियों को दी है. जगदलपुर वन परिक्षेत्र अधिकारी देवेंद्र वर्मा ने बताया कि ''जगदलपुर वन परिक्षेत्र के अंतिम छोर पर स्थित नागलसर गांव में 450 पेड़ों की कटाई करने के लिए जगदलपुर से वन अमला गांव पहुंचा था. जिसके बाद आसपास के ग्रामीण पारंपरिक हथियार लेकर वन हमले के पास पहुंचे. वन अमले को पेड़ों की कटाई करने से रोक दिया. इस दौरान वन अमला और ग्रामीणों के बीच वाद विवाद की स्थिति भी निर्मित हुई.
वापस शहर लौटा वन अमला : वन अमला विवाद को बढ़ता देख वापस जगदलपुर शहर लौटा. इसके अलावा यह भी बताया गया है कि ''ग्रामीण सामुदायिक वन अधिकार पट्टा की मांग लंबे समय से कर रहे हैं. यही कारण है कि सामुदायिक पट्टे की मांग पर ग्रामीण अड़े रहे .इस दौरान ग्रामीणों ने पेड़ों को काटने नहीं दिया. इससे पहले भी वन अमले ने कूप कटाई के लिए प्रयास किया था. लेकिन ग्रामीणों ने इसका विरोध किया और सामुदायिक पट्टे की मांग की थी. दोनों के बीच बढ़ते विवाद को देखते हुए वन अमला सुरक्षा की दृष्टि से वापस जगदलपुर लौटा है. जल्द ही आगे नई रणनीति और बातचीत करके कूप कटाई के प्रोसेस को आगे बढ़ाने की बात वन विभाग ने की है.
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क्यों काटने पड़ते हैं पेड़ : जंगल में पेड़ों की संख्या अधिक होने से छोटे पेड़ को ग्रोथ करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. पेड़ आपस में एक दूसरे से टकराने की वजह से पूरी रीति से बड़े नहीं हो पाते हैं. यही कारण है कि भारत सरकार ने इन पेड़ों को अच्छी रीति से बढ़ने के लिए कूप कटाई की योजना तैयार की थी. जिसके तहत वन विभाग घने जंगलों में जाकर सभी पेड़ों को चिन्हित करके उसकी कटाई की जाती है. ताकि आसपास के पेड़ अच्छी रीति से बढ़े. इसके अलावा फलदार वृक्ष जो जंगल में पाए जाते हैं उन्हें वन विभाग नहीं काटता है.