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जगदलपुर: एक मात्र डायलिसिस टेक्निशियन कोरोना पॉजिटिव, मरीजों की बढ़ी परेशानी

जगदलपुर के महारानी अस्पताल में डायलिसिस मरीजों के लिए खतरा और बढ़ गया है. अस्पताल में चल रही इस सुविधा को उस वक्त ब्रेक लग गया है जब यहां काम करने वाली एकमात्र टेक्निशियन भी कोरोना पॉजिटिव पाई गई. जिसके बाद डायलिसिस पेशेंट के लिए सुविधा पूरी तरह से बंद हो गई है.

dialysis operator found corona positive in maharani hospital in jagdalpur
डायलिसिस वार्ड
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Published : Oct 9, 2020, 9:19 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

जगदलपुर: डायलिसिस पर चल रहे कोरोना मरीजों के साथ ही आम मरीजों के लिए इन दिनों खतरा बढ़ गया है. कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए महारानी अस्पताल में चल रही इस सुविधा को उस वक्त ब्रेक लग गया है जब यहां काम करने वाली एकमात्र टेक्निशियन भी पॉजिटिव आ गई. इसके बाद से अब डायलिसिस पेशेंट के लिए सुविधा पूरी तरह से बंद हो गई है.

डायलिसिस टेक्निशियन कोरोना पॉजिटिव

डायलिसिस टेक्नीशियन कोरोना पॉजिटिव

दरअसल कोविड मरीजों के लिए डायलिसिस को लेकर बस्तर में पिछले 4 महीने से लगातार प्रयास किए जा रहे थे. एक महीने पहले अचानक कोरोना संक्रमित मरीज सामने आने के बाद कलेक्टर ने इसका प्रयास किया और महारानी अस्पताल में इसकी व्यवस्था मुहैया कराई जाए, लेकिन अस्पताल में मौजूद एक मात्र टेक्नीशियन के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद अचानक मामला फंस गया और अब आलम यह है कि संक्रमित मरीजों के लिए सुविधा पूरी तरह से ठप हो गई है और प्रशासन ने भी वैकल्पिक तौर पर किसी तरह की कोई व्यवस्था नहीं की है.

पढ़ें- जशपुर में जल्द मिलेगी डायलिसिस की सुविधा, मरीजों को होगा फायदा

टेक्नीशियन एक भी नहीं

बस्तर जिले में करीब 10 मशीनें हैं. लेकिन टेक्नीशियन गिनती के हैं. इससे पहले भी लगातार महारानी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में मशीनों की इतनी संख्या रहती थी, जितने टेक्नीशियन नहीं हैं. इसके कारण अधिकतर मशीनें कई महीनों तक धूल खाती रहीं, सरकार बदली, व्यवस्था बदली लेकिन डायलिसिस की स्थिति जस की तस बनी रही अब कोविड मरीजों के लिए खतरा और भी बढ़ गया है.

स्वास्थ्य सेवा में कमी

जानकारी के मुताबिक डायलिसिस पर मौजूद कोरोना संक्रमित मरीजों में जान का खतरा आम लोगों के मुकाबले में कई गुना ज्यादा होता है. क्योंकि ऐसे मरीजों की इम्युनिटी पॉवर कम होता है. इसलिए इनमें कोरोना संक्रमण होने का खतरा तो बढ़ता जा रहा है. भाजपा नेता संग्राम सिंह राणा का कहना है कि सरकार ने लाखों रुपए की लागत से डायलिसिस की मशीनें तो खरीद ली गईं, लेकिन टेक्नीशियन नहीं होने की वजह से मरीजों को सुविधा नहीं मिल रही है. कोरोना काल में तो बस्तर में स्वास्थ सुविधा और बुरी तरह से चरमरा गई है. आलम यह है कि कोविड संक्रमित मरीजों को अब डायलिसिस की सुविधा भी नहीं मिल पा रही है और ना ही प्रशासन इसको लेकर गंभीर नजर आ रही है.

पढ़ें- मोतीलाल वोरा के निधन की फैली झूठी खबर, खुद ट्वीट कर कहा जल्द लौटेंगे सबके बीच


मरीजों को हो रही परेशानी

लोगों का कहना है कि ऐसे लोग जो कोरोना संक्रमित पाए गए हैं, उनके लिए मेडिकल कॉलेज में ही उचित व्यवस्था करनी चाहिए. ताकि मरीजों को ज्यादा परेशान ना होना पड़े. इससे प्रशासन और स्वास्थ्य अमले की परेशानी के साथ ही कोरोना फैलने का खतरा भी कम होगा. इधर जगदलपुर के विधायक रेखचंद जैन भी खुद मानते हैं कि स्वास्थ्य विभाग में डायलिसिस मशीन को ऑपरेट करने के लिए टेक्नीशियन की कमी है और अब कोविड मरीजों के लिए डायलिसिस वार्ड में एकमात्र टेक्नीशियन के भी कोरोना पॉजिटिव आने से व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है.

कब होगी वैकल्पिक व्यवस्था

विधायक का कहना है कि जिला प्रशासन और वे खुद इसके लिए गंभीर हैं और टेक्नीशियन भर्ती के लिए विज्ञप्ति भी जारी हुई है. जगदलपुर शहर में ही 50 से ज्यादा डायलिसिस मरीज हैं और कोरोना काल में कई मरीज कोरोना संक्रमित हो गए हैं और उनके लिए महारानी अस्पताल में डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध कराई गई है. लेकिन लंबे समय से टेक्नीशियन की कमी बस्तर जिले में बनी हुई है और उसके भर्ती के लिए जिला प्रशासन और ना ही स्वास्थ्य विभाग गंभीर नजर आ रही है. आलम यह है कि अब कोविड संक्रमित डायलिसिस मरीजों को टेक्नीशियन के कोरोना संक्रमित हो जाने से इसकी सुविधा नहीं मिल पा रही है और प्रशासन जल्द ही वैकल्पिक व्यवस्था करने की बात कह रहा है.

जगदलपुर: डायलिसिस पर चल रहे कोरोना मरीजों के साथ ही आम मरीजों के लिए इन दिनों खतरा बढ़ गया है. कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए महारानी अस्पताल में चल रही इस सुविधा को उस वक्त ब्रेक लग गया है जब यहां काम करने वाली एकमात्र टेक्निशियन भी पॉजिटिव आ गई. इसके बाद से अब डायलिसिस पेशेंट के लिए सुविधा पूरी तरह से बंद हो गई है.

डायलिसिस टेक्निशियन कोरोना पॉजिटिव

डायलिसिस टेक्नीशियन कोरोना पॉजिटिव

दरअसल कोविड मरीजों के लिए डायलिसिस को लेकर बस्तर में पिछले 4 महीने से लगातार प्रयास किए जा रहे थे. एक महीने पहले अचानक कोरोना संक्रमित मरीज सामने आने के बाद कलेक्टर ने इसका प्रयास किया और महारानी अस्पताल में इसकी व्यवस्था मुहैया कराई जाए, लेकिन अस्पताल में मौजूद एक मात्र टेक्नीशियन के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद अचानक मामला फंस गया और अब आलम यह है कि संक्रमित मरीजों के लिए सुविधा पूरी तरह से ठप हो गई है और प्रशासन ने भी वैकल्पिक तौर पर किसी तरह की कोई व्यवस्था नहीं की है.

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टेक्नीशियन एक भी नहीं

बस्तर जिले में करीब 10 मशीनें हैं. लेकिन टेक्नीशियन गिनती के हैं. इससे पहले भी लगातार महारानी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में मशीनों की इतनी संख्या रहती थी, जितने टेक्नीशियन नहीं हैं. इसके कारण अधिकतर मशीनें कई महीनों तक धूल खाती रहीं, सरकार बदली, व्यवस्था बदली लेकिन डायलिसिस की स्थिति जस की तस बनी रही अब कोविड मरीजों के लिए खतरा और भी बढ़ गया है.

स्वास्थ्य सेवा में कमी

जानकारी के मुताबिक डायलिसिस पर मौजूद कोरोना संक्रमित मरीजों में जान का खतरा आम लोगों के मुकाबले में कई गुना ज्यादा होता है. क्योंकि ऐसे मरीजों की इम्युनिटी पॉवर कम होता है. इसलिए इनमें कोरोना संक्रमण होने का खतरा तो बढ़ता जा रहा है. भाजपा नेता संग्राम सिंह राणा का कहना है कि सरकार ने लाखों रुपए की लागत से डायलिसिस की मशीनें तो खरीद ली गईं, लेकिन टेक्नीशियन नहीं होने की वजह से मरीजों को सुविधा नहीं मिल रही है. कोरोना काल में तो बस्तर में स्वास्थ सुविधा और बुरी तरह से चरमरा गई है. आलम यह है कि कोविड संक्रमित मरीजों को अब डायलिसिस की सुविधा भी नहीं मिल पा रही है और ना ही प्रशासन इसको लेकर गंभीर नजर आ रही है.

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मरीजों को हो रही परेशानी

लोगों का कहना है कि ऐसे लोग जो कोरोना संक्रमित पाए गए हैं, उनके लिए मेडिकल कॉलेज में ही उचित व्यवस्था करनी चाहिए. ताकि मरीजों को ज्यादा परेशान ना होना पड़े. इससे प्रशासन और स्वास्थ्य अमले की परेशानी के साथ ही कोरोना फैलने का खतरा भी कम होगा. इधर जगदलपुर के विधायक रेखचंद जैन भी खुद मानते हैं कि स्वास्थ्य विभाग में डायलिसिस मशीन को ऑपरेट करने के लिए टेक्नीशियन की कमी है और अब कोविड मरीजों के लिए डायलिसिस वार्ड में एकमात्र टेक्नीशियन के भी कोरोना पॉजिटिव आने से व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है.

कब होगी वैकल्पिक व्यवस्था

विधायक का कहना है कि जिला प्रशासन और वे खुद इसके लिए गंभीर हैं और टेक्नीशियन भर्ती के लिए विज्ञप्ति भी जारी हुई है. जगदलपुर शहर में ही 50 से ज्यादा डायलिसिस मरीज हैं और कोरोना काल में कई मरीज कोरोना संक्रमित हो गए हैं और उनके लिए महारानी अस्पताल में डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध कराई गई है. लेकिन लंबे समय से टेक्नीशियन की कमी बस्तर जिले में बनी हुई है और उसके भर्ती के लिए जिला प्रशासन और ना ही स्वास्थ्य विभाग गंभीर नजर आ रही है. आलम यह है कि अब कोविड संक्रमित डायलिसिस मरीजों को टेक्नीशियन के कोरोना संक्रमित हो जाने से इसकी सुविधा नहीं मिल पा रही है और प्रशासन जल्द ही वैकल्पिक व्यवस्था करने की बात कह रहा है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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