जगदलपुर : बस्तर में ईटीवी भारत के खबर का बड़ा असर हुआ है. बस्तर के खूबसूरत कांगेर वैली नेशनल पार्क घोटाले का सच ईटीवी भारत ने सामने लाया था. भ्रष्टाचार के मामले में कांकेर वाली नेशनल पार्क के कोलेंग वन परिक्षेत्र के रेंजर और डिप्टी रेंजर दोषी पाए गए थे. जिनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाई करते हुए, वन विभाग के डिप्टी रेंजर को निलंबित किया गया है.
ग्रामीणों ने स्वीकारी थी घोटाले की बात : नेशनल पार्क की पीड़ित ग्रामीण सोनारू मरकाम ने बताया कि कोलेंग वन परिक्षेत्र के कक्ष क्रमांक 333 में लेंटाना उन्मूलन कार्य के नाम पर 50 से अधिक ग्रामीणों के खाते में अलग-अलग किस्तों के पैसे बिना काम के व्हाउचर बनाकर डाले गए थे. ग्रामीणों ने बीते 3 सालों से काम नहीं करने और खाते में पैसे डाले जाने की बात को स्वीकार किया. पैसे को कुछ दिन बाद ग्रामीण के खाते से निकलकर खुद अधिकारी डकार लिए थे.
'' कांगेर नेशनल पार्क के कोलेंग इलाके के काचीररास से लेंटाना उम्मुलन कार्य पर भ्रष्टाचार की जानकारी ईटीवी भारत से मिली थी. शिकायत के बाद एसडीओ को जांच के लिए भेजा गया था. विभागीय जांच में कोलेंग वन परिक्षेत्र के रेंजर और डिप्टी रेंजर दोषी पाए गए. जिन पर आवश्यक कार्यवाई के लिए मुख्य वन संरक्षक को लेख किया गया.'' गणवीर धम्मशील,डीएफओ
विभागीय जांच के बाद होगी आगे की कार्रवाई : बस्तर के मुख्य वन संरक्षक आरसी दुग्गा के मुताबिक जांच में क्षेत्र के डिप्टी रेंजर दोषी पाए जाने के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया. डिप्टी रेंजर धनीराम राजपूत को 1 दिसम्बर को निलंबित किया गया. इसके बाद इस मामले की विभागीय जांच की जाएगी. चार्जशीट बनाया जाएगा. संस्थापित किया जाएगा.विभागीय जांच में दोष साबित होने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
क्या है पूरा मामला ? : आपको बता दें कि कांगेर वैली नेशनल पार्क में हुए भ्रष्टाचार का उजागर ईटीवी भारत ने ग्राउंड रिपोर्ट करके किया था. भ्रष्टाचार के मामले के तह तक पहुंची थी. इसके बाद विभाग में हड़कंप मचा और भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच शुरू हुआ. जिसमें विभाग के रेंजर और डिप्टी रेंजर पूरी तरह से दोषी पाए गए हैं. लेकिन विभाग ने केवल डिप्टी रेंजर को ही निलंबित किया है. लेकिन बताया यह जा रहा है कि इस घोटाले और भ्रष्टाचार के मामले में वन परिक्षेत्र के निचले कर्मचारी से लेकर बड़े स्तर के अधिकारी भी शामिल हैं. यदि ईटीवी भारत भ्रष्टाचार के मामले को उजागर नहीं करता तो लेंटाना उन्मूलन कार्य के नाम पर अधिकारी लाखों रुपए का जमकर भ्रष्टाचार करते.