जगदलपुर: हिंदू धर्म में किसी की मृत्यु हो जाने पर उसके पुत्र द्वारा ही शव को मुखाग्नि दिए जाने की परंपरा रही है, लेकिन आधुनिक समाज में परंपराएं बदल रही है. अब महिलाएं भी अपने कर्तव्य का निर्वाहन कर रही हैं.
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शहर के महावीर नगर निवासी गौरीशंकर बिसेन जिनकी उम्र 82 वर्ष थी, शुक्रवार की रात उनका निधन हो गया. शनिवार की सुबह बेटी ने मुक्तिधाम में अपने पिता का अंतिम संस्कार उनके शव को मुखाग्नि देकर किया.
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बेटी ने निभाए सारे रिवाज
पूर्णिमा एक शिक्षिका है. बुजुर्ग पिता उन्हीं के साथ रहा करते थे. कोई भाई न होने के चलते पूर्णिमा ने अपने पिता के लिए एक पुत्र की तरह अंतिम संस्कार की रस्में निभाई. आंखों में आंसू और हाथ में अग्नि लिए पूर्णिमा ने अपने पिता की आत्मा की शांति के लिए वह काम किया जो परंपरागत रूप से मृतक का पुत्र ही करता है. जगदलपुर शहर में पुत्री द्वारा अपने पिता को मुखाग्नि देने का यह दूसरा मामला सामने आया है.