जगदलपुर: बस्तर के नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात जवानों को एयर लिफ्ट कराने के लिए उपयोग में लाए जाने वाले हेलीकॉप्टर को अब एयर एंबुलेंस की तरह विकसित किया जाएगा. इसके लिए केन्द्रीय सुरक्षा बल ने जगदलपुर के सीआरपीएफ में पदस्थ डॉक्टरों और पैरा मेडिकल स्टॉफ के लिए विशेष ट्रेनिंग मॉड्यूल की शुरूआत की है.
एंटी नक्सल ऑपरेशन में लगे वायुसेना और बीएसएफ के हेलीकॉप्टर में अब एयर एंबुलेंस की सभी सुविधाएं मिलेंगी, जिससे घायल जवानों का का जल्द से जल्द इलाज शुरू हो पाएगा. नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग में वर्तमान में करीब आधा दर्जन हेलीकॉप्टर एंटी नक्सल ऑपरेशन में लगे हुए हैं और जंगल में मुठभेड़ के दौरान घायल जवानों को बाहर निकालने में इन्ही हेलीकॉप्टरों की मदद ली जाती है.
CRPF चीफ एपी महेश्वरी ने दिए निर्देश
दरअसल, केन्द्रीय रिजर्व सुरक्षा बल के नए चीफ एपी माहेश्वरी ने निर्देश जारी किए हैं कि देशभर में एंटी नक्सल ऑपरेशन में लगे एक दर्जन हेलीकॉप्टरों को एयर एंबुलेंस में तब्दील किया जाए और इस पर काम शुरू हो चुका है. बता दें कि आम हेलीकॉप्टरों में सिर्फ प्राथमिक उपचार की सुविधा होती है और गोलीबारी के बीच हेलीकॉप्टर को लैंड कराना भी चुनौती होती है और हेलीकॉप्टर से घायल को निकालने के बाद अस्पताल तक पहुंचाने में भी वक्त लगता है. इस बीच ज्यादा खून बहने से कई बार जवानों की जान चली जाती है. इसे देखते हुए हेलीकॉप्टर को एयर एंबुलेंस में बदलने की प्रक्रिया शुरू की गई है.
घायल जवानों को एयर एंबुलेंस से जल्द मिलेगा ईलाज
एयर एंबुलेंस के तौर पर काम करने वाले हेलीकॉप्टर वहीं उतर सकते हैं, जहां हवाई पट्टी हो. नक्सल इलाकों में विशम जगहों पर हेलीकॉप्टर की लैंडिंग करानी होती है. इसीलिए यह जरूरत महसूस की जा रही थी कि आम हेलीकॉप्टर को ही एयर एंबुलेंस की सुविधाओं से दें दिया जाए और बस्तर में वायुसेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर की सेवाएं ली जा रही हैं. बस्तर में रायपुर और जगदलपुर एयर बेस में एक समय में कम से कम चार हेलीकॉप्टर हमेशा मौजूद होते हैं. जरूरत के मुताबिक तुरंत और हेलीकॉप्टर भी आ जाते हैं. केन्द्रीय सुरक्षा बल की ओर से हेलीकॉप्टर को एयर एंबुलेंस बनाने की यह सराहनीय पहल है. इससें घायल जवानों को सही समय पर ईलाज मिल सकेगा.