जगदलपुर: बस्तर की छवि को नक्सलगढ़ से पर्यटन के प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए कवायद जारी है. बस्तर में ईको टूरिज्म के अवसर को बढ़ाने के लिए कलेक्टर रजत बंसल ने जिले के अधिकारियों की बैठक ली. इस बैठक में बस्तर में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देकर महिला स्वसहायता समूह और ग्रामीण युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए.
कलेक्टर ने सभी एसडीएम और ब्लॉक के जनपद पंचायत सीईओ से पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए किए गए कामों की समीक्षा की और पर्यटन स्थलों में होने वाली आमदनी की राशि के विभाजन के संबंध में विस्तृत चर्चा कर आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए.
पर्यटन स्थलों को विकसित करने पर फोकस
इस बैठक में कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान नेशनल पार्क और अन्य आरक्षित वन क्षेत्र, ट्रैकिंग स्थान का अनुमोदन और वन विभाग एवं पर्यटन समिति के बीच समन्वय, होम स्टे संचालित करने वाले समूह के व्यक्ति का चिन्हांकन और सत्यापन, गाइड का काम करने वाले व्यक्ति का चिन्हांकन, पर्यटन क्षेत्र में स्थानीय खाद्य सामग्री के विक्रय की व्यवस्था सुनिश्चित करना, पर्यटकों के संख्या के आधार पर पर्यटन स्थल के वर्गीकरण पर चर्चा की गई.
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नए साल नए एडवेंचर स्पॉट शामिल करने पर हुई चर्चा
इसके अलावा पर्यटन समिति द्वारा समूह के कार्य विभाजन का सत्यापन, पर्यटन क्षेत्र को प्लास्टिक मुक्त करने, पर्यटन क्षेत्र में स्वीकृत निर्माण कार्य की जानकारी, एडवेंचर स्पोर्ट्स की तैयारी की जानकारी दी गई.
पर्यटकों के लिए सुविधा बढ़ाने पर भी हुई चर्चा
नए साल में साइकिल इवेन्टर्स चित्रकोट, मेदरीगुमर, तामडागुमड, मिचनार से होते हुए तीरथगढ़ तक के ट्रैक रूट की भी जानकारी ली गई. इसके साथ ही पर्यटन स्थलों में शूल्क निर्धारण का बोर्ड लगाना, पर्यटकों की सुविधा के लिए दुकानों की स्थापना, वन विभाग और NRLM के माध्यम से टूरिज्म गाईड के प्रशिक्षण की व्यवस्था के संबंध में भी बैठक में चर्चा की गई.