बस्तरः कोरोना की दूसरी लहर से पूरा देश परेशान है. छत्तीसगढ़ में भी कोरोना के केस लगातार बढ़ रहे हैं. बस्तर जिले में भी कोरोना से हाल बेहाल है. दिन-ब-दिन संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. जिला प्रशासन ने कोरोना की जांच भी बढ़ा दी है. शहर के कई इलाकों को कंटेनमेंट जोन भी बनाया गया है, जहां पूरी तरह से 14 दिन के लिए हर चीज पर पाबंदी लगा दी गई है.
बस्तर कलेक्टर ने जिले के सामाजिक संगठनों और बस्तर चैम्बर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारियों की बैठक ली. बैठक में लॉकडाउन को लेकर चर्चा भी हुई. जिला प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए बस्तर में भी लॉकडाउन लगाने की संभावना तेज हो गई है.
कोरोना की रफ्तार
बस्तर जिले में पिछले साल के मुकाबले इस साल कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. आए दिन 80 से 100 की संख्या में संक्रमित मरीज जिले में मिल रहे हैं. जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की मौत के मामले भी बढ़ रहे हैं. हालांकि जिले में 144 धारा तो जरूर लगाई गई है, लेकिन इसका प्रभाव नजर नहीं आ रहा है. कुछ दिनों पहले से मास्क को लेकर प्रशासन द्वारा कड़ाई बरती जा रही है और मास्क नहीं पहनने वाले लोगों से 500 रु जुर्माना भी वसूला जा रहा है. जिसके भय से लोग कुछ हद तक मास्क पहन रहे हैं.
कलेक्टर ने लॉकडाउन के दिए निर्देश, 10 अप्रैल से 19 अप्रैल तक नियम लागू
नियम का पालन
जिला प्रशासन के साथ हुई बैठक में सभी व्यापारियों को कोरोना के नियमों का पालन नियमित रूप से करने की हिदायत दी गई है, साथ ही अपने अपने प्रतिष्ठानों में पूरी सावधानी बरतने के लिए भी आदेशित किया गया है. अध्यक्ष का भी कहना है कि जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. ऐसे में सख्त कदम उठाए जाने की आवश्यकता है, लेकिन जिला प्रशासन की ओर से व्यापारी संघ और सभी समाज प्रमुखों की बैठक के बाद ही यह निर्णय लिया जाएगा कि बस्तर जिले में लॉकडाउन लगाना अभी जरूरी है या नहीं.
ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना का कहर
शहरी क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीण अंचलों में भी कोरोना संक्रमित मरीज सामने आ रहे हैं. पिछले साल संक्रमण फैलने के डर से जिले के अधिकतर ग्रामीण इलाकों में लोगों ने शहरी लोगों का आना पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया था. अपने गांव के मुख्य द्वार पर बैरिकेड्स भी लगा दिए थे, ताकि बाहरी लोग गांव में प्रवेश ना करें और कोरोना का संक्रमण गांवों में ना फैल सके. यही वजह रही कि पिछले साल ग्रामीण क्षेत्रों के मुकाबले शहरी क्षेत्रों में ज्यादा लोग कोरोना के चपेट में आए. वहीं इस बार ग्रामीण क्षेत्र में भी कोरोना का खतरा मंडरा रहा है.
SPECIAL: कोरोना टेस्ट में टारगेट से भी आगे बिलासपुर वैक्सीनेशन में पिछड़ा
4 वार्डों को कंटेनमेंट जोन बनाया गया
जिला प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि कोरोना को कंट्रोल करने के लिए जिले में पूरी सावधानी बरती जा रही है. लगातार जिला प्रशासन के पूरे अधिकारी मैदानी स्तर पर अपनी ड्यूटी कर रहे हैं. मास्क नहीं पहनने वालों पर जुर्माना लगाने के साथ-साथ ज्यादा से ज्यादा कोरोना जांच भी की जा रही है. साथ ही इस दौरान जिस वार्ड में अधिकतर मामले सामने आ रहे हैं, उसे कंटेनमेंट जोन बनाकर सावधानी बरती जा रही है. एसडीएम ने बताया कि 4 वार्डों को कंटेनमेंट जोन बनाया गया है और इसकी समय सीमा भी बढ़ा दी गई है.