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दिल की बीमारी से पीड़ित चांदामेटा के युवक की छूटी थी जॉब, बी टेक पास छात्र को कलेक्टर ने दी नौकरी - चांदामेटा

Collector gave job to B Tech pass student नक्सलगढ़ चांदामेटा में दिल की बीमारी के कारण नौकरी छोड़ चुके युवक को कलेक्टर ने फिर से जीने की राह दिखाई है.इसके लिए कलेक्टर ने युवक को सरकारी नौकरी दी है.नियुक्ति पत्र पाकर युवक ने प्रशासन को धन्यवाद कहा है.Chandameta of Jagdalpur

Collector gave job to B Tech pass student
बी टेक पास छात्र को कलेक्टर ने दी नौकरी
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 11, 2024, 7:10 PM IST

बी टेक पास छात्र को कलेक्टर ने दी नौकरी

बस्तर : जगदलपुर के अंतिम छोर में बसा चांदामेटा गांव लगातार सुर्खियों में बना हुआ है. लेकिन कभी नक्सलियों का गढ़ कहे जाने वाले इस इलाके में विकास की बयार बहने लगी है. चांदामेटा में स्कूल, आंगनबाड़ी, सड़क, पानी, बिजली और मतदान केंद्र की सुविधा प्रशासन ने मुहैया करवाई.इसके बाद अब इस नक्सलगढ़ के होनहार छात्र को कलेक्टर ने सरकारी नौकरी दी है. ये युवक नक्सलगढ़ से निकलकर राजधानी रायपुर गया.इसके बाद उसने कंप्यूटर और बी-टेक की शिक्षा ली. यह युवक अब क्षेत्र सहित पूरे बस्तर के लिए रोल मॉडल बन गया है.

कैसे रहा रायपुर तक का सफर ? : चांदामेटा का युवक जुगल किशोर कोर्राम किसान परिवार से ताल्लुक रखता है. जुगल किशोर ने कोलेंग से प्राथमिक शिक्षा हासिल की. इसके बाद नक्सलगढ़ से निकलकर जगदलपुर शहर पहुंचा. और फिर रायपुर से स्कूली शिक्षा ग्रहण किया. स्कूल पूरा करने के बाद जुगल ने इंजीनियरिंग करने की ठानी.इसके लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की. लेकिन आर्थिक स्थित कमजोर होने के कारण अपनी आर्थिक जरूरतों के लिए टीचिंग का काम किया. पढ़ाई के दौरान जुगल को पता चला कि उसे दिल की बीमारी है.जिसके कारण युवक की नौकरी छूट गई.इलाज के लिए पैसा नहीं होने के कारण जुगल वापस चांदामेटा लौटा और फिर यहीं रहने लगा.

कलेक्टर ने युवक को दी नौकरी : चांदामेटा में जब कलेक्टर नए स्कूल भवन का उद्घाटन किया और इसके बाद जब मतदान केंद्र बनवाया तो जुगल ने सोचा क्यों ना कलेक्टर को समस्या बताई जाए.इसके बाद जुगल ने अपनी परेशानी कलेक्टर से साझा की. चुनाव के बाद बस्तर कलेक्टर दोबारा विकास कार्यों का जायजा लेने चांदामेटा पहुंचे थे. जहां जुगल दोबारा उनसे मिला. जिस पर कलेक्टर ने कम्प्यूटर का ज्ञान रखने के कारण कम्प्यूटर शिक्षक बनने का राय जाना. सहमति मिलने के बाद कलेक्टर खुद अपनी गाड़ी में बैठाकर युवक को आश्रम ले गए. जहां उन्होंने युवक को नियुक्ति आदेश थमाया.इसके बाद आश्रम के बच्चों को उनके नए कंप्यूटर टीचर से भी मिलवाया. साथ ही युवक के दिल की बीमारी का भी इलाज कराने का आश्वासन दिया है.

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