बस्तर: पूरे विश्व में क्रिसमस को लेकर लोगों में उत्साह देखने को मिल रहा है. छत्तीसगढ़ के साथ ही बस्तर में भी क्रिसमस पर्व की तैयारियां लगभग पूरी हो गई है. क्रिसमस को लेकर बस्तरवासियों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. दिसंबर माह के शुरुआती दिनों से लोग तैयारियों में जुटे हुए हैं. बस्तर संभाग के सबसे बड़े चंदैया मेमोरियल मेथोडिस्ट एपिस्कोपल चर्च को भी सजा दिया गया है. यहां दर्जनों लोग मिलकर चर्च को सजा रहे हैं.
एक माह पहले से की जाती है तैयारी: जिले में क्रिसमस सेलिब्रेशन को लेकर ईटीवी भारत ने चर्च के सदस्य अनिल सेंट जॉन से बातचीत की. बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि, "बस्तर संभाग का यह सबसे बड़ा चर्च है. इसकी स्थापना को लगभग 125 साल पूरे हो चुके हैं. सन 1898 में इस चर्च की स्थापना हुई थी. चर्च की इमारत साल 1933 में बना था. बस्तर संभाग के सबसे पुराने चर्च होने के कारण यह कलीसिया भी बड़ी है. इस चर्च में काफी संख्या में सदस्य भी हैं. चर्च बड़ी होने के कारण लोगों की सहभागिता भी सबसे अधिक होता है. लोगों की तैयारियां भी सबसे अधिक होती है. साथ ही कार्यक्रम भी सबसे अधिक होते हैं. संभवत बस्तर संभाग के अंतर्गत इस चर्च में सबसे अधिक कार्यक्रम होता है, इसीलिए इसकी तैयारी एक महीने पहले से ही शुरू की जाती है.
बस्तर में समाज के लोगों को एकजुट करने के लिए कैरोल सिंगिंग का आयोजन किया जाता है. कैरोल सिंगिंग के माध्यम से चर्च के सदस्य, पास्टर और सैंटा क्लोज लोगों को क्रिसमस गिफ्ट और चॉकलेट बांटते हैं. -रत्नेश बेंजामिन, चर्च के सदस्य
हर वर्ग की होती है सहभागिता: वहीं, चर्च के एक अन्य सदस्य मनीष पारकर ने बताया कि, "दिसंबर महीने की शुरुआत से ही अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किया जाता है. इसमें अंतरराज्यीय क्रिकेट टूर्नामेंट, फैंसी ड्रेस कॉम्पिटिशन, कैरोल कॉम्पिटिशन, महिला समिति कार्यक्रम, खेलकूद जैसे विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. चर्च के लोगों की मंशा रहती है कि छोटे बच्चे से लेकर बड़े बुजुर्ग तक इस कार्यक्रम में शामिल हो सकें."
बता दें कि हर जगह क्रिसमस को लेकर ईसाई समाज के साथ ही अन्य लोग भी अच्छी खासी तैयारी करते हैं. छत्तीसगढ़ में भी हर चर्च को क्रिसमस से पहले सजाया जाता है. कई जगहों पर क्रिससम से पहले जुलूस भी निकाला जता है. इसके बाद क्रिसमस पर एक दूसरे को भगवान यीशु के जन्म की बधाई देते हुए पर्व सेलिब्रेट किया जाता है.