जगदलपुर : दीपों के पर्व दीपावली की बस्तर में भी धूमधाम से तैयारी चल रही है. सभी इस पर्व को धूमधाम से मनाने की तैयारी में लगे हुए हैं. लेकिन, बस्तर में बदले मौसम की वजह से व्यापारियों और छोटे ग्रामीण विक्रेताओं में मायूसी छाई हुई है. वहीं दूसरी तरफ मार्केट में आए चीन की झालरों ने दीये की डिमांड को फीका कर दिया है. मिट्टी और गोबर के दीये खरीदने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के संदेश का भी बस्तर में कुछ खास असर नहीं दिख रहा है.
मिट्टी के दीये बेचने आए ग्रामीण विक्रेताओं का कहना है कि मिट्टी के दीये बनाने में उन्हें बहुत मेहनत करनी पड़ती है. लेकिन, वर्तमान में हालात कुछ ऐसे हैं कि उनको मेहनताना भी नहीं मिल रहा, मुनाफा तो दूर की बात है.
बारिश ने बढ़ाई मुश्किलें
विक्रेताओं का कहना है कि पिछले साल की तुलना में इस साल दीये की डिमांड काफी कम है. बस्तर में हो रही बारिश से वे परेशान हैं .वहीं दूसरी तरफ शहर में बिक रहे चाइनीज झालरों की वजह से दीये के बाजार सूने पड़े हैं. लेकिन विक्रेताओं का कहना है कि वे पीढ़ी दर पीढ़ी दिए बनाते आ रहे हैं. वे हर साल इसी उम्मीद से आते हैं कि उनके दीये बिकेंगे और उनका घर चल पाएगा.
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'दीपावली में मिट्टी के दीये का अलग महत्व'
मुख्यमंत्री ने सभी प्रशासनिक अधिकारियों को मिट्टी के दिये लेने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए कहा. जिसके बाद कलेक्टर ने सोशल मीडिया के माध्यम से दीपावली में मिट्टी के दिए उपयोग करने का संदेश जारी किया था. हालांकि कुछ लोगों का कहना है कि दीपावली में मिट्टी के दीये का अलग ही महत्व होता है और इसका पारंपरिक महत्व भी है.