जगदलपुर: बीजापुर जिले के सिलगेर गांव (Silger firing case) में पिछले 1 महीनों से लगातार आंदोलन कर रहे ग्रामीणों को विभिन्न राजनीतिक दल के नेता ग्रामीणों के समर्थन में सिलगेर पहुंचकर इस आंदोलन में शामिल हो रहे हैं. अब तक छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस, भाजपा जांच दल और कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल भी इन ग्रामीणों से मुलाकात करने पहुंच चुका है. ग्रामीणों से मिलने जा रहे छत्तीसगढ़ बचाओ मंच (Chhattisgarh Bachao Manch) के सदस्यों को सिलगेर जाने से पहले पुलिस ने रोक दिया. वीजापुर से वापस लौटे छत्तीसगढ़ बचाओ मंच के सदस्यों ने जगदलपुर में प्रेस वार्ता कर उन्हें सिलगेर जाने से उन्हें रोकने के पीछे पुलिस की एक साजिश बताया है.
'ग्रामीणों से मिलने नहीं दे रहा प्रशासन'
छत्तीसगढ़ बचाओ मंच के सदस्य संजय पराते ने बताया कि उन्हें और उनकी टीम के सदस्यों को पुलिस ने कोविड जांच के नाम रोका गया. जब टीम के सदस्यों ने पुलिस को कोविड रिपोर्ट दिखाई तो पुलिस ने रिपोर्ट को झूठा बताया. यही नहीं पुलिस ने बीजापुर जाने से पहले ही उन्हें रोक कर वापस लौटा दिया. छत्तीसगढ़ बचाओ मंच का कहना है कि सिलगेर कांड को लेकर जरूर सरकार कुछ छुपा रही है और यही वजह है कि सच्चाई सामने आने के डर से अब सिलगेर को जानबूझकर कंटेनमेंट जोन बनाकर प्रशासन ग्रामीणों से मिलने नहीं दे रही है. उन्होंने कहा कि पिछले 15 सालों से भाजपा सरकार और अब ढाई साल से भूपेश सरकार भी आदिवासियों के अहित का काम कर रही है. गैर कानूनी तरीके से पुलिस को आगे कर ग्रामीणों के समर्थन में जाने वाले लोगों को रोकने का प्रयास कर रही है.
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'प्रतिनिधिमंडल भेजकर मामले को दबाने की कोशिश'
छत्तीसगढ़ बचाओ मंच के सदस्यों ने सरकार के प्रतिनिधिमंडल पर भी सवाल उठाया. संजय पराते ने कहा कि जब इस पूरे मामले की दंडाधिकारी जांच सरकार की ओर से की जा रही है. ऐसे में कांग्रेस सांसद के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल को ग्रामीणों से चर्चा के लिए भेजना समझ से परे है. संजय पराते ने कहा कि सरकार अपने प्रतिनिधिमंडल को भेजकर पूरे मामले को दबाने की कोशिश कर रही है. वहीं सरकार को अपने प्रतिनिधि मंडल भेजने की जरूरत नहीं थी. यह प्रतिनिधि मंडल विपक्ष की तो है नहीं, ऐसे में इस पूरे मामले को राज्य सरकार लीपापोती करने में तुली हुई है. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान छत्तीसगढ़ बचाओ मंच के सदस्य आलोक शुक्ला, सामाजिक कार्यकर्ता बेला भाटिया और अन्य सदस्य मौजूद रहे.