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महापौर ने पेश किया अंतिम कार्यकाल का बजट, विपक्ष ने किया वॉकआउट

जगदलपुर : नगर निगम के महापौर ने अपने अंतिम कार्यकाल का बजट पेश किया. विपक्ष के काफी हंगामे के बीच यह बजट पेश किया गया. इसमें लगभग 2 अरब रुपए के विकास कार्यों की स्वीकृति दी गई. विपक्ष ने इस बजट को विकास के नजरिए से खास न बताते हुए बैठक का बहिष्कार कर बहिर्गमन कर दिया.

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Published : Feb 17, 2019, 9:11 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST

महापौर ने पेश किया अंतिम कार्यकाल का बजट

नगर निगम ने लगभग डेढ़ अरब रुपए की पुनरीक्षित आय एवं 1 अरब 17 करोड़ के व्यय का आंकलन किया है. सीधे शब्दों में कहा जाए, तो 1 करोड़ 23 लाख के बचत का यह बजट है. मामले में भाजपा पार्षदों का कहना है कि पिछले वर्ष के अपूर्ण कार्यों की बचत राशि को इस बजट में जोड़कर बचत का बजट लाया गया है, जो कि कहीं न कहीं शहर के अधूरे विकास एवं नगर निगम द्वारा सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए लोगों को गुमराह किया जा रहा है.

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90 प्रतिशत काम अभी भी अधूरा
मामले में निगम के नेता प्रतिपक्ष संजय पांडेय ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा डीएमएफ फंड के आहरण पर रोक लगा देने से सारे भवन निर्माण काम अधूरे हैं. वहीं बीते 4 साल में पेश किए गए बजट में से 90 प्रतिशत काम अभी भी अधूरा है. ऐसे में इस बजट में अधूरे काम को छोडकर नये स्किम को बताना शहरवासियों के साथ एक प्रकार का धोखाधड़ी है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि विपक्ष ने इस बजट को जनहित में उचित नहीं मानते हुए बजट को अस्वीकृत करते हुए सदन से बहिर्गमन किया है.


बिना स्वीकृति दिए सदन से वॉकआउट किया
इधर महापौर ने शहर के विकास को ध्यान में रखकर बनाया गया बजट बताया. उन्होंने कहा कि इस बजट में मुख्य रूप से शुद्ध पेयजल, मूलभूत सुविधाएं और कर्मचारियों के नियमितीकरण को ध्यान में रखते हुए पेश किया गया है. जैसा कि कांग्रेस ने अपने तय घोषणापत्र में समेकित कर और संपत्ति कर को आधा करने और बीपीएल कार्डधारी को फ्री में पेयजल उपलब्ध कराने की बात कही थी, उसे प्रस्ताव बनाकर राज्य शासन को भेजा गया है. विपक्ष ने बहुमत का फायदा उठाते हुए इस बजट को बिना स्वीकृति दिए सदन से वॉकआउट किया है.

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नगर निगम ने लगभग डेढ़ अरब रुपए की पुनरीक्षित आय एवं 1 अरब 17 करोड़ के व्यय का आंकलन किया है. सीधे शब्दों में कहा जाए, तो 1 करोड़ 23 लाख के बचत का यह बजट है. मामले में भाजपा पार्षदों का कहना है कि पिछले वर्ष के अपूर्ण कार्यों की बचत राशि को इस बजट में जोड़कर बचत का बजट लाया गया है, जो कि कहीं न कहीं शहर के अधूरे विकास एवं नगर निगम द्वारा सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए लोगों को गुमराह किया जा रहा है.

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90 प्रतिशत काम अभी भी अधूरा
मामले में निगम के नेता प्रतिपक्ष संजय पांडेय ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा डीएमएफ फंड के आहरण पर रोक लगा देने से सारे भवन निर्माण काम अधूरे हैं. वहीं बीते 4 साल में पेश किए गए बजट में से 90 प्रतिशत काम अभी भी अधूरा है. ऐसे में इस बजट में अधूरे काम को छोडकर नये स्किम को बताना शहरवासियों के साथ एक प्रकार का धोखाधड़ी है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि विपक्ष ने इस बजट को जनहित में उचित नहीं मानते हुए बजट को अस्वीकृत करते हुए सदन से बहिर्गमन किया है.


बिना स्वीकृति दिए सदन से वॉकआउट किया
इधर महापौर ने शहर के विकास को ध्यान में रखकर बनाया गया बजट बताया. उन्होंने कहा कि इस बजट में मुख्य रूप से शुद्ध पेयजल, मूलभूत सुविधाएं और कर्मचारियों के नियमितीकरण को ध्यान में रखते हुए पेश किया गया है. जैसा कि कांग्रेस ने अपने तय घोषणापत्र में समेकित कर और संपत्ति कर को आधा करने और बीपीएल कार्डधारी को फ्री में पेयजल उपलब्ध कराने की बात कही थी, उसे प्रस्ताव बनाकर राज्य शासन को भेजा गया है. विपक्ष ने बहुमत का फायदा उठाते हुए इस बजट को बिना स्वीकृति दिए सदन से वॉकआउट किया है.

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Intro:जगदलपुर। जगदलपुर नगर निगम में आज महापौर ने अपने अंतिम कार्यकाल का बजट पेश किया। विपक्ष के काफी हो हंगामे के बीच पेश हुए इस बजट में जगदलपुर शहरवासियों को लगभग 2 अरब रु के विकास कार्यों की स्वीकृति दी गयी है। हालांकि विपक्ष ने इस बजट को निगम क्षेत्र के विकास के लिहाज न काफी बताते हुए बैठक का बहिष्कार कर बहिरगर्मन कर दिया।



Body:वो1- नगर निगम ने लगभग डेढ़ अरब रुपयों की पुनररिसखित आय एवम 1 अरब 17 करोड़ के व्यय का आंकलन किया है ।सीधे शब्दों में कहा जाए तो 1 करोड़ 23 लाख के बचत का का यह बजट हैं। जबकि भाजपा पार्षदो का कहना है कि पिछले वर्ष के अपूर्ण कार्यो की बचत राशि को इस बजट में जोड़कर बचत का बजट बताया जा रहा हैं। जो कि कही न कही शहर के अधूरे विकास एवं नगर निगम के द्वारा सस्ती लोकप्रियता को पाने के लिए शहर के लोगो को गुमराह करने की बात है। इस पूरे मामले पर निगम के नेताप्रतिपक्ष संजय पांडे ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा डीएमएफ फंड के आहरण पर रोक लगा देने से निगम के सारे भवन निर्माण काम अधूरे पड़े है। वही बीते 4 साल में पेश किए किये गए बजट में 90 प्रतिशत काम अभी अधूरा पड़ा हुआ है ऐसे में इस बजट में अधूरे काम को छोडकर नये स्किम को बताना शहरवासियों के साथ एक प्रकार से महापौर धोखाधड़ी कर रहे है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि विपक्ष ने इस बजट को जनता के हित में उचित नही मानते हुए इस बजट को अस्वीकृत करते हुए सदन से बहिरगर्मन किया है।

बाईट1- संजय पांडे, नेता प्रतिपक्ष

वो2- इधर निगम के महापौर ने इस बजट को शहर के चहुमुखी विकास को ध्यान में रखते हुए पेश करना बताया है । महापौर ने कहा कि इस बजट में मुख्य रूप से शुद्ध पेयजल , आमजनता की मूलभूत सुविधा व कर्मचारियों के नियमितीकरणको ध्यान में रखते हुए पेश किया गया है। वही महापौर ने बताया कि जैसा कि कांग्रेस ने अपने तय घोषणापत्र में समेकित कर संपत्ति कर को आधा करने और बीपीएल कार्डधारी को फ्री में पेयजल उपलब्ध कराने की बात कही थीउसे प्रस्ताव बनाकर राज्य शासन को भेजा गया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने बहुमत का फायदा उठाते हुए इस बजट को बिना स्वकृति दिए सदन से वॉक ऑउट किया है।

बाईट2- जतीन जायसवाल, महापौर नगर निगम







Conclusion:
Last Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST
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