नगर निगम ने लगभग डेढ़ अरब रुपए की पुनरीक्षित आय एवं 1 अरब 17 करोड़ के व्यय का आंकलन किया है. सीधे शब्दों में कहा जाए, तो 1 करोड़ 23 लाख के बचत का यह बजट है. मामले में भाजपा पार्षदों का कहना है कि पिछले वर्ष के अपूर्ण कार्यों की बचत राशि को इस बजट में जोड़कर बचत का बजट लाया गया है, जो कि कहीं न कहीं शहर के अधूरे विकास एवं नगर निगम द्वारा सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए लोगों को गुमराह किया जा रहा है.
90 प्रतिशत काम अभी भी अधूरा
मामले में निगम के नेता प्रतिपक्ष संजय पांडेय ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा डीएमएफ फंड के आहरण पर रोक लगा देने से सारे भवन निर्माण काम अधूरे हैं. वहीं बीते 4 साल में पेश किए गए बजट में से 90 प्रतिशत काम अभी भी अधूरा है. ऐसे में इस बजट में अधूरे काम को छोडकर नये स्किम को बताना शहरवासियों के साथ एक प्रकार का धोखाधड़ी है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि विपक्ष ने इस बजट को जनहित में उचित नहीं मानते हुए बजट को अस्वीकृत करते हुए सदन से बहिर्गमन किया है.
बिना स्वीकृति दिए सदन से वॉकआउट किया
इधर महापौर ने शहर के विकास को ध्यान में रखकर बनाया गया बजट बताया. उन्होंने कहा कि इस बजट में मुख्य रूप से शुद्ध पेयजल, मूलभूत सुविधाएं और कर्मचारियों के नियमितीकरण को ध्यान में रखते हुए पेश किया गया है. जैसा कि कांग्रेस ने अपने तय घोषणापत्र में समेकित कर और संपत्ति कर को आधा करने और बीपीएल कार्डधारी को फ्री में पेयजल उपलब्ध कराने की बात कही थी, उसे प्रस्ताव बनाकर राज्य शासन को भेजा गया है. विपक्ष ने बहुमत का फायदा उठाते हुए इस बजट को बिना स्वीकृति दिए सदन से वॉकआउट किया है.