जगदलपुर: शुक्रवार को नगर निगम जगदलपुर में बजट पेश किया गया. इस बीच नेता प्रतिपक्ष संजय पांडे ने बीते वर्षों में नगर निगम में नहीं हो रहे आम सभा का मुद्दा उठाया. क्योंकि इस कार्यकाल में अभी तक 8 आम सभा ही नगर निगम जगदलपुर में हुआ है. नगर निगम सभापति कविता साहू ने बजट पेश करने महापौर से कही. विपक्षी दलों ने इसका बायकॉट किया और निगम सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुएसदन से बाहर निकल गए.
"विपक्षी दलों की बातों को नहीं सुना गया": नेता प्रतिपक्ष नेता प्रतिपक्ष संजय पांडे ने कहा कि "विपक्ष पूरी तरह से बजट पर बहस करने के लिए तैयार था. पूरे भारत देश का यह पहला नगर निगम होगा, जिसने बिना विपक्ष के बहुमत के आधार पर बजट पास कर दिया. बजट पर चर्चा भी नहीं हुई की गई, कोई अभिमत नहीं लिया गया. यह सदन में सत्ताधारी दल की गुंडागर्दी को दर्शाता है. सदन में विपक्षी दलों की बातों को नहीं सुना गया. अब वे सड़क पर जाकर जनता के बीच और मीडिया के समक्ष अपनी बातों को रखेंगे."
विपक्ष ने भ्रष्टाचार का लगाया आरोप: संजय पांडे ने कहा कि "अखंड रूप से भ्रष्टाचार में डूबे महापौर, अध्यक्ष, MIC के सदस्य और पार्षदगण को डर है कि उनका भ्रष्टाचार जनता के सामने ना आ जाये. इसीलिए उन्होंने इस तरह का कृत्य अपनाया है. एमआईसी की बैठक हर 10 से 12 दिन में होनी चाहिए, लेकिन इन्होंने 5 महीने में एक बैठक आयोजित की है. आम सभा जो हर 2 महीने में की जानी चाहिए, वह भी इनके कार्यकाल में अब तक 8 ही हो पाया है. यह नगर निगम सरकार विकास का झूठा बयानबाजी करते हैं.
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हंगामे के लिए विपक्ष को ठहराया जिम्मेदार: जगदलपुर नगर निगम की महापौर सफिरा साहू ने कहा कि "विपक्ष शहर के विकास कार्यों को लेकर तैयार नहीं है. यदि वह चाहती तो आसानी से बजट को सुनती और उस पर चर्चा करती. रही बात गुंडागर्दी की तो शुरुआत विपक्ष ने किया था और पक्ष के पार्षदों को उकसाया. जिसकी वजह से हंगामे की स्थिति निर्मित हुई." इसके अलावा महापौर ने बजट पर यह कहा कि "बीते वर्ष भी घाटे का बजट रहा और इस वर्ष भी घाटे का बजट है."