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शराबबंदी पर दिए बयान को लेकर कवासी लखमा को बीजेपी ने घेरा

Minister kawasi lakhma over Liquor Ban In Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव (Assembly Elections n chhattisgarh) के लिए सिर्फ एक साल बचे हैं और ऐसे में बस्तर के लोकप्रिय नेता कहे जाने वाले प्रदेश के आबकारी मंत्री कवासी लखमा को भाजपा ने शराबबंदी के मामले को लेकर घेरना शुरू कर दिया है. दरअसल आबकारी मंत्री कवासी लखमा के द्वारा शराबबंदी को लेकर दिए गए बयान पर भाजपा उन्हें घेरने की कोशिश कर रही है.

शराबबंदी पर बीजेपी का प्रदर्शन
शराबबंदी पर बीजेपी का प्रदर्शन
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Published : Nov 14, 2022, 8:21 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

बस्तर: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव (Assembly Elections In Chhattisgarh) के लिए सिर्फ एक साल बचे हैं और ऐसे में बस्तर के लोकप्रिय नेता प्रदेश के आबकारी मंत्री कवासी लखमा (Excise Minister Kawasi Lakhma) को भाजपा ने शराबबंदी के मामले को लेकर घेरना शुरू कर दिया है. आबकारी मंत्री कवासी लखमा शराबबंदी को लेकर दिए गए बयान पर बीजेपी उन्हें घेरने की कोशिश कर रही है. बस्तर में शराबबंदी के मुद्दे को लेकर आंदोलन का दौर भी शुरू हो गया है. जगदलपुर शहर के गोल बाजार चौक में बीजेपी कार्यकर्ता आबकारी मंत्री का पुतला फूंक कर विरोध जताते हुए शराब बंदी करने की मांग की है. Minister kawasi lakhma over Liquor Ban In Chhattisgarh

यह भी पढ़ें: आरएसएस प्रमुख पहुंचे जशपुर, दिलीप सिंह जूदेव की प्रतिमा का करेंगे अनावरण

शराबबंदी पर लखमा का बयान: दरअसल कांग्रेस की चुनावी घोषणा में से एक शराबबंदी को लेकर लखमा ने जगदलपुर में एक बयान दिया था और इस बयान में उन्होंने कहा था कि "शराबबंदी एक दिन में फैसला लिए जाने वाला मामला नहीं है. इसके लिए सत्यनारायण शर्मा की अध्यक्षता में विधायकों का दल गठित हुआ है. इस दल द्वारा देश के अन्य राज्यों में सर्वे भी किया जा रहा है. सर्वे रिपोर्ट के बाद ही शराबबंदी में कुछ निर्णय लिया जा सकता है. क्योंकि जिन राज्यों में शराबबंदी हुए और कोरोना काल में शराब नहीं मिलने की वजह से बिलासपुर और रायपुर में जिस तरह से मौतें हुई है. उसका जिम्मेदार कौन है? ऐसे में कांग्रेस सरकार सोच समझकर शराबबंदी का फैसला लेगी."

शराबबंदी पर लखमा का बयान, बीजेपी का आंदोलन: मंत्री कवासी लखमा के इस बयान के बाद भाजपा ने निशाना साधना शुरू कर दिया. बस्तर के पूर्व सांसद दिनेश कश्यप का कहना है कि जिस घोषणापत्र में शराबबंदी की घोषणा कर कांग्रेस सरकार में आई और महिलाओं से वादा किया वह वादा सरकार बने 4 साल बीत गए हैं अब तक पूरा नहीं हो पाया है. जिससे महिलाओं में भी गुस्सा है. भाजपा ने बकायदा टीम गठित कर सभी राज्यों का सर्वे कर रिपोर्ट भी सौंप दिया. बावजूद इसके अब चुनाव के जब 1 साल बच हुए हैं, ऐसे में कवासी लखमा अब भी कांग्रेसी विधायकों से सर्वे कराने की बात कह रहे हैं. कवासी लखमा और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बस्तर के साथ साथ पूरे प्रदेश के लोगों को शराबबंदी के नाम पर धोखा दिया है. इसको लेकर आने वाले चुनाव में छत्तीसगढ़ की महिलाएं इस वादाखिलाफी को लेकर जरूर कांग्रेस को सबक सिखाएंगी."

बस्तर: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव (Assembly Elections In Chhattisgarh) के लिए सिर्फ एक साल बचे हैं और ऐसे में बस्तर के लोकप्रिय नेता प्रदेश के आबकारी मंत्री कवासी लखमा (Excise Minister Kawasi Lakhma) को भाजपा ने शराबबंदी के मामले को लेकर घेरना शुरू कर दिया है. आबकारी मंत्री कवासी लखमा शराबबंदी को लेकर दिए गए बयान पर बीजेपी उन्हें घेरने की कोशिश कर रही है. बस्तर में शराबबंदी के मुद्दे को लेकर आंदोलन का दौर भी शुरू हो गया है. जगदलपुर शहर के गोल बाजार चौक में बीजेपी कार्यकर्ता आबकारी मंत्री का पुतला फूंक कर विरोध जताते हुए शराब बंदी करने की मांग की है. Minister kawasi lakhma over Liquor Ban In Chhattisgarh

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शराबबंदी पर लखमा का बयान: दरअसल कांग्रेस की चुनावी घोषणा में से एक शराबबंदी को लेकर लखमा ने जगदलपुर में एक बयान दिया था और इस बयान में उन्होंने कहा था कि "शराबबंदी एक दिन में फैसला लिए जाने वाला मामला नहीं है. इसके लिए सत्यनारायण शर्मा की अध्यक्षता में विधायकों का दल गठित हुआ है. इस दल द्वारा देश के अन्य राज्यों में सर्वे भी किया जा रहा है. सर्वे रिपोर्ट के बाद ही शराबबंदी में कुछ निर्णय लिया जा सकता है. क्योंकि जिन राज्यों में शराबबंदी हुए और कोरोना काल में शराब नहीं मिलने की वजह से बिलासपुर और रायपुर में जिस तरह से मौतें हुई है. उसका जिम्मेदार कौन है? ऐसे में कांग्रेस सरकार सोच समझकर शराबबंदी का फैसला लेगी."

शराबबंदी पर लखमा का बयान, बीजेपी का आंदोलन: मंत्री कवासी लखमा के इस बयान के बाद भाजपा ने निशाना साधना शुरू कर दिया. बस्तर के पूर्व सांसद दिनेश कश्यप का कहना है कि जिस घोषणापत्र में शराबबंदी की घोषणा कर कांग्रेस सरकार में आई और महिलाओं से वादा किया वह वादा सरकार बने 4 साल बीत गए हैं अब तक पूरा नहीं हो पाया है. जिससे महिलाओं में भी गुस्सा है. भाजपा ने बकायदा टीम गठित कर सभी राज्यों का सर्वे कर रिपोर्ट भी सौंप दिया. बावजूद इसके अब चुनाव के जब 1 साल बच हुए हैं, ऐसे में कवासी लखमा अब भी कांग्रेसी विधायकों से सर्वे कराने की बात कह रहे हैं. कवासी लखमा और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बस्तर के साथ साथ पूरे प्रदेश के लोगों को शराबबंदी के नाम पर धोखा दिया है. इसको लेकर आने वाले चुनाव में छत्तीसगढ़ की महिलाएं इस वादाखिलाफी को लेकर जरूर कांग्रेस को सबक सिखाएंगी."

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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