जगदलपुर : बस्तर के पर्यटन स्थलों में मोटल की शुरुआत की गई. ताकि सरकार को पर्यटन से कुछ आमदनी मिल (motels in tourist places of Chhattisgarh ) सके. लेकिन चित्रकोट में पर्यटन विभाग (Chhattisgarh Tourism Department) के मोटल हाथी के सफेद दांत साबित हो रहे (Bastar Chitrakot Motel) हैं.इसके अलावा तीरथगढ़ के नजदीक बनाया गया मोटल शुरू होने से पहले ही जर्जर हो गया है. पर्यटन विभाग ने अब इसे संचालित करने से किनारा करते हुए इसे निजी हाथों में देने की तैयारी कर ली है.
कैसे दिया गया ठेका : कांग्रेस सरकार ने 30 साल की लीज पर कंपनी को यह ठेका दे दिया है. जिसे जल्द ही शुरू किया जाएगा. इससे पहले महिला स्व सहायता समूह को इसे संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. महिला समूह भी इसे नहीं संभाल पाई और इससे पीछे हट गई. जिसके बाद पर्यटन विभाग ने इसे लीज पर देने का फैसला किया और 10 साल की लीज पर टेंडर शुरू किया. लेकिन इसमें लोगों ने रुचि नहीं दिखाई.जिसके बाद लीज की अवधि 30 साल के लिए बढ़ाई गई. जिसमें कंपनियों ने हिस्सा लिया.
मोटेल से आय कमाना है लक्ष्य : वहीं स्थानीय लोगों का मानना है कि ''मोटल को प्राइवेट करने से अच्छी सुविधा के साथ उसकी देख रेख और शासन को इससे अच्छा आय भी मिल सकेगा.'' वहीं बीजेपी ने आरोप लगाया (BJP accuses Congress) है कि ''कांग्रेस के लोग कहते है कि मोदी जी देश बेच रहे हैं. लेकिन राज्य सरकार अब पर्यटन स्थलों में बने मोटल बेच रही है.राज्य सरकार पहले से ही उधारी में है और धीरे-धीरे सभी शासकीय संस्था को सरकार गिरवी रख देगी.''bastar latest news