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कोरोना संकट में अन्नदूत बनकर बस्तर के युवा पेश कर रहे मिसाल - कोरोना संकट

बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते बस्तर (bastar) जिले में भी हफ्ते भर के लिए लॉकडाउन (lockdown in bastar) लगाया गया है. जिस तेजी से मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है, ऐसे में लॉकडाउन की अवधि और भी बढ़ाए जाने की संभावना जताई जा रही है. लॉकडाउन के चलते एक बार फिर दिहाड़ी मजदूरों के सामने दो वक्त की रोटी का संकट खड़ा हो गया है. ऐसे में गरीब, असहाय लोगों की मदद के लिए जगदलपुर (jagdalpur)के युवा आगे आए हैं. बस्तरिया बैक बेंचर्स (Bastaria Back Benchers) नाम की संस्था के सदस्य दोनों वक्त भोजन पहुंचाने का काम कर रहे हैं. ताकि इस लॉकडाउन के वजह से भूखा ना रहना पड़े.

बस्तरिया बैक बेंचर्स bastar-youth-in-corona-crisis-along-with-bastaria-back-benchers-are-providing-food-to-poor-people-at-jagdalpur
कोरोना संकट में अन्नदूत बनकर बस्तर के युवा पेश कर रहे मिसाल
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Published : Apr 18, 2021, 9:25 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

जगदलपुर: बढ़ते कोरोना चलते बस्तर (bastar) जिले में भी हफ्ते भर के लिए लॉकडाउन (lockdown in bastar) लगाया गया है. जिस तेजी से मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है, ऐसे में लॉकडाउन की अवधि और भी बढ़ाए जाने की संभावना जताई जा रही है. लॉकडाउन के चलते एक बार फिर दिहाड़ी मजदूरों के सामने दो वक्त की रोटी का संकट खड़ा हो गया है. ऐसे में गरीब, असहाय लोगों की मदद के लिए जगदलपुर (jagdalpur)के युवा आगे आए हैं. बस्तरिया बैक बेंचर्स (Bastaria Back Benchers) नाम की संस्था के सदस्य दोनों वक्त भोजन पहुंचाने का काम कर रहे हैं. ताकि इस लॉकडाउन के वजह से भूखा ना रहना पड़े.

कोरोना संकट में अन्नदूत बनकर बस्तर के युवा पेश कर रहे मिसाल

कोरोना संकट में अन्नदूत बने बस्तर के युवा

बस्तरिया बैक बेंचर्स नामक संस्था के युवाओं ने लॉकडाउन के पहले दिन से ही शहर में घूम-घूम कर जरूरतमंद को भोजन पहुंचा रहे हैं. संस्था के सदस्य परमेश्वर नायर ने बताया कि बस्तरिया बैक बेंचर्स शहर के युवाओं का एक समूह है, जिसमें 12 से 15 युवा शामिल हैं. समय-समय पर संस्था के सदस्य सामाजिक दायित्व निभाते हैं. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन होटल से लेकर सभी दुकानें बंद हैं. दिहाड़ी मजदूर, गरीबों, असहाय लोगों को दो वक्त के भोजन के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में सभी युवाओं ने ऐसे लोगों को भरपेट भोजन कराने फैसला लिया. बिना शासन-प्रशासन की मदद के संस्था के लोग दोनों टाइम स्वादिष्ट और अच्छा भोजन लोगों तक पहुंचा रहे हैं.

कोरोना काल में भी स्वच्छता दीदी का हौसला बरकरार, इन्हें भी सुविधा दो सरकार

दोनो टाइम भरपेट करा रहे भोजन

संस्था के सदस्यों ने बताया कि लॉकडाउन के शुरुआत में खाने के 70 पैकेट तैयार किए थे. लेकिन वो भी कम पड़ गए. अब प्रतिदिन 300 से ज्यादा खाने के पैकेट तैयार किए जा रहे हैं. भरपेट भोजन कराया जा रहा है. संस्था की महिला सदस्य भोजन तैयार कर रही हैं. भोजन में दिन चावल, दाल अलग-अलग प्रकार की सब्जियां होती हैं. इसे पैकिंग करने के बाद शहरभर में वितरित किया जाता है.

हर तरफ हो रही युवाओं की तारीफ

भोजन करने वाले इन युवाओं को अन्नदूत से कम नहीं मानते, उनका कहना है कि लॉकडाउन की वजह से उनके कामकाज बंद हो गए हैं. ऐसे में दो वक्त के खाने की चिंता सताने लगी थी. लेकिन पिछले 3 दिनों से उन्हें दिन-रात भरपेट भोजन मिल रहा है. जिससे उन्हें काफी राहत मिल रही हैं. इन लोगों ने युवाओं का दिल से धन्यवाद किया है. लोगों तक भोजन पहुंचाने के काम में लगे बस्तरिया बैक बेंचर्स के सदस्यों की हर तरफ तारीफ हो रही है.

जगदलपुर: बढ़ते कोरोना चलते बस्तर (bastar) जिले में भी हफ्ते भर के लिए लॉकडाउन (lockdown in bastar) लगाया गया है. जिस तेजी से मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है, ऐसे में लॉकडाउन की अवधि और भी बढ़ाए जाने की संभावना जताई जा रही है. लॉकडाउन के चलते एक बार फिर दिहाड़ी मजदूरों के सामने दो वक्त की रोटी का संकट खड़ा हो गया है. ऐसे में गरीब, असहाय लोगों की मदद के लिए जगदलपुर (jagdalpur)के युवा आगे आए हैं. बस्तरिया बैक बेंचर्स (Bastaria Back Benchers) नाम की संस्था के सदस्य दोनों वक्त भोजन पहुंचाने का काम कर रहे हैं. ताकि इस लॉकडाउन के वजह से भूखा ना रहना पड़े.

कोरोना संकट में अन्नदूत बनकर बस्तर के युवा पेश कर रहे मिसाल

कोरोना संकट में अन्नदूत बने बस्तर के युवा

बस्तरिया बैक बेंचर्स नामक संस्था के युवाओं ने लॉकडाउन के पहले दिन से ही शहर में घूम-घूम कर जरूरतमंद को भोजन पहुंचा रहे हैं. संस्था के सदस्य परमेश्वर नायर ने बताया कि बस्तरिया बैक बेंचर्स शहर के युवाओं का एक समूह है, जिसमें 12 से 15 युवा शामिल हैं. समय-समय पर संस्था के सदस्य सामाजिक दायित्व निभाते हैं. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन होटल से लेकर सभी दुकानें बंद हैं. दिहाड़ी मजदूर, गरीबों, असहाय लोगों को दो वक्त के भोजन के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में सभी युवाओं ने ऐसे लोगों को भरपेट भोजन कराने फैसला लिया. बिना शासन-प्रशासन की मदद के संस्था के लोग दोनों टाइम स्वादिष्ट और अच्छा भोजन लोगों तक पहुंचा रहे हैं.

कोरोना काल में भी स्वच्छता दीदी का हौसला बरकरार, इन्हें भी सुविधा दो सरकार

दोनो टाइम भरपेट करा रहे भोजन

संस्था के सदस्यों ने बताया कि लॉकडाउन के शुरुआत में खाने के 70 पैकेट तैयार किए थे. लेकिन वो भी कम पड़ गए. अब प्रतिदिन 300 से ज्यादा खाने के पैकेट तैयार किए जा रहे हैं. भरपेट भोजन कराया जा रहा है. संस्था की महिला सदस्य भोजन तैयार कर रही हैं. भोजन में दिन चावल, दाल अलग-अलग प्रकार की सब्जियां होती हैं. इसे पैकिंग करने के बाद शहरभर में वितरित किया जाता है.

हर तरफ हो रही युवाओं की तारीफ

भोजन करने वाले इन युवाओं को अन्नदूत से कम नहीं मानते, उनका कहना है कि लॉकडाउन की वजह से उनके कामकाज बंद हो गए हैं. ऐसे में दो वक्त के खाने की चिंता सताने लगी थी. लेकिन पिछले 3 दिनों से उन्हें दिन-रात भरपेट भोजन मिल रहा है. जिससे उन्हें काफी राहत मिल रही हैं. इन लोगों ने युवाओं का दिल से धन्यवाद किया है. लोगों तक भोजन पहुंचाने के काम में लगे बस्तरिया बैक बेंचर्स के सदस्यों की हर तरफ तारीफ हो रही है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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