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बस्तर दशहरा : राजकुमार भंजदेव हुए नाराज, कहा- तोड़ा गया 700 साल पुराना रिवाज

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Published : Aug 2, 2019, 6:17 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST

दशहरा समिति के सदस्यों ने कांग्रेस नेताओं पर निशाना साधा है. दशहरा समिति ने आरोप लगाया है कि रस्म अदायगी में आस्था के साथ खिलवाड़ किया गया है.

बस्तर के जकुमार भंजदेव हुए नाराज

जगदलपुर: हरेली अमावस्या के दिन पहली पूजा के साथ बस्तर दशहरा पर्व की शुरुआत होती है, लेकिन इस रस्म अदायगी में जल्दबाजी के चलते आयोजन को लेकर विवाद छिड़ गया है. दशहरा समिति के सदस्यों ने आरोप लगाया है कि पूजा पाठ में आस्था के साथ खिलवाड़ किया गया है.

बस्तर के राजकुमार भंजदेव हुए नाराज

बता दें कि बस्तर राजपरिवार के राजकुमार कमलचंद भंजदेव ने बस्तर दशहरा पर्व की 700 साल पुरानी परंपरा के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है. भंजदेव का कहना है कि पाटजात्रा की रस्म पूरी करने जनप्रतिनिधियों को इतनी हड़बड़ी थी कि उन्होंने इस रस्म में प्रतिवर्ष राज परिवार के घर से आने वाली पूजा की थाली का भी इंतजार नहीं किया और रस्म अदायगी कर दी गई.

2 घंटे पहले की गई रस्म अदायगी
कमलचंद ने कहा कि यह पहला मौका है जब इस रस्म को समय से पहले अंजाम दिया गया है, जबकि इस पर्व में शामिल होने माझी चालिकी के साथ ही बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंचते हैं. यह रस्म सुबह 11 बजे अदा की जाती है, लेकिन समय से 2 घंटे पहले ही इस रस्म की अदायगी करने से मांझी और चालकियों में नाराजगी है.

पढ़ें: SPECIAL: ऐसी कौन सी रस्में होती हैं कि बस्तर दशहरा 75 दिन मनाया जाता है, देखिए

भविष्य में सभी लोगों के साथ किया जाएगा आयोजन
बस्तर सांसद दीपक बैज ने इस मामले में जवाब देते हुए कहा है कि राज परिवार की आपत्ति को लेकर भविष्य में सभी लोगों को साथ लेकर आयोजन किया जाएगा. बता दें कि हरियाली अमावस्या पर सरकारी कार्यक्रम और नेताओं की व्यस्तता को ध्यान में रखते हुए जिले के प्रभारी मंत्री, सांसद और स्थानीय विधायक ने 2 घंटे पहले ही पूजा प्रक्रिया शुरू कर दी थी.

जगदलपुर: हरेली अमावस्या के दिन पहली पूजा के साथ बस्तर दशहरा पर्व की शुरुआत होती है, लेकिन इस रस्म अदायगी में जल्दबाजी के चलते आयोजन को लेकर विवाद छिड़ गया है. दशहरा समिति के सदस्यों ने आरोप लगाया है कि पूजा पाठ में आस्था के साथ खिलवाड़ किया गया है.

बस्तर के राजकुमार भंजदेव हुए नाराज

बता दें कि बस्तर राजपरिवार के राजकुमार कमलचंद भंजदेव ने बस्तर दशहरा पर्व की 700 साल पुरानी परंपरा के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है. भंजदेव का कहना है कि पाटजात्रा की रस्म पूरी करने जनप्रतिनिधियों को इतनी हड़बड़ी थी कि उन्होंने इस रस्म में प्रतिवर्ष राज परिवार के घर से आने वाली पूजा की थाली का भी इंतजार नहीं किया और रस्म अदायगी कर दी गई.

2 घंटे पहले की गई रस्म अदायगी
कमलचंद ने कहा कि यह पहला मौका है जब इस रस्म को समय से पहले अंजाम दिया गया है, जबकि इस पर्व में शामिल होने माझी चालिकी के साथ ही बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंचते हैं. यह रस्म सुबह 11 बजे अदा की जाती है, लेकिन समय से 2 घंटे पहले ही इस रस्म की अदायगी करने से मांझी और चालकियों में नाराजगी है.

पढ़ें: SPECIAL: ऐसी कौन सी रस्में होती हैं कि बस्तर दशहरा 75 दिन मनाया जाता है, देखिए

भविष्य में सभी लोगों के साथ किया जाएगा आयोजन
बस्तर सांसद दीपक बैज ने इस मामले में जवाब देते हुए कहा है कि राज परिवार की आपत्ति को लेकर भविष्य में सभी लोगों को साथ लेकर आयोजन किया जाएगा. बता दें कि हरियाली अमावस्या पर सरकारी कार्यक्रम और नेताओं की व्यस्तता को ध्यान में रखते हुए जिले के प्रभारी मंत्री, सांसद और स्थानीय विधायक ने 2 घंटे पहले ही पूजा प्रक्रिया शुरू कर दी थी.

Intro:जगदलपुर। बस्तर दशहरा पर्व में हरेली अमावस के दिन पहली पूजा के साथ बस्तर दशहरा पर्व शुरूआत होती है ।पर इस रस्म अदायगी में जल्दबाजी के चलते आयोजन को लेकर विवाद शुरू हो गए हैं। पहले दशहरा समिति के सदस्यों ने वीआईपी को तवज्जो देते हुए समय बदलने के आरोप लगाए और पूजा आस्था से खिलवाड़ की बात कही अब राज परिवार ने भी इस मामले को लेकर कांग्रेस नेताओं और पर निशाना साधा है।






Body:बस्तर राजपरिवार के राजकुमार कमल चंद भंजदेव ने बस्तर दशहरा पर्व की 700 साल पुरानी परंपरा के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है। कमल चंद्र भंजदेव का कहना है कि पाटजात्रा की रस्म पूरी करने जनप्रतिनिधियों को इतनी हड़बड़ी थी कि उन्होंने इस रस्म में प्रतिवर्ष राज परिवार के घर से आने वाली पूजा थाली का भी इंतजार नहीं किया और रस्म अदायगी कर दी। कमलचंद ने कहा कि यह पहला मौका है जब इस रस्म को समय से पहले अंजाम दिया गया है। जबकि इस पर्व में शामिल होने माझी चालिकी के साथ ही बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंचते हैं । और यह रस्म सुबह 11 बजे से अदा की जाती है। लेकिन समय से2 घण्टे पहले ही इस रस्म की अदायगी करने से मांझी और चालकियो में भी काफी नाराजगी है । कमलचंद ने कहा कि बस्तर दशहरा किसी पार्टी विशेष की नहीं बल्कि सदियों से चली आ रही बस्तर की रिती रिवाज और परंपरा अधीन है लेकिन 700 वर्ष पुराने इस पर्व की परंपरा को ताक में रखकर पाटजात्रा की रस्म अदायगी कर दी गई है। Conclusion:बस्तर सांसद दीपक बैज ने इस मामले में जवाब देते हुए कहा है कि समय नहीं होने की वजह से उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था । उन्होंने कहा कि राज परिवार की आपत्ति को लेकर भविष्य में सभी लोगों को साथ लेकर आयोजन किया जाएगा। गौरतलब है कि हरियाली अमावस पर सरकारी कार्यक्रम और नेताओं की व्यस्तता को ध्यान में रखते हुए सुबह 11 बजे कि तय कार्यक्रम की जगह 2 घंटे पहले ही पूजा प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी जिसकी वजह से बहुत से लोग इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके जिले के प्रभारी मंत्री सांसद और स्थानीय विधायक ने मौके पर पहुंचकर पाटजात्रा पूजा कर दशहरे पर्व की शुरुआत कर दी।

बाईट1-कमलचंद भंजदेव, राजकुमार बस्तर राजपरिवार
बाईट2-दीपक बैज, सांसद बस्तर
Last Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST
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