ETV Bharat / state

SPECIAL: बस्तर पुलिस का 'लोन वर्राटू' अभियान, घर वापसी की ओर बढ़ रहे नक्सली

author img

By

Published : Jul 26, 2020, 3:11 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

बस्तर पुलिस का लोन वर्राटू अभियान काफी कारगर साबित हो रहा है. दंतेवाड़ा जिले में अब तक 65 से ज्यादा इनामी नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर मुख्य धारा से जुड़ने की कोशिश की है.

bastar police
बस्तर पुलिस

जगदलपुर: दंतेवाड़ा जिले के कटेकल्याण थाना क्षेत्र के चिकपाल गांव से शुरू हुए लोन वर्राटू अभियान को काफी बेहतर रिस्पांस मिल रहा है. 20 दिन पहले शुरू किए गए इस अभियान के तहत अबतक 65 से ज्यादा नक्सलियों ने पुलिस के सामने हथियार डाल दिए हैं. इनमें कई ऐसे नक्सली भी हैं, जिनपर लाखों रुपये का इनाम पुलिस ने घोषित कर रखा था. पुलिस के सामने समर्पण कर अब ये नक्सली समाज की मुख्यधारा से जुड़ गए हैं.

बस्तर पुलिस का 'लोन वर्राटू' अभियान

पढ़ें: लोन वर्राटू अभियान: सुरक्षा बलों को मिली बड़ी कामयाबी, 11 नक्सलियों ने किया सरेंडर

'लोन वर्राटू' अभियान से मिल रही सफलता

बस्तर में स्थानीय कैडर के नक्सलियों को सही रास्ते पर लाने के लिए पुलिस लगातार कोशिश कर रही है. इसके तहत दंतेवाड़ा में नक्सलियों के लिए एक अनोखी पहल की शुरुआत की गई है. जिसका नाम लोन वर्राटू दिया गया है, जिसका अर्थ है घर वापस लौटें. इसके लिए पुलिस के जवानों द्वारा गांव-गांव में प्रचार करवाया जा रहा है. गांव-गांव में पुलिस अधिकारियों के फोन नंबर भी दिए जा रहे हैं, ताकि समर्पण की इच्छा रखने वाले नक्सली सीधे उनसे संपर्क कर सकें. इस अभियान के तहत अब धीरे-धीरे पूरे दंतेवाड़ा जिले से स्थानीय कैडर के नक्सली इस अभियान के तहत पुलिस से संपर्क कर सरकार की मुख्य धारा में लौट रहे हैं.

bastar police
नक्सलियों को मुख्य धारा से जोड़ने की कोशिश

पढ़ें: लोन वर्राटू अभियान: दंतेवाड़ा में 5 नक्सलियों का सरेंडर, क्षेत्र के विकास की रखी मांग

नक्सलियों को रोजगार और जीवन-यापन की सुविधाएं

सिर्फ समर्पण ही नहीं बल्कि सरेंडर कर रहे नक्सलियों को रोजगार और जीवन-यापन की सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही है. बस्तर IG सुंदरराज पी ने बताया कि जिला पुलिस और प्रशासन अब सरेंडर करने वाले नक्सलियों को रोजगार दिलाने की दिशा में भी काम कर रहा है. अभी तक उन्हें पुलिस में ही भर्ती मिलती थी, लेकिन अब वह अपनी पसंद का रोजगार और नौकरी भी कर सकेंगे. हाल ही में बड़े गुजरा में 8 जुलाई को सरेंडर करने वाले नक्सलियों ने खेती के लिए ट्रैक्टर मांगा था. इस पर स्व-सहायता समूह का गठन कर प्रशासन की ओर से उन्हें ट्रैक्टर उपलब्ध करवाया गया. इसके अलावा पुलिस ने यह नीति बनाई है कि जिस गांव से 10 से ज्यादा नक्सली सरेंडर करेंगे उन्हें प्रशासन की ओर से कृषि उपकरण और ट्रैक्टर भी उपलब्ध कराया जाएगा. जिससे वे अपने ही गांव में रहकर खेती किसानी कर सकेंगे.

bastar police
नक्सलियों को जागरूक कर रही पुलिस

पढ़ें: दंतेवाड़ा: अपने गांव में विकास की मांग करते हुए 3 इनामी सहित 25 नक्सलियों ने किया सरेंडर

नक्सलियों को मुख्य धारा से जोड़ने की कोशिश

गौरतलब है कि पुलिस इससे पहले भी सन 2005 में नक्सलियों को आत्मसमर्पण करने के लिए अभियान चला चुकी है. राज्य सरकार द्वारा बनाये गए पुनर्वास नीति में समय- समय पर परिवर्तन कर नक्सलियों की इनाम की राशि भी बढ़ाई जाती रही है. इसी दिशा में अब लोन वर्राटू (घर वापसी अभियान) की भी शुरुआत की गई है. जिसमें अब सरेंडर करने वाले नक्सलियों को केवल पुलिस में ही नौकरी नहीं मिलेगी, बल्कि उनकी रुचि और कौशल के आधार पर नौकरी व रोजगार के साथ सभी साधन मुहैया कराने की नीति बनाई गई है.

जगदलपुर: दंतेवाड़ा जिले के कटेकल्याण थाना क्षेत्र के चिकपाल गांव से शुरू हुए लोन वर्राटू अभियान को काफी बेहतर रिस्पांस मिल रहा है. 20 दिन पहले शुरू किए गए इस अभियान के तहत अबतक 65 से ज्यादा नक्सलियों ने पुलिस के सामने हथियार डाल दिए हैं. इनमें कई ऐसे नक्सली भी हैं, जिनपर लाखों रुपये का इनाम पुलिस ने घोषित कर रखा था. पुलिस के सामने समर्पण कर अब ये नक्सली समाज की मुख्यधारा से जुड़ गए हैं.

बस्तर पुलिस का 'लोन वर्राटू' अभियान

पढ़ें: लोन वर्राटू अभियान: सुरक्षा बलों को मिली बड़ी कामयाबी, 11 नक्सलियों ने किया सरेंडर

'लोन वर्राटू' अभियान से मिल रही सफलता

बस्तर में स्थानीय कैडर के नक्सलियों को सही रास्ते पर लाने के लिए पुलिस लगातार कोशिश कर रही है. इसके तहत दंतेवाड़ा में नक्सलियों के लिए एक अनोखी पहल की शुरुआत की गई है. जिसका नाम लोन वर्राटू दिया गया है, जिसका अर्थ है घर वापस लौटें. इसके लिए पुलिस के जवानों द्वारा गांव-गांव में प्रचार करवाया जा रहा है. गांव-गांव में पुलिस अधिकारियों के फोन नंबर भी दिए जा रहे हैं, ताकि समर्पण की इच्छा रखने वाले नक्सली सीधे उनसे संपर्क कर सकें. इस अभियान के तहत अब धीरे-धीरे पूरे दंतेवाड़ा जिले से स्थानीय कैडर के नक्सली इस अभियान के तहत पुलिस से संपर्क कर सरकार की मुख्य धारा में लौट रहे हैं.

bastar police
नक्सलियों को मुख्य धारा से जोड़ने की कोशिश

पढ़ें: लोन वर्राटू अभियान: दंतेवाड़ा में 5 नक्सलियों का सरेंडर, क्षेत्र के विकास की रखी मांग

नक्सलियों को रोजगार और जीवन-यापन की सुविधाएं

सिर्फ समर्पण ही नहीं बल्कि सरेंडर कर रहे नक्सलियों को रोजगार और जीवन-यापन की सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही है. बस्तर IG सुंदरराज पी ने बताया कि जिला पुलिस और प्रशासन अब सरेंडर करने वाले नक्सलियों को रोजगार दिलाने की दिशा में भी काम कर रहा है. अभी तक उन्हें पुलिस में ही भर्ती मिलती थी, लेकिन अब वह अपनी पसंद का रोजगार और नौकरी भी कर सकेंगे. हाल ही में बड़े गुजरा में 8 जुलाई को सरेंडर करने वाले नक्सलियों ने खेती के लिए ट्रैक्टर मांगा था. इस पर स्व-सहायता समूह का गठन कर प्रशासन की ओर से उन्हें ट्रैक्टर उपलब्ध करवाया गया. इसके अलावा पुलिस ने यह नीति बनाई है कि जिस गांव से 10 से ज्यादा नक्सली सरेंडर करेंगे उन्हें प्रशासन की ओर से कृषि उपकरण और ट्रैक्टर भी उपलब्ध कराया जाएगा. जिससे वे अपने ही गांव में रहकर खेती किसानी कर सकेंगे.

bastar police
नक्सलियों को जागरूक कर रही पुलिस

पढ़ें: दंतेवाड़ा: अपने गांव में विकास की मांग करते हुए 3 इनामी सहित 25 नक्सलियों ने किया सरेंडर

नक्सलियों को मुख्य धारा से जोड़ने की कोशिश

गौरतलब है कि पुलिस इससे पहले भी सन 2005 में नक्सलियों को आत्मसमर्पण करने के लिए अभियान चला चुकी है. राज्य सरकार द्वारा बनाये गए पुनर्वास नीति में समय- समय पर परिवर्तन कर नक्सलियों की इनाम की राशि भी बढ़ाई जाती रही है. इसी दिशा में अब लोन वर्राटू (घर वापसी अभियान) की भी शुरुआत की गई है. जिसमें अब सरेंडर करने वाले नक्सलियों को केवल पुलिस में ही नौकरी नहीं मिलेगी, बल्कि उनकी रुचि और कौशल के आधार पर नौकरी व रोजगार के साथ सभी साधन मुहैया कराने की नीति बनाई गई है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.