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बस्तर दशहरा: कोरोना संक्रमण को देखते हुए नए नियमों के साथ संपन्न होगा पर्व

बस्तर कलेक्टर ने दशहरा उत्सव के आयोजन के लिए जगदलपुर शहर के निर्धारित विभिन्न स्थानों में पहुंचकर तैयारियों का जायजा लिया और अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए. कोरोना वायरस से बचाव के सभी नियमों को पालन करते हुए बस्तर दशहरा मनाया जाएगा.

Bastar Dussehra
बस्तर दशहरा
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Published : Oct 13, 2020, 2:41 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

बस्तर: कोरोना संक्रमण के इस दौर में विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा पर्व के सफल और सुरक्षित आयोजन के लिए व्यापक तैयारियां की जा रही है. जिला प्रशासन दशहरा में होने वाले विभिन्न रस्मों को पूरा करते समय और अन्य आयोजन के दौरान कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित कर रही है. जिला प्रशासन और दशहरा पर्व समिति के अनुसार इस बार पिछले साल राशि जमा करने वाले लोगों को ही इस नवरात्रि में ज्योत जलाने की अनुमति दी जाएगी. इस साल श्रद्धालु और आम नागरिक ज्योति कलश और दशहरा से जुड़े विभिन्न रस्मों का केवल वर्चुअल ही दर्शन कर सकेंगे. बस्तर कलेक्टर ने दशहरा उत्सव के आयोजन के लिए जगदलपुर शहर के निर्धारित विभिन्न स्थानों में पहुंचकर तैयारियों का जायजा लिया और अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए.

दशहरा पर्व के दौरान चलने वाले विशालकाय फूल रथ के परिचालन के लिए जगदलपुर तहसील के 32 गांव और तोकापाल तहसील के 4 गांव के व्यक्ति रथ के परिचालन के लिए हर साल आते हैं. विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा में इस साल कोरोना के बढ़ते संक्रमण को ध्यान में रखते हुए सामाजिक दूरी के साथ फूल रथ 18 से 23 अक्टूबर तक रथ के परिचालन का निर्णय लिया गया है. निर्धारित सभी दिनों में सभी 36 गांवों से रथ परिचालन करने वाले 400 श्रद्धालु जगदलपुर में मौजूद रहेंगे और हर एक गांव से 15 व्यक्ति लाने का लक्ष्य रखा गया है.

पढ़ें: बस्तर दशहरा की तैयारियां जोरों पर, कलेक्टर ने ली मांझी चालकियों की बैठक

2 पहले कराना होगा कोरोना टेस्ट

रथ परिचालन के लिए युवा श्रद्धालुओं को चिन्हित किए जाने के लिए संबंधित गांव के पटवारी और पंचायत सचिव और कोटवारों का दल गठित किया गया है, जो कि युवा श्रद्धालुओं को चिन्हित कर जगदलपुर के कार्यालय में प्रस्तुत करेंगे. ताकि रथ परिचालन किए जाने के 2 दिन पहले कोरोना जांच में निगेटिव होना सुनिश्चित किया जा सके और उन्हें दो दिन तक होम आइसोलेशन में रखा जा सके. जिन लोगों का सूची में नाम होगा. उन्हें ही पास दिया जाएगा और रोज उन्हीं व्यक्तियों से रथ का परिचालन करवाया जाएगा. इस दौरान उन्हें घर जाने जाने की अनुमति नहीं होगी. उन्हें निर्धारित समय तक आवासीय परिसर में रुकना अनिवार्य होगा और समिति इन्हें भोजन उपलब्ध कराएगी.

यह भी पढ़ें: बस्तर दशहरा: जंगल घटने की वजह से लकड़ी देने को राजी नहीं थे ग्रामीण, इस शर्त पर माने

पासधारी व्यक्तियों की सूची दो पहले देनी होगी

इधर बढ़ते कोरोना संक्रमण से बचने के लिए दशहरा समिति ने पूजा विधान और रिती-रिवाज के साथ दशहरा पर्व को सांकेतिक पूर्वक संपन्न करने का निर्णय लिया है. दशहरे से संबंधित कार्यक्रमों में शामिल होने वाले व्यक्तियों के लिए पास जारी किया जा रहा है. पासधारी व्यक्ति ही पूजा या संबंधित रस्म में सम्मिलित हो सकेंगे. पास जारी करवाने के लिए व्यक्तियों को प्रत्येक विधान से संबंधित पूजा और रीति-रिवाज संपन्न कराने वालों की सूची और अन्य विशिष्ट व्यक्ति जिनका संबंधित पूजा विधान में सम्मिलित होना आवश्यक है. उनकी सूची कम से कम 2 दिन पहले ही तहसीलदार के माध्यम से एसडीएम को उपलब्ध कराया जाएगा. इस बार बस्तर दशहरा में शामिल हो रहे जिलों के लिए नोडल अधिकारियों की भी नियुक्ति की गई है.

बस्तर: कोरोना संक्रमण के इस दौर में विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा पर्व के सफल और सुरक्षित आयोजन के लिए व्यापक तैयारियां की जा रही है. जिला प्रशासन दशहरा में होने वाले विभिन्न रस्मों को पूरा करते समय और अन्य आयोजन के दौरान कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित कर रही है. जिला प्रशासन और दशहरा पर्व समिति के अनुसार इस बार पिछले साल राशि जमा करने वाले लोगों को ही इस नवरात्रि में ज्योत जलाने की अनुमति दी जाएगी. इस साल श्रद्धालु और आम नागरिक ज्योति कलश और दशहरा से जुड़े विभिन्न रस्मों का केवल वर्चुअल ही दर्शन कर सकेंगे. बस्तर कलेक्टर ने दशहरा उत्सव के आयोजन के लिए जगदलपुर शहर के निर्धारित विभिन्न स्थानों में पहुंचकर तैयारियों का जायजा लिया और अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए.

दशहरा पर्व के दौरान चलने वाले विशालकाय फूल रथ के परिचालन के लिए जगदलपुर तहसील के 32 गांव और तोकापाल तहसील के 4 गांव के व्यक्ति रथ के परिचालन के लिए हर साल आते हैं. विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा में इस साल कोरोना के बढ़ते संक्रमण को ध्यान में रखते हुए सामाजिक दूरी के साथ फूल रथ 18 से 23 अक्टूबर तक रथ के परिचालन का निर्णय लिया गया है. निर्धारित सभी दिनों में सभी 36 गांवों से रथ परिचालन करने वाले 400 श्रद्धालु जगदलपुर में मौजूद रहेंगे और हर एक गांव से 15 व्यक्ति लाने का लक्ष्य रखा गया है.

पढ़ें: बस्तर दशहरा की तैयारियां जोरों पर, कलेक्टर ने ली मांझी चालकियों की बैठक

2 पहले कराना होगा कोरोना टेस्ट

रथ परिचालन के लिए युवा श्रद्धालुओं को चिन्हित किए जाने के लिए संबंधित गांव के पटवारी और पंचायत सचिव और कोटवारों का दल गठित किया गया है, जो कि युवा श्रद्धालुओं को चिन्हित कर जगदलपुर के कार्यालय में प्रस्तुत करेंगे. ताकि रथ परिचालन किए जाने के 2 दिन पहले कोरोना जांच में निगेटिव होना सुनिश्चित किया जा सके और उन्हें दो दिन तक होम आइसोलेशन में रखा जा सके. जिन लोगों का सूची में नाम होगा. उन्हें ही पास दिया जाएगा और रोज उन्हीं व्यक्तियों से रथ का परिचालन करवाया जाएगा. इस दौरान उन्हें घर जाने जाने की अनुमति नहीं होगी. उन्हें निर्धारित समय तक आवासीय परिसर में रुकना अनिवार्य होगा और समिति इन्हें भोजन उपलब्ध कराएगी.

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पासधारी व्यक्तियों की सूची दो पहले देनी होगी

इधर बढ़ते कोरोना संक्रमण से बचने के लिए दशहरा समिति ने पूजा विधान और रिती-रिवाज के साथ दशहरा पर्व को सांकेतिक पूर्वक संपन्न करने का निर्णय लिया है. दशहरे से संबंधित कार्यक्रमों में शामिल होने वाले व्यक्तियों के लिए पास जारी किया जा रहा है. पासधारी व्यक्ति ही पूजा या संबंधित रस्म में सम्मिलित हो सकेंगे. पास जारी करवाने के लिए व्यक्तियों को प्रत्येक विधान से संबंधित पूजा और रीति-रिवाज संपन्न कराने वालों की सूची और अन्य विशिष्ट व्यक्ति जिनका संबंधित पूजा विधान में सम्मिलित होना आवश्यक है. उनकी सूची कम से कम 2 दिन पहले ही तहसीलदार के माध्यम से एसडीएम को उपलब्ध कराया जाएगा. इस बार बस्तर दशहरा में शामिल हो रहे जिलों के लिए नोडल अधिकारियों की भी नियुक्ति की गई है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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