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Anganwadi Worker Strike In Jagdalpur: आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ ने कांग्रेस सरकार को कुर्सी से उतारने की दी चेतावनी

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Published : Jan 28, 2023, 11:00 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

जगदलपुर में 9 सूत्रीय मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संघ ने आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दिया है. यह हड़ताल पूरे छत्तीसगढ़ के साथ ही बस्तर जिले में शुरू हो गई है.

Anganwadi Worker Strike In Jagdalpur
जगदलपुर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन
जगदलपुर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन

जगदलपुर: संघ के जिलाध्यक्ष प्रेमवती नाग ने बताया कि "2 जनवरी और 9 जनवरी को छत्तीसगढ़ सरकार को अल्टीमेटम दिया गया था. 5 दिन के भीतर उनकी मांगें पूरी नहीं होती है तो वे उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे. जिसके बाद छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका 23 जनवरी से 27 जनवरी तक राजधानी रायपुर के महापड़ाव में शामिल हुए. जिसके बाद उन्होंने 28 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है."

हड़ताल से आंगनबाड़ी सेवा बेहाल: जिला अध्यक्ष प्रेमवती नाग ने बताया कि "बस्तर जिले में कुल चार हजार से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका हड़ताल पर हैं. हड़ताल की वजह से जिले के सभी आंगनबाड़ी बंद है. बच्चे आंगनबाड़ी तक पहुंच रहे हैं. लेकिन आंगनबाड़ी में ताला लगने की वजह से वे अपने घर वापस लौट रहे हैं. कुपोषित बच्चों पर अपनी राशि खर्च करके आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका उन्हें सुपोषण के लिए आगे बढ़ाती थी. लेकिन हड़ताल की वजह से अब वह काम पूरी तरह से ठप है. जिसकी वजह से कुपोषण की मात्रा और अधिक बढ़ने की संभावना जिला अध्यक्ष ने जताई है. इसके अलावा सुपोषण अभियान के तहत आंगनबाड़ी की सहायिका गर्भवती महिला और पोषक माताओं को पोषक आहार घर घर पहुंचाकर वितरित क्या करती थी. लेकिन हड़ताल की वजह से अब वह काम भी प्रभावित होगा.

कांग्रेस सरकार को कुर्सी से उतारने की चेतावनी: संघ की जिला अध्यक्ष ने बताया कि "प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने अपने घोषणा पत्र में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका को कलेक्टर दर देने की बात कही थी. लेकिन 4 वर्ष से अधिक का समय हो गया है और अब तक उन्होंने यह वादा पूरा नहीं किया है. उनके साथ वादाखिलाफी किया है. जिस प्रकार से कांग्रेस को कुर्सी पर बैठाया था. आने वाले 2023 के विधानसभा चुनाव में उसी कुर्सी से उतारने के लिए छत्तीसगढ़ की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ तैयार है. क्योंकि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने उन्हें सड़क पर उतरने को मजबूर किया है."

यह भी पढ़ें: IAF Figther Aircrafts Crash: मुरैना में भारतीय वायुसेना के दो फाइटर प्लेन क्रैश, भरतपुर में मिला सुखोई का मलबा

छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ की मांगें: छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की विभिन्न मांग में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं को शासकीय कर्मचारी घोषित करने की मांग शामिल है. शासकीय कर्मचारी घोषित करने तक जीने लायक न्यूनतम वेतन 21000/ रुपये प्रतिमाह वेतन देने की मांग की गई है. स्वीकृत मानदेय को मंहगाई से जोड़ने की भी मांग आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघने की है. इसके अलावा रिटायरमेंट और ग्रेज्युटी की मांग की गई है.

जगदलपुर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन

जगदलपुर: संघ के जिलाध्यक्ष प्रेमवती नाग ने बताया कि "2 जनवरी और 9 जनवरी को छत्तीसगढ़ सरकार को अल्टीमेटम दिया गया था. 5 दिन के भीतर उनकी मांगें पूरी नहीं होती है तो वे उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे. जिसके बाद छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका 23 जनवरी से 27 जनवरी तक राजधानी रायपुर के महापड़ाव में शामिल हुए. जिसके बाद उन्होंने 28 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है."

हड़ताल से आंगनबाड़ी सेवा बेहाल: जिला अध्यक्ष प्रेमवती नाग ने बताया कि "बस्तर जिले में कुल चार हजार से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका हड़ताल पर हैं. हड़ताल की वजह से जिले के सभी आंगनबाड़ी बंद है. बच्चे आंगनबाड़ी तक पहुंच रहे हैं. लेकिन आंगनबाड़ी में ताला लगने की वजह से वे अपने घर वापस लौट रहे हैं. कुपोषित बच्चों पर अपनी राशि खर्च करके आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका उन्हें सुपोषण के लिए आगे बढ़ाती थी. लेकिन हड़ताल की वजह से अब वह काम पूरी तरह से ठप है. जिसकी वजह से कुपोषण की मात्रा और अधिक बढ़ने की संभावना जिला अध्यक्ष ने जताई है. इसके अलावा सुपोषण अभियान के तहत आंगनबाड़ी की सहायिका गर्भवती महिला और पोषक माताओं को पोषक आहार घर घर पहुंचाकर वितरित क्या करती थी. लेकिन हड़ताल की वजह से अब वह काम भी प्रभावित होगा.

कांग्रेस सरकार को कुर्सी से उतारने की चेतावनी: संघ की जिला अध्यक्ष ने बताया कि "प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने अपने घोषणा पत्र में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका को कलेक्टर दर देने की बात कही थी. लेकिन 4 वर्ष से अधिक का समय हो गया है और अब तक उन्होंने यह वादा पूरा नहीं किया है. उनके साथ वादाखिलाफी किया है. जिस प्रकार से कांग्रेस को कुर्सी पर बैठाया था. आने वाले 2023 के विधानसभा चुनाव में उसी कुर्सी से उतारने के लिए छत्तीसगढ़ की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ तैयार है. क्योंकि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने उन्हें सड़क पर उतरने को मजबूर किया है."

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छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ की मांगें: छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की विभिन्न मांग में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं को शासकीय कर्मचारी घोषित करने की मांग शामिल है. शासकीय कर्मचारी घोषित करने तक जीने लायक न्यूनतम वेतन 21000/ रुपये प्रतिमाह वेतन देने की मांग की गई है. स्वीकृत मानदेय को मंहगाई से जोड़ने की भी मांग आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघने की है. इसके अलावा रिटायरमेंट और ग्रेज्युटी की मांग की गई है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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