जगदलपुर: बीजापुर के सिलगेर कैंप (Silger Camp of Bijapur) में 16 मई को हुई फायरिंग में 3 लोग मारे गए थे. घटना उस वक्त हुई जब लगभग 3 हजार ग्रामीण सिलगेर में स्थापित किए जा रहे CFPF कैंप का विरोध करने पहुंचे थे. गोली कांड के बाद भी ग्रामीण कैंप का विरोध कर रहे हैं. आदिवासी सुरक्षाबलों का रास्ता रोके मौके पर धरना दे रहे हैं. बस्तर में इसे लेकर राजनीति गर्म हो गई है. बीजेपी इसे लेकर भूपेश सरकार पर निशाना साध रही है. पूर्व बस्तर सांसद दिनेश कश्यप (Former Bastar MP Dinesh Kashyap ) भूपेश सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं. वहीं कांग्रेस भी पीछे नहीं है बस्तर सांसद दीपक बैज (Bastar MP Deepak Baij ) ने इसे बीजेपी की नौटंकी बताया है.
बीजेपी ने भूपेश सरकार पर लगाए आरोप
बीजेपी ने मामले की जांच के लिए एक टीम का गठन किया है. टीम में पूर्व बस्तर सांसद दिनेश कश्यप शामिल हैं. जांच टीम घटनास्थल सिलेगर जाने की तैयारी कर रही है. सरकार ने इस पूरे मामले की न्यायिक जांच के आदेश जारी कर दिए हैं. बस्तर के पूर्व सांसद दिनेश कश्यप का कहना है कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने के बाद आदिवासियों के साथ लगातार अत्याचार हो रहा है. बिना ग्राम सभा के ग्रामीणों की जमीन पर कब्जा कर वहां पुलिस कैंप तैयार किया जा रहा है. ऐसे में ग्रामीण दहशत में हैं.
सिलगेर गोलीकांड मामले की मजिस्ट्रेट करेंगे जांच, अभी कैंप हटाने पर कोई निर्णय नहीं
पूर्व सांसद दिनेश कश्यप ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार आदिवासी ग्रामीणों की हत्या के जिम्मेदार है. जिनकी हत्या हुई है उन्हें नक्सली बताकर सरकार खुद को बचाने का प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि जब ग्रामीण लगातार कैंप का विरोध कर रहे हैं तो प्रशासन को ग्रामीणों की राय लेकर बीच का रास्ता निकालना चाहिए. भाजपा नेता संतोष बाफना ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार पहले ये स्पष्ट करे कि वो किनके साथ है ग्रामीणों के या फिर नक्सली के साथ ?
बस्तर सांसद दीपक बैज ने बीजेपी पर साधा निशाना
बीजेपी के आरोप पर बस्तर सांसद दीपक बैज ने पलटवार किया. उन्होंने कहा कि भाजपा शासनकाल में कई आदिवासियों के घर जले हैं और कई आदिवासी बेघर हो गए हैं. पहले भाजपा को उन आदिवासियों के लिए जांच दल बनाना चाहिए. सरकार का बचाव करते हुए बस्तर सांसद ने कहा कि भूपेश सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है. प्रदेश सरकार ने न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं.
सिलगेर कैंप में क्या हुआ था ?
सुरक्षाबल लगातार बस्तर के कोर इलाकों में कैंप स्थापित कर रहे हैं. पुलिस की मानें तो नक्सलियों के दबाव में ग्रामीण इन कैंप का विरोध कर रहे हैं. 16 मई को भी इसी तरह 3 हजार के लगभग ग्रामीण सिलगेर में स्थापित हो रहे कैंप का विरोध करने पहुंचे थे. आंदोलन अचानक उग्र हुआ और ग्रामीण कैंप के अंदर घुसने की कोशिश करने लगे. इस दौरान दोनों ओर से गोलीबारी हुई थी. गोलीबारी में 5 अन्य लोग घायल भी हुए थे. इसके अलावा 13 डीआरजी और 6 सीआरपीएफ के जवान भी घायल हुए थे. मामले में 8 लोगों को हिरासत में लिया गया है.
सिलगेर में पुलिस कैंप पर हमला: ग्रामीणों ने 3 से ज्यादा लोगों के मारे जाने का दावा किया
ग्रामीणों का दावा और अधिकारिक पुष्टि में अंतर
घटना के बाद से लगातार ग्रामीण सिलगेर कैंप के विरोध में धरना दे रहे हैं. ग्रामीणों ने 17 और 18 मई को दावा किया कि उनके साथ नक्सली नहीं थे. फायरिंग में 9 लोगों के मारे गए हैं. हालांकि अब तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. ग्रामीणों का कहना है कि 12 तारीख से शुरू हुए पुलिस कैंप का वे विरोध कर रहे हैं. ग्रामीणों ने कहा कि फायरिंग में 9 लोगों की मौत हो गई. मृतकों का शव भी नहीं लेने दिया गया. ग्रामीणों ने कहा कि मारे गए लोग नक्सली नहीं हैं और न ही इस प्रदर्शन में नक्सली थे. ग्रामीणों ने बताया कि वे हजारों की संख्या में पुलिस कैंप का विरोध करने पहुंचे थे.
'बस्तर में शांति के लिए विकल्प ढूंढे भूपेश बघेल'
21 मई को अधिकारिक तौर पर प्रशासन ने माना कि सिलगेर कैंप के विरोध के दौरान गोलीबारी हुई. बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि ग्रामीण तार की बैरिकेंडिंग को तोड़कर कैंप में घुसने का प्रयास कर रहे थे. तभी ग्रामीणों की आड़ में खड़े नक्सलियों ने गोली चलाई थी. इस दौरान सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई की थी. 3 नक्सली मारे गए हैं. आईजी ने कहा तीनों मृतक नक्सलियों के DKMS सदस्य के रूप में काम कर रहे थे.
CPI ने भी मामले में ली एंट्री
23 मई को CPI का एक जांच दल पूर्व CPI विधायक मनीष कुंजाम के नेतृत्व में सिलगेर पहुंचा. सिलगेर पहुंच कर पीड़ित परिजनों और घायलों से मुलाकात की. साथ ही ग्रामीणों को संबोधित किया. मनीष कुंजाम ने कहा कि बीते दिनों घटे घटनाक्रम की जानकारी ली गई. इस दौरान ग्रामीणों ने एक बार फिर दोहराया कि उन्हें यहां कैंप नहीं चाहिए. मनीष कुंजाम ने कहा कि यह एक दुखद घटना है. जिसमें निर्दोष ग्रामीण मारे गए हैं. मनीष कुंजाम ने कहा कि ये घटना निंदनीय है. इसमें निर्दोष लोग मारे गए हैं.
- 23 मई को बीजापुर कलेक्टर रितेश अग्रवाल (Bijapur Collector Ritesh Agarwal) ने सिलगेर गोलीकांड जांच के आदेश दिए हैं. कलेक्टर ने रविवार को मजिस्ट्रेट की नियुक्ति कर दी. जांच के बिंदु भी तय कर दिए.
- 24 मई को गोलीकांड की जांच को लेकर कलेक्टर और पुलिस अधिकारी ग्रामीणों के बीच पहुंचे. इस दौरान अधिकारियों ने ग्रामीणों को सिलगेर मामले की जांच के बारे में जानकारी दी. साथ ही ग्रामीणों से सहयोग की अपील की.
सिलगेर कैंप बवाल में मारे गए तीनों लोग नक्सली थे: आईजी सुंदरराज पी
- 25 मई को बीजेपी ने भी सिलगेर मामले की जांच के लिए 6 सदस्य की एक टीम का गठन किया है. भाजपा की ओर से गठित टीम मृतकों के परिजनों से मुलाकात कर जांच करेगी और 7 दिनों के अंदर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी. इस टीम में दिनेश कश्यप, किरणदेव, महेश गागड़ा, लता उसेंडी, सुभाऊ कश्यप और राजाराम तोड़ेम शामिल हैं.
- 26 मई को बस्तर आयुक्त जीआर चुरेंद्र (Bastar Commissioner GR churendra) और बस्तर आईजी सुंदरराज पी (Bastar IG Sundar Raj P) के समझाने के बाद भी ग्रामीण सिलगेर कैंप को हटाने की मांग पर अड़े हुए हैं. तररेम में करीब 500 की संख्या में ग्रामीण कैम्प का विरोध कर रहे हैं.