जगदलपुर: किसानों के साथ धोखाधड़ी करने के मामले में कोतवाली पुलिस ने दो बिचौलिए, बैंक अधिकारी और उद्यानिकी विभाग के अफसरों सहित कुल 7 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया है.
पुलिस की गिरफ्त में सात आरोपी
सातों आरोपियों में से पुलिस ने दो बिचैलिए बलराम चावड़ा और रघु सेठिया को उनके निवास से गिरफ्तार किया है. बस्तर ब्लॉक के भाटपाल के रहने वाले किसान तुलाराम मौर्य की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई है.
दो किसानों को जाना पड़ा था जेल
कुछ दिन पहले SBI की ADB शाखा की ओर से जिला न्यायालय में लगाए गए एक प्रकरण के तहत 2 किसान तुलाराम मौर्य और सुखदास को जेल जाना पड़ा था. मामले के तूल पकड़ते ही राज्य सरकार सकते में आ गई और जिला प्रशासन के माध्यम से दोनों किसानों की जमानत कराई गई. जमानत होने के बाद दोनों किसान ने बैंक कर्मचारी, उद्यानिकी विभाग के अफसरों और दो बिचौलियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है.
किसानों ने किया था अनुबंध
जगदलपुर सीएसपी के मुताबिक किसानों से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2009 में ग्राम भाटपाल में मौजूद 4.35 एकड़ जमीन पर ड्रिप सिस्टम, पाइप, बरबेट वायर लगाने के नाम पर किसान तुलाराम ने एक आवेदन कृषि उद्यानिकी सहायक संचालक जगदलपुर को दिया गया था. आवेदन के परिपालन में उद्यानिकी विभाग जगदलपुर की ओर से जमीन के सर्वे के बाद लगभग एक लाख 32 हजार रुपये का अनुमानित खर्च का स्टीमेट तैयार किया गया और जैन इरीगेशन सिस्टम लिमिटेड को ड्रिप सिस्टम लगाने के लिए अनुबंध किया गया.
आवेदक को दिया प्रमाण पत्र
जैन इरीगेशन सिस्टम लिमिटेड के एजेंट बलराम चावड़ा उर्फ बल्लू और रघु सेठिया की ओर से फील्ड पर काम कराया गया और आवेदक को संपूर्ण जमीन 4.5 एकड़ के लिए ड्रिप सिस्टम लगाने का काम पूर्ण हो जाने का प्रमाण पत्र दे दिया गया.
बलराम ने फर्जीवाड़ा कर निकाली रकम
उधानिकी विभाग की ओर से संतुष्टि प्रमाण पत्र और पूर्णता कर आवेदक को संतुष्टि पत्र पर बिना बताए हस्ताक्षर कराए गए. 25 नवंबर 2009 को जैन इरिगेशन सिस्टम लिमिटेड की एजेंट आरोपी बलराम की ओर से विड्रॉल फॉर्म भरकर 1 लाख 50 हजार निकाल लिए गए और ड्रिप पाइप का भुगतान करने के नाम पर खुद एक लाख रुपये रख लिए और 50 हजार रुपये आवेदक तुलाराम मौर्य को दे दिए.
काम अधूरा रहने पर भी दिया प्रमाण पत्र
घटना के ठीक 2 महीने बाद 22 जनवरी 2010 को दोबारा आरोपी बलराम की ओर से सब्सिडी में रकम जमा करने के नाम पर आवेदक से 50 हजार रुपए निकाल लिए. मामले में उधानिकी विभाग के ग्रामीण विस्तार विकास अधिकारी उपेंद्र चौधरी और अधीक्षक आरके मिश्रा ने काम पूरा नहीं होने के बाद भी कार्यपूर्णतया का प्रमाण पत्र जारी कर दिया.
खाते से लगातार निकाली रकम
एडीबी विकास शाखा एसबीआई ब्रांच धरमपुरा के प्रबंधक चंद्रशेखर राव, फील्ड ऑफिसर इम्तियाज खान ने बिना भौतिक सत्यापन के लोन स्वीकृत कर दिया. कैशियर प्रकाश जोशी ने आवेदक से हस्ताक्षर लेकर पूरी राशि बलराम चावड़ा को दे दी. इतना ही नहीं आरोपी बलराम चावड़ा ने किसान के नाम से जारी चेक बुक अपने पास रख ली और खाते से लगातार पैसे निकालता रहा.
इतनी जमीन पर ही हुआ काम
आरोपी ने पहले ही सभी चेक पर किसान से हस्ताक्षार ले रखा था. पुलिस को किसान तुलाराम मौर्य ने जानकारी देते बताया कि उसके सारे चेक बलराम चावड़ा ही रखा करता था. उसकी 4 एकड़ 35 डिसमिल जमीन में कार्य स्वीकृत दर्शाया गया, जबकि अनुबंध संस्था की ओर से महज 1.35 एकड़ में ही ड्रिप पाइप एवं बरबेट वायर लगाया गया है.
किसानों से ठगे 13 लाख रुपये
इस तरह उद्यानिकी विभाग के ग्रामीण विस्तार अधिकारी उपेंद्र चौधरी एवं विभाग के अधिकारी आरके मिश्रा की ओर से फर्जी प्रमाण पत्र पेश कर प्रबंधक चंद्रशेखर राव फिल्ड मैनेजर इम्तियाज खान, कैशियर प्रकाश जोशी और जैन इरीगेशन सिस्टम लिमिटेड की एजेंट बलराम चावड़ा और मुंशी रघु सेठिया ने धोखाधड़ी करते हुए किसानों से 13 लाख रुपये धोखाधड़ी कर ठग लिए गए.