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कबाड़ से जुगाड़: जगदलपुर के युवक ने बनाया ऑटोमैटिक सैनिटाइजिंग मशीन

कोरोना वायरस की इस जंग में अपना योगदान देते हुए शहर के युवक ने कबाड़ से ऑटोमैटिक सैनिटाइजर मशीन बनाई है. अब वे इस मशीन को अस्पताल में डोनेट करने जा रहा है.

automatic sanitizing machine
ऑटोमैटिक सैनिटाइजिंग मशीन
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Published : May 22, 2020, 11:26 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

जगदलपुर: एक दूसरे के संपर्क में आने से फैल रहे कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लोग अपने-अपने स्तर पर कोशिश कर रहे हैं. एसे में शहर के एक युवक ने ऑटोमैटिक सैनिटाइजर मशीन बनाई है, इस मशीन के जरिए लोग बिना छुए ही अपने हाथों को सैनिटाइज कर सकते हैं.

ऑटोमैटिक सैनिटाइजिंग मशीन

इलेक्ट्रॉनिक सामान की रिपेयरिंग का काम करने वाले नवीन मलगांवकर ने अपने साथी अविनाश के साथ मिलकर कबाड़ से ये मशीन बनाई है. ये मशीन पूरी तरह से ऑटोमैटिक है और सेंसर से काम करती है. अगर आप इस मशीन के पास अपने हाथ ले जाएंगे, तो आपके हाथों में सैनिटाइजर की बूंदें गिरेंगी. जिससे आप अपने हाथों को सैनिटाइज कर सकते हैं.

800 रुपए आई लागत

नवीन ने बताया कि इस मशीन को बनाने में उन्होंने अपनी दुकान में पड़े कुछ कबाड़ का इस्तेमाल किया है. इस मशीन को बनाने में 800 से 1 हजार रुपए की लागत आई है. नवीन ने बताया कि जिस तरह से यह बीमारी छूने से फैल रही है और शहर के कई जगहों पर लोगों को लोहे के एंगल से बनी सैनिटाइजर मशीन का इस्तेमाल करना पड़ रहा है. ऐसे में कोरोना के संक्रमण के बढ़ने का खतरा और भी बढ़ जाता है.

पढ़ें: जगदलपुर : बीजेपी नेता को मिला धमकी भरा खत, SP से की सुरक्षा की मांग

मशीन डोनेट करना चाहते हैं नवीन

शहर में लगी लोहे की सैनिटाइजर मशीन, जो ठीक से काम नहीं करती है, उसे देखकर नवीन ने ये मशीन बनाने की सोची और कबाड़ से ये जुगाड़ कर लिया. नवीन इस मशीन को डीमरापाल में स्थित मेडीकल कॉलेज को मुफ्त में देना चाहते हैं. साथ ही आगे चलकर वे ऐसी मशीनें सभी सार्वजानिक जगहों पर नि:शुल्क लगाना चाहते हैं.

जगदलपुर: एक दूसरे के संपर्क में आने से फैल रहे कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लोग अपने-अपने स्तर पर कोशिश कर रहे हैं. एसे में शहर के एक युवक ने ऑटोमैटिक सैनिटाइजर मशीन बनाई है, इस मशीन के जरिए लोग बिना छुए ही अपने हाथों को सैनिटाइज कर सकते हैं.

ऑटोमैटिक सैनिटाइजिंग मशीन

इलेक्ट्रॉनिक सामान की रिपेयरिंग का काम करने वाले नवीन मलगांवकर ने अपने साथी अविनाश के साथ मिलकर कबाड़ से ये मशीन बनाई है. ये मशीन पूरी तरह से ऑटोमैटिक है और सेंसर से काम करती है. अगर आप इस मशीन के पास अपने हाथ ले जाएंगे, तो आपके हाथों में सैनिटाइजर की बूंदें गिरेंगी. जिससे आप अपने हाथों को सैनिटाइज कर सकते हैं.

800 रुपए आई लागत

नवीन ने बताया कि इस मशीन को बनाने में उन्होंने अपनी दुकान में पड़े कुछ कबाड़ का इस्तेमाल किया है. इस मशीन को बनाने में 800 से 1 हजार रुपए की लागत आई है. नवीन ने बताया कि जिस तरह से यह बीमारी छूने से फैल रही है और शहर के कई जगहों पर लोगों को लोहे के एंगल से बनी सैनिटाइजर मशीन का इस्तेमाल करना पड़ रहा है. ऐसे में कोरोना के संक्रमण के बढ़ने का खतरा और भी बढ़ जाता है.

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मशीन डोनेट करना चाहते हैं नवीन

शहर में लगी लोहे की सैनिटाइजर मशीन, जो ठीक से काम नहीं करती है, उसे देखकर नवीन ने ये मशीन बनाने की सोची और कबाड़ से ये जुगाड़ कर लिया. नवीन इस मशीन को डीमरापाल में स्थित मेडीकल कॉलेज को मुफ्त में देना चाहते हैं. साथ ही आगे चलकर वे ऐसी मशीनें सभी सार्वजानिक जगहों पर नि:शुल्क लगाना चाहते हैं.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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