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सफाई से पहले 90 लाख की मशीन हुई खराब, निगम प्रशासन पर उठे सवाल - जगदलपुर न्यूज

बस्तर के ऐतिहासिक सरोवर दलपत सागर में लगभग 150 से 170 एकड़ में जलकुंभी का कब्जा है. इसको साफ करने के लिए 90 लाख रुपये की मशीन खरीदी गई है. अब मशीन 15 दिन के अंदर खराब हो गई है. ऐसे में बीजेपी नेता और पार्षद निगम प्रशासन पर सवाल उठा रहे हैं.

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दलपत सागर में कुंभी साफ करने वाली मशीन हुई खराब
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Published : Dec 6, 2020, 7:18 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

जगदलपुर: छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े तालाब और बस्तर के ऐतिहासिक सरोवर दलपत सागर की सफाई के लिए मशीन खरीदी गई है. इस मशीन को जिला प्रशासन ने लगभग 90 लाख रुपये की लागत से खरीदा है. यह एक्वेटिक वीड हार्वेस्टर मशीन शुरू होने से पहले ही विवादों में घिर गई है. निगम प्रशासन ने DMF फंड से इसे खरीदा था. इस मशीन को जगदलपुर लाए 2 सप्ताह बीत चुके हैं. लेकिन अब तक इस मशीन से कार्य शुरू नहीं हो सका है. ऐसे में निगम प्रशासन का यह फैसला और कार्य विवादों में घिर गया है.

सफाई से पहले 90 लाख की मशीन हुई खराब

दलपत सागर में एक्वेटिक वीड हार्वेस्टर मशीन को डेमो के लिए उतारा गया था, लेकिन इस दौरान उसके कई पार्ट्स डैमेज हो गए. इससे मशीन को दलपत सागर के पास सफेद हाथी की तरह खड़ा कर दिया गया है. वहीं निगम ने यह दावा किया था कि इस मशीन को संचालित करने के लिए दो निगम कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी गई थी. लेकिन इन कर्मचारियों को किसी तरह की टेक्निकल जानकारी नहीं दी गई. ऐसे में मशीन दलपत सागर के पास खड़ी कर दी गई है.

पढ़ें: SPECIAL: ऐतिहासिक दलपत सागर पर हुई राम कृपा, सरोवर का बदलेगा स्वरूप

150 से 170 एकड़ में जलकुंभी का कब्जा

350 एकड़ में फैले दलपत सागर में लगभग 150 से 170 एकड़ में जलकुंभी का कब्जा है. इस जलकुंभी की वजह से दलपत सागर सिमटने के कगार पर पहुंच गया है. इस दलपत सागर के उत्थान के लिए शहर के विभिन्न सामाजिक संगठनों और बुद्धिजीवी ने सफाई अभियान भी चलाया, लेकिन इतनी बड़ी मात्रा में फैले जलकुंभी को साफ करने में नाकाम साबित रहे.

डीएमएफ फंड से मंगाई गई थी 90 लाख रुपये की मशीन

दलपत सागर को साफ करने के लिए मशीन की जरूरत पड़ी. निगम प्रशासन ने हाल ही में डीएमएफ फंड से लगभग 90 लाख रुपये की लागत से एक्टिवेट वीड हार्वेस्टर मशीन हैदराबाद से खरीदी है. इस मशीन को जगदलपुर लाए 15 दिन से अधिक बीत चुके हैं. इसे संचालित करने के लिए निगम के दो कर्मचारियों को भी हैदराबाद भेजा गया, जो वापस आ चुके हैं. लेकिन अब डेमो के लिए दलपत सागर में उतारे जाने के दौरान इसके कई पार्ट्स डैमेज हो गए.

पढ़ें: दलपत सागर के किनारे लगाए गए 101 पौधे, कलेक्टर ने साइकिल से किया दौरा

मशीन पर सवालिया निशान

निगम के आयुक्त का कहना है कि जल्द से जल्द मशीन को दोबारा बना लिया जाएगा. सप्ताह भर के भीतर स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में इसका लोकार्पण भी किया जाएगा. उसके बाद सफाई अभियान शुरू होगा. वहीं दूसरी तरफ अब निगम के भाजपा पार्षदों ने इस मशीन पर सवालिया निशान उठाना शुरू कर दिया है.

मशीन की डेमो शहरवासियों के बीच दिखानी चाहिए

भाजपा पार्षद आलोक अवस्थी का कहना है कि इस मशीन को खरीदे 15 दिन से अधिक बीत चुके हैं. लेकिन अब तक मशीन का डेमो शाहवासियों और जनप्रतिनिधियों को नहीं दिखाया गया है. इतनी बड़ी कीमत पर खरीदे गए इस मशीन की डेमो निगम प्रशासन को जरूर शहरवासियों के बीच दिखाई जानी चाहिए. निगम प्रशासन ने दावा किया है कि एक बार में इस मशीन से बड़ी मात्रा में जलकुंभी हटाई जा सकती है.

मशीन में छोटे-मोटे डैमेज के लिए कंपनी से 1 साल का अनुबंध

बता दें कि जनता के सामने इसका डेमो जल्द से जल्द ही दिखाना जाना चाहिए. ताकि यह मशीन बाकि मशीनों की तरह कबाड़ ना हो. जनता के पैसों का दुरुपयोग ना हो. हालांकि निगम के आयुक्त ने कहा कि मशीन में छोटे-मोटे डैमेज के लिए कंपनी से 1 साल का अनुबंध किया गया है. इस दौरान किसी भी तरह की कोई समस्या आने पर इसका सुधार किया जाएगा. इधर कहा जा सकता है कि इतनी बड़ी कीमत में खरीदी गई यह मशीन शुरू होने से पहले ही विवादों के बीच घिर गई है.

जगदलपुर: छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े तालाब और बस्तर के ऐतिहासिक सरोवर दलपत सागर की सफाई के लिए मशीन खरीदी गई है. इस मशीन को जिला प्रशासन ने लगभग 90 लाख रुपये की लागत से खरीदा है. यह एक्वेटिक वीड हार्वेस्टर मशीन शुरू होने से पहले ही विवादों में घिर गई है. निगम प्रशासन ने DMF फंड से इसे खरीदा था. इस मशीन को जगदलपुर लाए 2 सप्ताह बीत चुके हैं. लेकिन अब तक इस मशीन से कार्य शुरू नहीं हो सका है. ऐसे में निगम प्रशासन का यह फैसला और कार्य विवादों में घिर गया है.

सफाई से पहले 90 लाख की मशीन हुई खराब

दलपत सागर में एक्वेटिक वीड हार्वेस्टर मशीन को डेमो के लिए उतारा गया था, लेकिन इस दौरान उसके कई पार्ट्स डैमेज हो गए. इससे मशीन को दलपत सागर के पास सफेद हाथी की तरह खड़ा कर दिया गया है. वहीं निगम ने यह दावा किया था कि इस मशीन को संचालित करने के लिए दो निगम कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी गई थी. लेकिन इन कर्मचारियों को किसी तरह की टेक्निकल जानकारी नहीं दी गई. ऐसे में मशीन दलपत सागर के पास खड़ी कर दी गई है.

पढ़ें: SPECIAL: ऐतिहासिक दलपत सागर पर हुई राम कृपा, सरोवर का बदलेगा स्वरूप

150 से 170 एकड़ में जलकुंभी का कब्जा

350 एकड़ में फैले दलपत सागर में लगभग 150 से 170 एकड़ में जलकुंभी का कब्जा है. इस जलकुंभी की वजह से दलपत सागर सिमटने के कगार पर पहुंच गया है. इस दलपत सागर के उत्थान के लिए शहर के विभिन्न सामाजिक संगठनों और बुद्धिजीवी ने सफाई अभियान भी चलाया, लेकिन इतनी बड़ी मात्रा में फैले जलकुंभी को साफ करने में नाकाम साबित रहे.

डीएमएफ फंड से मंगाई गई थी 90 लाख रुपये की मशीन

दलपत सागर को साफ करने के लिए मशीन की जरूरत पड़ी. निगम प्रशासन ने हाल ही में डीएमएफ फंड से लगभग 90 लाख रुपये की लागत से एक्टिवेट वीड हार्वेस्टर मशीन हैदराबाद से खरीदी है. इस मशीन को जगदलपुर लाए 15 दिन से अधिक बीत चुके हैं. इसे संचालित करने के लिए निगम के दो कर्मचारियों को भी हैदराबाद भेजा गया, जो वापस आ चुके हैं. लेकिन अब डेमो के लिए दलपत सागर में उतारे जाने के दौरान इसके कई पार्ट्स डैमेज हो गए.

पढ़ें: दलपत सागर के किनारे लगाए गए 101 पौधे, कलेक्टर ने साइकिल से किया दौरा

मशीन पर सवालिया निशान

निगम के आयुक्त का कहना है कि जल्द से जल्द मशीन को दोबारा बना लिया जाएगा. सप्ताह भर के भीतर स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में इसका लोकार्पण भी किया जाएगा. उसके बाद सफाई अभियान शुरू होगा. वहीं दूसरी तरफ अब निगम के भाजपा पार्षदों ने इस मशीन पर सवालिया निशान उठाना शुरू कर दिया है.

मशीन की डेमो शहरवासियों के बीच दिखानी चाहिए

भाजपा पार्षद आलोक अवस्थी का कहना है कि इस मशीन को खरीदे 15 दिन से अधिक बीत चुके हैं. लेकिन अब तक मशीन का डेमो शाहवासियों और जनप्रतिनिधियों को नहीं दिखाया गया है. इतनी बड़ी कीमत पर खरीदे गए इस मशीन की डेमो निगम प्रशासन को जरूर शहरवासियों के बीच दिखाई जानी चाहिए. निगम प्रशासन ने दावा किया है कि एक बार में इस मशीन से बड़ी मात्रा में जलकुंभी हटाई जा सकती है.

मशीन में छोटे-मोटे डैमेज के लिए कंपनी से 1 साल का अनुबंध

बता दें कि जनता के सामने इसका डेमो जल्द से जल्द ही दिखाना जाना चाहिए. ताकि यह मशीन बाकि मशीनों की तरह कबाड़ ना हो. जनता के पैसों का दुरुपयोग ना हो. हालांकि निगम के आयुक्त ने कहा कि मशीन में छोटे-मोटे डैमेज के लिए कंपनी से 1 साल का अनुबंध किया गया है. इस दौरान किसी भी तरह की कोई समस्या आने पर इसका सुधार किया जाएगा. इधर कहा जा सकता है कि इतनी बड़ी कीमत में खरीदी गई यह मशीन शुरू होने से पहले ही विवादों के बीच घिर गई है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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