जगदलपुर: बस्तर पुलिस ने एक डेढ़ दिन के नवजात को बेचने के मामले में स्टिंग ऑपरेशन कर तस्करी के धंधे का पर्दाफाश किया है. नवजात को बेचने के आरोप में एक महिला समेत उसके दो साथी महिलाओं को भी पुलिस ने हिरासत में लिया है. वहीं इस अपराध में साथ देने वाली उप स्वास्थ्य केंद्र की एएनएम को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है, जिस पर नवजात बच्ची का फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने का आरोप है.
दरअसल मोती तलाबपारा के यासिर अहमद को एक महिला ने ढाई लाख रुपए में बच्चा बेचने की बात कही. साथ ही तय जगह पर पैसा लेकर आने को कहा, प्रार्थी यासिर अहमद ने इसकी जानकारी बस्तर पुलिस को दी, जिसके बाद वह महिला अपने अन्य दो महिला साथियों के साथ भानपुरी गांव के उप स्वास्थ्य केंद्र पहुंची. जहां पहले से ही स्वास्थ्य केंद्र की एएनएम इन महिलाओं से मिली हुई थी. 14 मार्च को उप स्वास्थ्य केंद्र में जन्मी एक बच्ची को पैसों की लालच में यासिर अहमद को बेचने के लिए तैयार हो गई.
पुलिस ने नवजात को किया बरामद
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने बताया कि 'प्लानिंग के तहत यासिर अहमद के साथ सिविल ड्रेस में पुलिस पहुंची हुई थी. जैसे ही बच्ची को यासिर अहमद को देकर पैसा लिया जा रहा था. इसी दौरान पिंक टीम की महिला कमर्चारी और भानपुरी पुलिस ने तीनों ही महिला और उप स्वास्थ्य केंद्र की एएनएम को रंगे हांथो पकड़ लिया. बच्ची को उनके पास से बरामद कर सुरक्षित सीडब्ल्यूसी में पहुंचाया गया.
आरोपियों को भेजा गया जेल
बताया जा रहा है कि इस मामले की मास्टरमाइंड महिला पहले भी बच्चा तस्करी की घटना को अंजाम दे चुकी है. इसलिए पुलिस इसके पहले के रिकॉर्ड खंगाल रही है. वहीं स्वास्थ्य केंद्र की एएनएम की भी इसमें संलिप्ता बताई जा रही है. फिलहाल पुलिस ने इन चारों महिलाओं को सोमवार को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया है.