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गोधन न्याय योजना: बस्तर के पशुपालकों को 2 हफ्तों में किया गया 2 लाख रुपए का भुगतान

गोधन न्याय योजना के तहत बस्तर के पशुपालकों को 2 हफ्तों में 2 लाख रुपए का भुगतान किया जा चुका है. वहीं जल्द ही अब निगम प्रशासन ने डोर-टू-डोर जाकर गोबर खरीदी करने का फैसला लिया है.

2 lakh rupees paid to cattle herders of Bastar under Godhan Nyay Yojana
गोधन न्याय योजना के तहत बस्तर के पशुपालकों को 2 हफ्तों में किया गया 2 लाख रुपए का भुगतान
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Published : Aug 7, 2020, 11:35 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

जगदलपुर : बस्तर जिले में गोधन न्याय योजना के तहत पशुपालकों से जमकर गोबर की खरीदी की जा रही है. बीते 15 दिनों में प्रशासन ने पशुपालकों से 1 लाख 46 हजार किलो से ज्यादा गोबर खरीदा है. वहीं शहरी क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र के पशुपालक भी गोबर इकट्ठा कर उसे बेचने में काफी रुचि दिखा रहे हैं. जल्द ही अब निगम प्रशासन ने डोर-टू-डोर जाकर गोबर खरीदी करने का निर्णय लिया है.

गोधन न्याय योजना के तहत बस्तर के पशुपालकों को 2 हफ्तों में किया गया 2 लाख रुपए का भुगतान

बता दें कि कंपोस्ट खाद बनाने के लिए शहर के बोधघाट और तंबोली वर्मी पोस्ट पर गोबर इकट्ठा किया जा रहा है. जगदलपुर नगर निगम के आयुक्त प्रेम कुमार पटेल ने बताया कि बीते 20 जुलाई से बस्तर जिले में गोधन न्याय योजना की शुरुआत की गई है. तब से अब तक जिले के 159 गौठानों में गोबर बेचने वाले 1 हजार 941 विक्रेताओं से 2 रुपए प्रति किलो की दर से 1 लाख 46 हजार 99 किलो गोबर की खरीदी की गई है, जिसके लिए हितग्राहियों को 2 लाख 9 हजार 395 रुपए का भुगतान उनके बैंक खाते में ऑनलाइन किया गया है.

निगम आयुक्त ने दी जानकारी

निगम आयुक्त ने बताया कि लॉकडाउन होने की वजह से अभी कई पशुपालक गोबर का विक्रय करने SLRM सेंटर तक आने से हिचकिचा रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि लॉकडाउन हटने के बाद पशुपालक गोबर विक्रय करने पहुंच सकते हैं. आयुक्त ने बताया कि पशुपालकों से गोबर खरीद कर इसे बोधघाट और कंगोली में स्थित वर्मी कंपोस्ट भंडारण में इकट्ठा किया जा रहा है. जहां पहले ही कृषि विभाग के अधिकारियों की ओर से खाद बनाने के लिए सर्वे किया जा चुका है और जल्द ही यहां पर खाद बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा.

पढ़ें: जशपुर: सीएम बघेल ने बिमड़ा गांव के अजय एक्का से ली गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन की जानकारी

आयुक्त ने बताया कि गोबर से खाद बनाने के अलावा महिला स्वसहायता समूह की ओर से गोबर से गमला, कंडा और अन्य चीजों का भी निर्माण किया जाएगा, ताकि इससे स्वसहायता समूह की महिलाओं को रोजगार मिल सके. आयुक्त ने आगे बताया कि आने वाले दिनों में डोर-टू-डोर गोबर खरीदी करने की योजना बनाई जा रही है. आयुक्त का कहना है कि बढ़ते कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए निगम अमला पशुपालकों के घर में डोर-टू-डोर गोबर खरीदेगी.

जगदलपुर : बस्तर जिले में गोधन न्याय योजना के तहत पशुपालकों से जमकर गोबर की खरीदी की जा रही है. बीते 15 दिनों में प्रशासन ने पशुपालकों से 1 लाख 46 हजार किलो से ज्यादा गोबर खरीदा है. वहीं शहरी क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र के पशुपालक भी गोबर इकट्ठा कर उसे बेचने में काफी रुचि दिखा रहे हैं. जल्द ही अब निगम प्रशासन ने डोर-टू-डोर जाकर गोबर खरीदी करने का निर्णय लिया है.

गोधन न्याय योजना के तहत बस्तर के पशुपालकों को 2 हफ्तों में किया गया 2 लाख रुपए का भुगतान

बता दें कि कंपोस्ट खाद बनाने के लिए शहर के बोधघाट और तंबोली वर्मी पोस्ट पर गोबर इकट्ठा किया जा रहा है. जगदलपुर नगर निगम के आयुक्त प्रेम कुमार पटेल ने बताया कि बीते 20 जुलाई से बस्तर जिले में गोधन न्याय योजना की शुरुआत की गई है. तब से अब तक जिले के 159 गौठानों में गोबर बेचने वाले 1 हजार 941 विक्रेताओं से 2 रुपए प्रति किलो की दर से 1 लाख 46 हजार 99 किलो गोबर की खरीदी की गई है, जिसके लिए हितग्राहियों को 2 लाख 9 हजार 395 रुपए का भुगतान उनके बैंक खाते में ऑनलाइन किया गया है.

निगम आयुक्त ने दी जानकारी

निगम आयुक्त ने बताया कि लॉकडाउन होने की वजह से अभी कई पशुपालक गोबर का विक्रय करने SLRM सेंटर तक आने से हिचकिचा रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि लॉकडाउन हटने के बाद पशुपालक गोबर विक्रय करने पहुंच सकते हैं. आयुक्त ने बताया कि पशुपालकों से गोबर खरीद कर इसे बोधघाट और कंगोली में स्थित वर्मी कंपोस्ट भंडारण में इकट्ठा किया जा रहा है. जहां पहले ही कृषि विभाग के अधिकारियों की ओर से खाद बनाने के लिए सर्वे किया जा चुका है और जल्द ही यहां पर खाद बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा.

पढ़ें: जशपुर: सीएम बघेल ने बिमड़ा गांव के अजय एक्का से ली गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन की जानकारी

आयुक्त ने बताया कि गोबर से खाद बनाने के अलावा महिला स्वसहायता समूह की ओर से गोबर से गमला, कंडा और अन्य चीजों का भी निर्माण किया जाएगा, ताकि इससे स्वसहायता समूह की महिलाओं को रोजगार मिल सके. आयुक्त ने आगे बताया कि आने वाले दिनों में डोर-टू-डोर गोबर खरीदी करने की योजना बनाई जा रही है. आयुक्त का कहना है कि बढ़ते कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए निगम अमला पशुपालकों के घर में डोर-टू-डोर गोबर खरीदेगी.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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