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बस्तर में इस साल खुले बंपर पुलिस बेस कैंप

नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में साल 2020 पुलिस के लिए सफलताओं भरा रहा. इस साल 800 से ज्यादा नक्सलियों ने पुलिस के सामने हथियार डाल दिए. पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में कई हार्डकोर नक्सली मारे गए. 10 साल में ऐसा पहली बार हुआ कि एक साल में घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 16 नए पुलिस बेस कैंप खोले गए. आईजी सुंदरराज पी का कहना है कि साल 2021 में और नए कैंप खोले जाएंगे.

16 new police base camps in bastar
बस्तर में खुले 16 नए पुलिस बेस कैंप
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Published : Dec 26, 2020, 5:47 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

जगदलपुर: बस्तर में नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के लिए बस्तर पुलिस ने कमर कस ली है. नक्सलियों को बैकफुट पर लाने के लिए पुलिस समय-समय पर अपनी रणनीति बदलते रहती है. इसी का नतीजा रहा कि साल 2020 में बस्तर पुलिस को कई सफलताएं मिली. साल 2020 नक्सल मोर्चे पर पुलिस के लिए सफल रहा. इस साल नक्सली घटनाओं में भी काफी कमी देखने को मिली. पुलिस ने नक्सलियों का गढ़ कहे जाने इलाकों में भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराई. इन इलाकों में नए कैंप खोलने में सफलता हासिल की है.

घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 16 नए पुलिस बेस कैंप खोले गए

इस साल 16 नए बेस कैंप खोले गए

बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि साल 2020 पुलिस के लिए सफलता भरा रहा. इस साल जहां 800 से ज्यादा नक्सलियों ने पुलिस के सामने हथियार डाले. वहीं पुलिस नक्सली मुठभेड़ में कई हार्डकोर नक्सली मारे गए. इस साल बस्तर पुलिस और अर्धसैनिक बल ने नक्सलियों के मांद में घुसकर अपनी मौजूदगी भी दर्ज कराई. ऐसे इलाकों में नए पुलिस कैंप भी स्थापित किए जहां नक्सलियों की तूती बोलती है. आईजी ने बताया कि पिछले 10 साल की तुलना में एक साल के अंदर बस्तर संभाग के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 16 नए पुलिस बेस कैंप खोले गए. यह कैंप ऐसी जगह पर स्थापित किए गए हैं. जहां नक्सलियों की सबसे ज्यादा मौजूदगी होती है.

पढ़ें-सुकमा में सुरक्षाबलों ने नक्सल कैंप को किया तबाह, सर्चिंग जारी

पहले कैंप खोलने का ग्रामीणों ने किया विरोध

आईजी ने बताया कि पुलिस कैंप खोलने में उन्हें काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा. ग्रामीणों की आड़ में नक्सली कैंप के खुलने का लगातार विरोध करते रहे. कई जगह तो नक्सलियों के द्वारा लगाए गए आईईडी ब्लॉस्ट की चपेट में आकर कई जवान शहीद हुए. लेकिन पुलिस के जवानों का मनोबल कमजोर नहीं हुआ. बस्तर पुलिस ने अपनी रणनीति के अनुसार नए पुलिस कैंप स्थापित करने में सफलता हासिल की है. शुरुआत में ग्रामीणों ने पुलिस कैंप का जमकर विरोध किया. लेकिन जैसे ही कैंप स्थापित हुआ और जवानों ने ग्रामीणों को अपने भरोसे में लिया. उसके बाद धीरे-धीरे उन गांवों में विकास कार्य तेजी से पहुंचने लगा.

16 new police base camps in bastar
पुलिस बेस कैंप

नये पुलिस कैंप से पहुंचा गांव में विकास

आईजी ने बताया कि कैंप खुलने से ग्रामीणों को अपनी सुरक्षा का एहसास हुआ. उस गांव में स्वास्थ्य सुविधा से लेकर सड़क, पुल-पुलिया का भी निर्माण हुआ. जिससे ग्रामीणों को सुविधाएं मिल पाई और इसका नतीजा यह हुआ कि ग्रामीण कई जगहों पर पुलिस कैंप खोलने की मांग करते भी नजर आए. उनकी मंशा के मुताबिक उन जगहों पर नए कैंप भी स्थापित किए गए. आईजी ने बताया कि अब बस्तर के भोले-भाले आदिवासी, नक्सलियों के मंसूबों को जान गए हैं. हालांकि वे दबाव में आकर पहले पुलिस कैंप का विरोध करते हैं. लेकिन कैंप खुलने के बाद ग्रामीणों को एहसास होता है कि यह कैंप उनके गांव के विकास के लिए और उनकी सुरक्षा के लिए खोले गए हैं.

पढ़ें-नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रोजगार की क्या है भूमिका ? जानिए एक्सपर्ट की राय

पुलिस चला रही कम्युनिटी पुलिसिंग कार्यक्रम

आईजी ने यह भी बताया कि बस्तर पुलिस का मकसद इन पुलिस बेस कैंपों के माध्यम से नक्सलगढ़ में विकास कार्य पहुंचाना है. ग्रामीणों के हितैषी बनने का मुखौटा पहने नक्सलियों का अब असली चेहरा उजागर हो रहा है. कैंप खुलने के बाद बस्तर पुलिस उन इलाकों में कम्युनिटी पुलिसिंग के तहत आमचो बस्तर-आमचो पुलिस, मावा पुलिस जैसे कई कार्यक्रम चला रही है. जिसके माध्यम से ग्रामीण जवानों से जुड़ते हैं. इन कार्यक्रम के तहत जरूरी सामानों का वितरण करने के साथ ही गांव में सड़क, पुल-पुलिया और बिजली पहुंचने से ग्रामीणों और उनके गांव का विकास होता है.

अन्य ग्रामीण भी कर रहे कैंप खोलने की मांग

आईजी ने कहा कि नए कैंप के खुलने से पुलिस ने ग्रामीणों का भरोसा जीता है. नक्सली प्रभावित क्षेत्रों में सबसे बड़ी समस्या कनेक्टिविटी की है. जिससे थोड़ी बहुत निजात मिल पाई है. अब गांव में अन्य नक्सल प्रभावित इलाकों में भी ग्रामीण कैंप खोलने की मांग कर रहे हैं.

पढ़ें-नक्सलवाद छोड़ लौटीं महिलाओं की बदली जिंदगी, बोलीं- सही रास्ते पर आएं

साल 2021 में भी खोले जाएंगे नये कैंप

आईजी का कहना है कि नक्सलियों के बहकावे में आकर ग्रामीण पुलिस कैंप खोलने का जमकर विरोध करते हैं. लेकिन, ग्रामीणों को जब सही-गलत का एहसास होता है तो वह पुलिस का भी साथ देते हैं. बस्तर में नक्सलियों को जड़ से खत्म करने के लिए पुलिस 2021 में भी और नए कैंप खोलेगी. कैंप ऐसे जगह पर स्थापित किए जाएंगे जहां नक्सलियों का सबसे ज्यादा प्रभाव है, ताकि धीरे-धीरे उन क्षेत्रों में नक्सलियों को खदेड़कर विकास के काम कराए जा सके.

जगदलपुर: बस्तर में नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के लिए बस्तर पुलिस ने कमर कस ली है. नक्सलियों को बैकफुट पर लाने के लिए पुलिस समय-समय पर अपनी रणनीति बदलते रहती है. इसी का नतीजा रहा कि साल 2020 में बस्तर पुलिस को कई सफलताएं मिली. साल 2020 नक्सल मोर्चे पर पुलिस के लिए सफल रहा. इस साल नक्सली घटनाओं में भी काफी कमी देखने को मिली. पुलिस ने नक्सलियों का गढ़ कहे जाने इलाकों में भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराई. इन इलाकों में नए कैंप खोलने में सफलता हासिल की है.

घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 16 नए पुलिस बेस कैंप खोले गए

इस साल 16 नए बेस कैंप खोले गए

बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि साल 2020 पुलिस के लिए सफलता भरा रहा. इस साल जहां 800 से ज्यादा नक्सलियों ने पुलिस के सामने हथियार डाले. वहीं पुलिस नक्सली मुठभेड़ में कई हार्डकोर नक्सली मारे गए. इस साल बस्तर पुलिस और अर्धसैनिक बल ने नक्सलियों के मांद में घुसकर अपनी मौजूदगी भी दर्ज कराई. ऐसे इलाकों में नए पुलिस कैंप भी स्थापित किए जहां नक्सलियों की तूती बोलती है. आईजी ने बताया कि पिछले 10 साल की तुलना में एक साल के अंदर बस्तर संभाग के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 16 नए पुलिस बेस कैंप खोले गए. यह कैंप ऐसी जगह पर स्थापित किए गए हैं. जहां नक्सलियों की सबसे ज्यादा मौजूदगी होती है.

पढ़ें-सुकमा में सुरक्षाबलों ने नक्सल कैंप को किया तबाह, सर्चिंग जारी

पहले कैंप खोलने का ग्रामीणों ने किया विरोध

आईजी ने बताया कि पुलिस कैंप खोलने में उन्हें काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा. ग्रामीणों की आड़ में नक्सली कैंप के खुलने का लगातार विरोध करते रहे. कई जगह तो नक्सलियों के द्वारा लगाए गए आईईडी ब्लॉस्ट की चपेट में आकर कई जवान शहीद हुए. लेकिन पुलिस के जवानों का मनोबल कमजोर नहीं हुआ. बस्तर पुलिस ने अपनी रणनीति के अनुसार नए पुलिस कैंप स्थापित करने में सफलता हासिल की है. शुरुआत में ग्रामीणों ने पुलिस कैंप का जमकर विरोध किया. लेकिन जैसे ही कैंप स्थापित हुआ और जवानों ने ग्रामीणों को अपने भरोसे में लिया. उसके बाद धीरे-धीरे उन गांवों में विकास कार्य तेजी से पहुंचने लगा.

16 new police base camps in bastar
पुलिस बेस कैंप

नये पुलिस कैंप से पहुंचा गांव में विकास

आईजी ने बताया कि कैंप खुलने से ग्रामीणों को अपनी सुरक्षा का एहसास हुआ. उस गांव में स्वास्थ्य सुविधा से लेकर सड़क, पुल-पुलिया का भी निर्माण हुआ. जिससे ग्रामीणों को सुविधाएं मिल पाई और इसका नतीजा यह हुआ कि ग्रामीण कई जगहों पर पुलिस कैंप खोलने की मांग करते भी नजर आए. उनकी मंशा के मुताबिक उन जगहों पर नए कैंप भी स्थापित किए गए. आईजी ने बताया कि अब बस्तर के भोले-भाले आदिवासी, नक्सलियों के मंसूबों को जान गए हैं. हालांकि वे दबाव में आकर पहले पुलिस कैंप का विरोध करते हैं. लेकिन कैंप खुलने के बाद ग्रामीणों को एहसास होता है कि यह कैंप उनके गांव के विकास के लिए और उनकी सुरक्षा के लिए खोले गए हैं.

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पुलिस चला रही कम्युनिटी पुलिसिंग कार्यक्रम

आईजी ने यह भी बताया कि बस्तर पुलिस का मकसद इन पुलिस बेस कैंपों के माध्यम से नक्सलगढ़ में विकास कार्य पहुंचाना है. ग्रामीणों के हितैषी बनने का मुखौटा पहने नक्सलियों का अब असली चेहरा उजागर हो रहा है. कैंप खुलने के बाद बस्तर पुलिस उन इलाकों में कम्युनिटी पुलिसिंग के तहत आमचो बस्तर-आमचो पुलिस, मावा पुलिस जैसे कई कार्यक्रम चला रही है. जिसके माध्यम से ग्रामीण जवानों से जुड़ते हैं. इन कार्यक्रम के तहत जरूरी सामानों का वितरण करने के साथ ही गांव में सड़क, पुल-पुलिया और बिजली पहुंचने से ग्रामीणों और उनके गांव का विकास होता है.

अन्य ग्रामीण भी कर रहे कैंप खोलने की मांग

आईजी ने कहा कि नए कैंप के खुलने से पुलिस ने ग्रामीणों का भरोसा जीता है. नक्सली प्रभावित क्षेत्रों में सबसे बड़ी समस्या कनेक्टिविटी की है. जिससे थोड़ी बहुत निजात मिल पाई है. अब गांव में अन्य नक्सल प्रभावित इलाकों में भी ग्रामीण कैंप खोलने की मांग कर रहे हैं.

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साल 2021 में भी खोले जाएंगे नये कैंप

आईजी का कहना है कि नक्सलियों के बहकावे में आकर ग्रामीण पुलिस कैंप खोलने का जमकर विरोध करते हैं. लेकिन, ग्रामीणों को जब सही-गलत का एहसास होता है तो वह पुलिस का भी साथ देते हैं. बस्तर में नक्सलियों को जड़ से खत्म करने के लिए पुलिस 2021 में भी और नए कैंप खोलेगी. कैंप ऐसे जगह पर स्थापित किए जाएंगे जहां नक्सलियों का सबसे ज्यादा प्रभाव है, ताकि धीरे-धीरे उन क्षेत्रों में नक्सलियों को खदेड़कर विकास के काम कराए जा सके.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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